Palmistry: अगर हाथ में है ऐसी रेखा, तो बनेंगे मशहूर और धनवान
लखनऊ। यह रेखा अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य पर्वत पर देखने को मिलती है। सूर्य रेखा, जीवन-रेखा, चन्द्र-पर्वत, मंगल के मैदान, मस्तक-रेखा एवं ह्रदय रेखा के किसी भी स्थान से प्रारम्भ हो सकती है। इसे अपोलो रेखा, बुद्धि की रेखा या सफलता की रेखा भी कहते है। भाग्य रेखा की भांति इसके प्रभाव को हाथ की बनावट के अनुसार देखना चाहिए। उदाहरण के लिए दार्शनिक, नुकीले एवं चपटे हाथों पर यह अच्छे रूप में देखने को मिलती है।
सूर्य रेखा सफलता में वृद्धि करती है
सूर्य रेखा एक सशक्त भाग्य रेखा के साथ मिलकर सफलता में वृद्धि करती है और व्यक्ति को प्रसद्धि एवं जीवन में विशिष्टता दिलाती है। किन्तु ऐसा तभी होता है जब वह हाथ की रेखाओं में इंगित जीवनवृत्ति एवं कार्यक्षेत्र के अनुसार हो। भिन्न स्थिति में वह जातक की उस मनोवृत्ति से संबंध रखती हो, जो कला से समंबंध रखती है। किन्तु यदि हाथ के अन्य लक्षण भी इसी प्रवृत्ति के अनुकूल नहीं होते है तो ऐसा व्यक्ति मात्र कला का प्रशंसक बनकर रह जाता है, लेकिन उसमें कला को प्रदर्शित करने की क्षमता नहीं होती है।
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सूर्य रेखा से चमकती है किस्मत
- सूर्य रेखा जब जीवन रेखा प्रारम्भ हुई हो और हाथ की बनावट कलात्मक प्रकार की हो तो ऐसा व्यक्ति जीवन सौन्दर्य की उपासना के प्रति समर्पित होता है। यदि अन्य रेखायें भी अच्छी हो तो यह व्यक्ति कला के क्षेत्र में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करता है।
- यदि सूर्य रेखा भाग्य रेखा से निकली हो तो ऐसा जातक भाग्य के बली होने से सफलता अर्जित करता है और आयु की जिस अवधि में अंकित होती है, उसी समय व्यक्ति को विशिष्टता दिलाती है। उसी समय से सभी चीजों का सुधार प्रारम्भ हो जाता है।
- यदि सूर्य रेखा चन्द्र पर्वत से निकली हो तो दूसरे लोगों की सहायता के द्वारा सफलता व विशिष्टता प्राप्त होती है। लेकिन ऐसी रेखा से प्राप्त सफलता सुनिश्चित नहीं होती है, क्योंकि जातक का भाग्य उन लोगों के भाग्य से प्रभावित होता है, जिनके वह सम्पर्क में रहता है।
सूर्य रेखा स्पष्ट हो तो मिलती है सफलता...
- हाथ में सूर्य रेखा स्पष्ट हो और मस्तक रेखा, चन्द्र पर्वत पर झुकी हो तो व्यक्ति को सफलता प्रायः काव्य, साहित्य एवं कल्पनाशीलता वाले कार्यो को करने से प्राप्त होती है।
- अगर सूर्य रेखा मंगल क्षेत्र या हथेली के बीचो-बीच से प्रारम्भ हुई हो तो जातक को काफी संघर्ष व परेशानियाॅ उठाने के बाद सफलता प्राप्त होती है।
- यदि सूर्य रेखा मस्तक रेखा से निकली हो तो किन्ही अन्य लोगों की सहायता के बजाय स्वयं के गुणों व मेहनत के दम पर सफलता मिलती है। किन्तु यह सफलता जीवन के उत्तरार्ध में ही मिल पाती है।
- यदि सूर्य रेखा ह्रदय-रेखा से प्रारम्भ हुई हो तो ऐसे व्यक्ति को कलात्मक वस्तुओं में विशेष रूचि होती है तथा जातक को विशिष्टता एवं सफलता जीवन के अन्तिम भाग में प्राप्त होती है।
- अनामिका यानि तीसरी अंगुली व दूसरी शनि की अंगुली के लगभग बराबर हो और हाथ मे सूर्य रेखा अच्छी लम्बाई लिए हो तो जातक प्रत्येक चीज के जुआ खेलता है। जैसे-गुण, धन, सम्पदा तथा जीवन में मिलने वाले अवसरों से भी जुंआ खेलता है।
- सूर्य रेखा की विशेषता यह है कि यदि यह स्पष्ट रूप से अंकित हो तो अत्यधिक संवेदशीलता की प्रतीक होती है किन्तु यदि इसके साथ-साथ में मस्तक रेखा बहुत अधिक सीधी हो तो यह अधिक धन प्राप्ति की इच्छा, सामाजिक प्रतिष्ठा और अधिकार की ओर संकेत करती है।
- यदि सूर्य पर्वत पर कई रेखायें हो तो ऐसे जातक का स्वभाव अत्यधिक कलात्मक होता है, किन्तु योजनाओं एवं विचारों की भी भरमार उसकी सफलता में बाधा पहुॅचाती है। ऐसे व्यक्तियों में मान-सम्मान एवं यश-अपयश को प्राप्त करने तक धैर्य नहीं होता है।
- यदि किसी जातक के हाथ में सूर्य रेखा न हो तो वह व्यक्ति कितना ही गुणवान एवं कलात्मक क्यों न हों, मेहनत करते हुये भी संसार में मान-सम्मान प्राप्त करने से वचिंत रह जाता है। ऐसे व्यक्ति चाहे जितने योग्य क्यों न हों, किन्तु वे बहुत कम मान-सम्मान ही जीवन में पाते है।
सूर्य रेखा की विशेषता
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