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Palmistry: हथेली में मंगल पर्वत की विशेषता

By Pt. Anuj K Shukla
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लखनऊ। हथेली में मंगल के पर्वत की दो स्थितियां होती है। इसमें से प्रथम पर्वत जीवन रेखा के ऊपरी हिस्से के ठीक नीचे तथा दूसरा इसके विपरीत ह्रदय रेखा व मस्तक रेखा के बीच वाले स्थान पर पाया जाता है। प्रथम पर्वत शारीरिक-विशेषताओं एवं द्वितीय पर्वत मानसिक स्थिति को दर्शाता है। यदि प्रथम पर्वत खड़ा है तो सकारात्मक माना जाता है और यह उस दिशा में अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, जब व्यक्ति 21 मार्च से 28 अप्रैल के मध्य में जन्मा हो, क्योंकि वर्ष का यह भाग राशिमण्डल में मंगल का सकारात्मक क्षेत्र माना जाता है।

मंगल के दूसरे पर्वत को नकारात्मक माना गया है

मंगल के दूसरे पर्वत को नकारात्मक माना गया है

मंगल के दूसरे पर्वत को नकारात्मक माना गया है। यह तब और अधिक नकारात्मक हो जाता है जब व्यक्ति का जन्म 21 अक्टूबर से 28 नवम्बर के मध्य हुआ हो, क्योंकि यह समय राशिचक्र में मंगल ग्रह का नकारात्मक पक्ष होता है।

अब हम मंगल पर्वत की इन दोनों स्थितियों पर प्रकाश डालेंगे कि मन तथा स्वभाव पर मंगल किस तरह प्रभाव डालता है एवं उनका स्वास्थ्य एवं रोग की प्रवृत्ति से क्या सम्बन्ध है...

मंगल का प्रथम पर्वत

मंगल का प्रथम पर्वत

मंगल का प्रथम पर्वत जीवन रेखा से आरंभ होता है। जब व्यक्ति मंगल के इस क्षेत्र में 21 मार्च से 28 अप्रैल के मध्य में जन्मा हो। ऐसा जातक स्वभावतः शक्तिशाली व लड़ाकू होता है। उसमें उददेश्य एवं निश्चय की दृढ़ता होती है। वह अपने सभी आलोचको का मुख अपने तर्को से बन्द कर देता है। ऐसे लोग विचारों में दृढ़ किन्तु रूढ़िवादी होते है और दूसरों की सलाह न के बराबर ही मानते है। उन्हें सिर्फ नरमी, धैर्य, कला या स्नेह से ही काबू में किया जा सकता है। ये लोग स्वभाव से मिलनसार होते है लेकिन क्षणिक आवेश में गलत कार्य भी कर देते है। उनका सबसे बड़ा गुण आवेश में आकर धैर्य को खो देना। यदि एक सुदृढ़ मस्तक रेखा हाथ में न हो तो ये लोग पागलों की भांति हर प्रकार के खतरों से खेलने को आतुर रहते है। ऐसे व्यक्तियों को आत्म संयम व धैर्य रखने की सलाह दी जानी चाहिए। इन्हें शराब व हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए।

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मंगल का दूसरा पर्वत

मंगल का दूसरा पर्वत

मंगल का दूसरा पर्वत ह्रदय रेखा एवं मस्तक रेखा के मध्य के स्थान पर होता है। यह उस समय और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, जब व्यक्ति 21 अक्टूबर से 28 नवम्बर तक जन्मा हो। राशिमण्डल में वर्ष के इस भाग को मंगल का नकारात्मक क्षेत्र माना गया है।जिन लोगों के हाथ में यह क्षेत्र उन्नत होता है, वे स्वभाव या चरित्र में पूर्व प्रकार से कतई भिन्न होते है। उनमें मंगल के सभी गुण दिमाग में भरे होते है। मानसिक रूप से काफी साहसी होते है। उनमें शारीरिक के बजाय नैतिक व मानसिक साहस अधिक होता हैं।

नकारात्मक मंगल

नकारात्मक मंगल

अधिक विकसित दिमाग के न होने के कारण वे अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण करने में किसी हद तक जा सकते है। नकारात्मक मंगल वाले व्यक्ति अन्य सभी से अधिक चलायमान विचार वाले होते है, इसीलिए उन्हें किसी एक व्यवसाय में बहुत दिन तक टिके रहना मुश्किल होता है। यदि साथ में एक अच्छी मस्तक रेखा हो तो संसार में ऐसा कोई मानसिक परिश्रम नहीं है, जिनमें वे सफलता न प्राप्त कर सके। राशिमण्डल में उनका समय अनन्त काल से एक ऐसे चिन्ह से चिन्हित किया जाता रहा है, जिनमें एक ऐसा बिच्छू है, जिसका डंक घायल है। यह चिन्ह एक ऐसा बाज है जो अपना सिर आकाश की ओर किये हुये है। ये दोनो ही प्रतीक दोनों प्रकार के स्वभावों की भिन्नता को प्रदर्शित करते है।

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English summary
Line of Mars is usually found alongside with the Line of Life. It originates either from the initial part of the Line of Life or from the lower region of the Mars and proceed towards the mount of Venus.
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