क्या 2019 में Narendra Modi फिर बनेंगे पीएम, क्या कहती है उनके सितारों की चाल?
लखनऊ। मोदी का जन्म 17 सितम्बर सन् 1950 को सुबह 11 बजे गुजरात में हुआ था। आपकी वृश्चिक राशि है जिसका स्वामी मंगल काफी बलवान अवस्था में है। वृश्चिक का मंगल आपकी कुण्डली में बना रहा है शत्रुहंता योग। इसलिए विरोधी या शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे। खास बात ये है जो भी आपका विरोध करेगा उसके असितत्व पर ग्रहण लग जाएगा।
आइए जानते है नववर्ष के शुभ बेला पर क्या कहते है मोदी के सितारे?
ज्योतिषीय विशलेषण के आधार पर कुछ विशेष तथ्य
वर्तमान में मोदी की पत्री में चन्द्रमा की महादशा में बुध की अन्तर व शनि की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। चन्द्रमा भाग्येश होकर नीचभंग राजयोग का निर्माण कर रहा है। लग्न में मंगल के साथ चन्दमा की युति है। मोदी जब-तक स्वंय के विवेक के आधार पर निर्णय लेेते रहेंगे तब-तक सब कुछ बेहतरीन होता रहेगा। जैसे ही किसी के बहकावे में आकर कार्य करेंगे तो छवि धूमिल हो सकती है। शनि तृतीयेश व चतुर्थेश होकर राजनीति के कारक भाव दशम में अपने मित्र शुक्र के साथ बैठा है। शनि की यह स्थिति उत्तम है। शनि की दशा में मोदी की लोकप्रियता बनी रहेगी।
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27 फरवरी 2019 से चन्द्रमा में केतु का अन्तर
27 फरवरी 2019 से चन्द्रमा में केतु का अन्तर शुरू हो जायेगा जो 28 सितम्बर 2019 तक चलेगा। केतु आपकी कुण्डली में लाभ भाव में सूर्य, बुध के साथ बैठा है। केतु की पंचम दृष्टि जनता के संकेतक भाव पंचम पर पड़ रही है। केतु एक अशुभ ग्रह है जिसकी जिस स्थान पर दृष्टि पड़ती है, उस स्थान की हानि होती है। चन्द्रमा आपके भाग्य भाव का स्वामी होकर लग्न में नीच का होकर बैठा है। चन्द्रमा एक शुभ ग्रह है और केतु एक अशुभ ग्रह इन दोनों का कार्यकाल बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। मोदी की राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि तृतीयेश व चतुर्थेश होकर दशम भाव में अपने मित्र शुक्र के साथ में बैठा है, इसलिए शनि की साढ़ेसाती मोदी के लिए कष्टकारी साबित हो सकती है।
मैत्री पूर्ण सम्बन्धों का लाभ मिलेगा
इस दौरान विशिष्टि व्यक्तियों से मैत्री पूर्ण सम्बन्धों का लाभ मिलेगा। राजनैतिक सफलता का ग्राफ ऊंचा जाएगा। विदेशों से नयें सम्बन्ध लाभप्रद होंगे। भारी ऋण तथा विदेशी सहायता से बचना होगा अन्यथा हानि हो सकती है। बुध और चन्द्रमा मित्र है एंव बुध लाभ भाव में कन्या राशि में स्थित है किन्तु बुध की दूसरी राशि मिथुन अष्टम भाव में भाव पड़ी है। अष्टम भाव समस्याओं का सूचक है। अतः इस दौरान कुछ समस्यायें चुनौती बनकर मोदी के सामने आ सकती है। विपक्षी तथा विरोधी प्रभावी होकर नई योजनाओं में अड़गा लगायेंगे। परियोजनाओं की सफलता के लिए अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता है। वित्तीय अनुशासन को कड़ाई से लागू करना आवश्यक है अन्यथा सुधार होना सम्भव नहीं है। मन्त्रिमण्डल, अधिकारियों व अन्य सरकारी विभागों में सामंजस्य के कारण योजनाओं के पूरा होने में बाधायें आयेंगी। विभिन्न मंत्रालयों के मध्य सामंजस्य में गिरावट बनी रह सकती है। जिससे आपका मन व्यथित व चितिंत होगा। जनवरी-फरवरी 2019 में मोदी कुछ ऐसे निर्णय ले सकते है जिससे गरीब जनता को लाभ होगा एंव भ्रष्ट व बेईमान लोगों को मुसीबत होगी।
अप्रैल-मई में होंगे लोकसभा चुनाव
सम्भवतः सन् 2019 अप्रैल-मई में अगामी लोकसभा चुनाव होने की सम्भवना है। उस समय आपकी पत्री में चन्द्रमा की दशा में केतु का अन्तर और शुक्र प्रत्यन्तर चल रहा होगा। गोचर में गुरू वक्री होकर धनु राशि में, शनि व केतु भी धनु राशि में रहेगा। राहु मिथुन राशि मेें गोचर करेगा। गुरू आपके दूसरे भाव में गोचर करेगा जिसकी पंचम दृष्टि छठें भाव पर, सप्तम दृष्टि अष्टम भाव पर व नवम दृष्टि सत्ता के संकेतक भाव दशम पर पड़ेगी। मिथुन का राहु आपके अष्टम भाव में गोचर करेगा। अष्टम भाव का राहु अचनाक समस्यायें उत्पन्न करता है। केतु धनु राशि में रहेगा जो आपके दूसरे भाव में गोचर करेगा। केतु की यह स्थिति शुभ कही जा सकती है।
नरेन्द्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री अवश्य बनेंगे!
इन सभी ग्रहों के संकेतो को मिलाकर निष्कर्ष यह निकलता है अगामी लोकसभा चुनाव 2019 मोदी के लिए कठिन संघर्षो भरा रहेगा। किन्तु केतु आपकी कुण्डली में लाभ भाव में बैठकर जनता के कारक भाव पचंम को सप्तम दृष्टि से देख रहा है। केतु ध्वज का प्रतीक है, इसलिए एक बार फिर से मोदी का झण्डा केतु ऊंचा करेगा। अप्रैल में सूर्य का प्रत्यन्तर शुरू हो जायेगा। इसी दौरान लोकसभा चुनाव होने के संकेत है। सूर्य भी लाभ भाव में बैठकर पंचम भाव को देख रहा है। अंक ज्योतिष के अनुसार अगली 17वीं लोकसभा होगी और 17 तारीख मोदी का जन्मदिवस है। यह एक बहुत ही शुभ संयोग है। इन सभी ज्योतिषीय तथ्यों के आधार पर मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 17वी लोकसभा में पूर्ण बहुमत के साथ तो नहीं लेकिन नरेन्द्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री अवश्य बनेंगे।
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