Palmistry: 5 शुभ चिन्ह में कोई एक भी है आपके हाथ में, तो जिएंगे राजा के समान जीवन
नई दिल्ली। हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में मौजूद चिन्हों का विशेष महत्व होता है। रेखाओं से जीवन में घटित होने वाली शुभ अशुभ घटनाओं के बारे में पता किया जाता है, लेकिन चिन्हों से जीवन के बड़े बदलावों या किन्हीं विशिष्ट योगों के बारे में जानकारी हासिल की जाती है। वैसे तो हस्तरेखा शास्त्र में ऐसे सैकड़ों चिन्ह का वर्णन मिलता है, लेकिन यहां सिर्फ पांच अतिविशिष्ट चिन्हों के बारे में जानकारी दे रहा हूं। ये वे खास चिन्ह हैं जिनमें से यदि एक भी किसी की हथेली में है तो उसे राजसी जीवन जीने से कोई नहीं रोक सकता। वह अखंड संपत्ति का मालिक बनता है और उसके जीवन में समस्त प्रकार के भोग ऐश्वर्य सहज उपलब्ध हो जाते हैं।
शंख
हिंदू धर्म में शंख को अत्यंत पवित्र और पूजनीय स्थान प्राप्त है। शंख अनेक देवी-देवताओं के हाथों में होता है, लेकिन प्रमुख रूप से यह भगवान विष्णु को प्रिय है। शंख विजय का सूचक होता है। शंख का चिन्ह जिस व्यक्ति की हथेली में पाया जाता है वह जीवन में कभी असफल नहीं होता। जो भी काम प्रारंभ करता है उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त करता है। शंख का चिन्ह जिसके हाथ में हो शत्रु उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाते। वह सर्वत्र विजय हासिल करता है।
चक्र
चक्र भी भगवान विष्णु से संबंधित प्रमुख चिन्ह है। यह चिन्ह अत्यंत भाग्यशाली व्यक्तियों के हाथ में ही पाया जाता है। लाखों में से किसी एक व्यक्ति के हाथ में चक्र का निशान होता है। जिसके हाथ में यह चिन्ह होता है वह अतुलनीय धन संपदा का मालिक होता है। ऐसा व्यक्ति राजा के समान पद, प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। देश के सर्वोच्च पदों पर पहुंचता है और उसके अधीन लाखों लोग काम करते हैं। यह चिन्ह उच्च कोटि के संतों का हाथ में भी देखा गया है।
कमल
कमल का चिन्ह महालक्ष्मी से संबंधित है। यह चिन्ह जिस किसी स्त्री-पुरुष के हाथ में होता है। वह अखंड साम्राज्यपति होता है। इसके पास अखंड संपत्ति होती है। ऐसा व्यक्ति दुनिया का बड़ा उद्योगपति होता है और सैकड़ों नौकर-चाकर इसकी सेवा में लगे रहते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि कमल का चिन्ह होने पर व्यक्ति अत्यंत अहंकारी हो जाता है और अहंकार के नशे में वह किसी की नहीं सुनता। बेशक उसे संपत्ति की कोई कमी नहीं होती लेकिन उसके शत्रु भी उतने ही अधिक होते हैं।
स्वस्तिक
हिंदू धर्म के पवित्र धार्मिक चिन्हों में स्वस्तिक का चिन्ह भी शामिल होता है। किसी भी पूजा से पूर्व स्वस्तिक बनाना हमारी परंपरा रही है। स्वस्तिक का चिन्ह जिस व्यक्ति के हाथ में होता है वह अत्यंत सदाचारी, सद्गुणी और धर्मपरायण होता है। ऐसा व्यक्ति धर्म-कर्म के कार्य करके प्रतिष्ठा हासिल करता है। वह व्यक्ति पूजनीय हो जाता है। सर्वत्र मान-सम्मान उसे सहज ही हासिल हो जाता है। वह न केवल स्वयं बल्कि दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
मत्स्य
भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार लेने के कारण मछली को भी पवित्र जंतु की श्रेणी में रखा जाता है। घर के एक्वेरियम में मछली रखने का फैशन तो है ही ये मछलियां सकारात्मक ऊर्जा की सबसे बड़ी वाहक होती हैं। मछली का चिन्ह हथेली में होने पर व्यक्ति के जीवन की सारी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और वह जिस कार्य में हाथ डालता है उसमें सफलता अर्जित करता है। धन संपदा की ऐसे व्यक्ति के पास कोई कमी नहीं होती है।
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