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Navratri 2018: राशियों के मुताबिक करें दुर्गा शप्तशती का पाठ

By Pt. Anuj K Shukla
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लखनऊ। मां दुर्गा जो भी शस्त्र धारण किये हुये है, उसका अपना प्रतीकात्मक अर्थ होता है। देवी-देवता हमारे अन्तःकरण में रहते है, वे हमारे स्वयं का प्रतिबिम्बन है। सुन्दर व वात्सल्यमयी देवी दुर्गा शेर की सवारी करती है। आखिर ऐसा क्यों? । मां दुर्गा शक्ति और महाशक्ति का प्रतीकात्मक स्वरूप है। हमारे मनीषियों ने शब्दों की बजाय प्रतीक रूपों में ईश्वर को प्रस्तुत करना उचित समझा क्योंकि शब्द समय के अनुसार बदलते रहते है, किन्तु प्रतीक कभी बदला नहीं करते है। इस बार नवरात्र पूरे नौं दिन रहेंगे। 10 अक्टूबर को प्रथम नवरात्र है और 18 अक्टूबर को महावनमी है।

नवरात्र तिथियां

नवरात्र तिथियां

  • प्रतिपदा तिथि-10 अक्टूबर
  • द्वितीया तिथि-11 अक्टूबर
  • तृतीया तिथि-12 अक्टूबर
  • चतुर्थी तिथि-13 अक्टूबर
  • पंचमी तिथि-14 अक्टूबर
  • षष्ठी तिथि-15 अक्टूबर
  • सप्तमी तिथि-16 अक्टूबर
  • अष्टमी तिथि-17 अक्टूबर
  • नवमी तिथि-18 अक्टूबर
घट स्थापना मुहूर्त-वृश्चिक लग्न एक स्थिर लग्न है इसलिए वृश्चिक लग्न में कलश स्थापित करना अधिक शुभ रहेगा। वृश्चिक लग्न सुबह 9:00 बजे से 11:10 मिनट तक रहेगी। इस शुभ कार्यकाल में कलश स्थापित करने लाभकारी रहेगा।

राशियों के मुताबिक करें दुर्गा शप्तशती का पाठ

राशियों के मुताबिक करें दुर्गा शप्तशती का पाठ

  • मेष- आप मंगल प्रधान व्यक्ति है, इसलिए आपको क्रोध ज्यादा आता होगा। आप दुर्गा शप्तशती के पहले अध्याय का पाठ करें जिससे टेंशन व क्रोध में कमी आयेगी।
  • वृष- आप शुक्र प्रधान जातक है। भावनाओं में बहकर अकसर त्रुटि कर बैठते जिसका बाद में पछतावा होता है। आप दुर्गा शप्तशती के दूसरे अध्याय का पाठ नियमित नौं दिन तक करने आपके जीवन में सुख व समृद्धि आयेगी।
  • मिथुन- आप बुध प्रधान व्यक्ति है। वाणी के आप धन है और महत्वाकांक्षा आपके खून में समायी है। आपके बाॅस सन्तुष्ट नहीं रहते होंगे। जीवन साथी से अनबन भी रहती होगी। आप दुर्गा शप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करने से लाभ मिलेगा।
  • कर्क- आप चन्द्र प्रधान व्यक्ति है। आप भावनात्मक आवेग पर काबू पाकर जीवन में सफल हो सकते है। दुर्गा शप्तशती के पाॅचवें अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके जीवन में सफलता के नयें आयाम रच सकते है।
  • सिंह- आप सूर्य प्रधान व्यक्ति है। आप पर बुध का भी अच्छा प्रभाव रहेगा। अनिर्णय की स्थिति आपके कार्यो में बाधा का रूप लेती रहेगी। दाम्प्त्य जीवन में तारतम्य अच्छा रहेगा। इसलिए आप दुर्गा शप्तशती के तृतीय अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते है।
  • कन्या- आप बुध प्रधान जातक है। आप बुद्धिमान है, तेज-तर्रार है किन्तु बड़े निर्णय लेने से घबराते है। दुर्गा शप्तशती के दसवें अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके आप चिन्ता मुक्त एंव भय मुक्त होकर एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते है।

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दुर्गा शप्तशती का पाठ

दुर्गा शप्तशती का पाठ

  • तुला- आप शुक्र प्रधान व्यक्ति है। आपके आत्म-विश्वास व साहस में यदि कमी रहती है, तो आप दुर्गा शप्तशती के छठें अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके लाभ प्राप्त कर सकते है।
  • वृश्चिक- आप मंगल प्रधान व्यक्ति है। आपके जीवन में मगंल का विशेष रोल रहेगा। आप-अपने रूखे स्वभाव व क्रोध पर नियन्त्रण रखना होगा। दुर्गा शप्तशती के आठवें अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके अपने व्यवहार में शालीनता व मधुरता लाकर जीवन को सुखमय बना सकते है।
  • आपका जीवन शनि की छत्र-छाया में रहेगा

    आपका जीवन शनि की छत्र-छाया में रहेगा

    • धनु- आपकी राशि का स्वामी गुरू है। यदि आपकी कुण्डली में कोई भी ग्रह आपको पापी होकर पीड़ित कर रहा है, तो आप दुर्गा शप्तशती के ग्यारहवें अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करने से पीड़ित ग्रह आपको शुभ फल देने लगेंगे।
    • मकर- आपका जीवन शनि की छत्र-छाया में रहेगा। आप आडम्बर व अन्याय के घोर विरोधी होंगे जिससे आपके विरोधी बनने में देर नहीं लगेगी। आप दुर्गा शप्तशती के आठवें अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके लाभ प्राप्त कर सकते है।
    • कुम्भ- आप पर विशेषकर शनि का प्रभाव रहेगा। जीवन में सुख व समृद्धि प्राप्त करने के लिए आप दुर्गा शप्तशती के चैथे अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करें।
    • मीन- आप गुरू प्रधान व्यक्ति है। व्यापार व विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करन के लिए आप दुर्गा शप्तशती के नौंवे अध्याय का नौं दिन विधिवत पाठ करके लाभ ही लाभ प्राप्त कर सकते है।

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English summary
his year, the festival of Sharad or Maha Navratri dates are October 10, 2018 to October 19, 2018.
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