Navratri 2018: इस बार नाव पर सवार होकर आई हैं मां, होगा मंगल ही मंगल
नई दिल्ली। आज से शारदीय नवरात्रि 2018 का शुभारंभ हुआ है, आज ही चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग है। नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों आराधना की जाती है, इस बार मां दुर्गा का आगमन नाव से हुआ है और हाथी पर मां की विदाई होगी, यह अति शुभ है क्योंकि नाव पानी और फसल का प्रतीक है जबकि हाथी समृद्धि का।
इस बार माता का आगमन नाव पर हो रहा है
दरअसल घटस्थापना के दिन के मुताबिक मां की सवारियां बदल जाती हैं इसलिए हर साल माता का वाहन अलग-अलग होता है। इस बार माता का आगमन नाव से हुआ है, जिसे कि धर्म के हिसाब से अच्छा कहा जा रहा है।
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मां की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है
- सोमवार को मां की सवारी: हाथी।
- मंगलवार को मां की सवारी: अश्व यानी घोड़ा।
- बुधवार को मां की सवारी: नाव।
- गुरूवार को मां की सवारी: डोली।
- शुक्रवार को मां की सवारी: डोली।
- शनिवार को मां की सवारी: अश्व यानी घोड़ा।
- रविवार को मां की सवारी: हाथी।
विदाई का भी है खास महत्व
ऐसे ही मां की विदाई भी दिन और वार के अनुसार होता है, यदि विजयादशमी बुधवार या शुक्रवार को पड़े तो श्री दुर्गा माता का प्रस्थान हाथी पर होता है, इस बार विजयादशमी 19 अक्टूबर शुक्रवार को है इसलिए मां की विदाई हाथी पर होगी, यह भी एक शुभ संकेत है क्योंकि हाथी वैभव और कल्याण का प्रतीक है।
नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त 2018
10 अक्टूबर को सुबह 06:18:40 से लेकर 10:11:37 तक (अवधि : 3 घंटे 52 मिनट) है। वैसे नवरात्र के प्रारंभ से ही अच्छा वक्त शुरू हो जाता है इसलिए अगर जातक शुभ मुहूर्त में घट स्थापना नहीं कर पाता है तो वो पूरे दिन किसी भी वक्त कलश स्थापित कर सकता है क्योंकि मां दुर्गा कभी भी अपने भक्तों का बुरा नहीं करती हैं।
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