Samudrika Shastra: कान केवल सुनते नहीं बल्कि कुछ कहते भी हैं...
नई दिल्ली। सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमें किसी मनुष्य के शरीर के विभिन्न् अंगों की बनावट और आकृति देखकर उसके स्वभाव, गुणधर्म और काफी हद तक उसके भविष्य के बारे में पता किया जाता है। सामुद्रिक शास्त्र अत्यंत प्राचीनकाल से जनमानस में प्रचलित रहा है। प्रारंभ में इसे मात्र मनोरंजन का साधन समझा जाता था, लेकिन जैसे-जैसे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई, लोग इसे गंभीरता से लेने लगे। सामुद्रिक शास्त्र के जरिए मनुष्य के किसी भी अंग का आकार, उसकी बनावट, उसका रंग, उस पर मौजूद निशान आदि को देखकर उसके व्यक्तित्व के बारे में बताया जाता है। इस लेख में हम बात करेंगे कान की। कान केवल सुनने का काम ही करते हैं, लेकिन सामुद्रिक शास्त्र के नियमों के अनुसार मनुष्य के कान उसके व्यक्तित्व के राज बताने का काम भी करते हैं।
आइए जानते हैं
कान के प्रकार
सामुद्रिक शास्त्र में कानों के प्रकारों के बारे में विस्तृत वर्णन मिलता है। इसके अनुसार मनुष्य के कान अनेक प्रकार के होते हैं। इनमें छोटे कान, अत्यधिक छोटे कान, लंबे कान, चौड़े कान, गजकर्ण कान यानी हाथी जैसे कान, बंदर जैसे कान, मोटे कान, पतले कान, अव्यवस्थित कान आदि।
छोटे कान : सामुद्रिक शास्त्र में छोटे कान के व्यक्तियों को कंजूस की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे व्यक्ति धन पकड़कर रखना जानते हैं। स्वयं की जरूरतों पर भी खर्च करने से तब तक बचते हैं जब तक कि अत्यंत जरूरी ही ना हो जाए। ऐसे व्यक्तियों का सामाजिक जीवन कमजोर होता है। इनकी कोई पूछ-परख भी नहीं करता है और ये हर व्यक्ति, हर काम को एक प्रकार की संदेहभरी दृष्टि से देखते हैं। हालांकि कई मामलों में ये भरोसेमंद होते हैं।
अत्यधिक छोटे कान : अत्यधिक छोटे कान के व्यक्ति धार्मिक प्रवृत्ति के माने जाते हैं। धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, लेकिन इसके विपरीत ये लोग धार्मिक कार्यों से ही मोटी रकम बनाते हैं। ये लालची किस्म के होते हैं और किसी को धोखा बड़ी चतुराई से दे सकते हैं। इनका चंचल स्वभाव इन्हें कई बार बड़ी मुसीबतों में डाल देता है।
लंबे कान : लंबे कान परिश्रम के सूचक हैं। जिन व्यक्तियों के कान लंबे होते हैं वे परिश्रमी तथा कर्मठ होते हैं। ये कभी किसी काम में पीछे नहीं हटते और जो काम हाथ में लेते हैं उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं, चाहे उसमें कितनी ही कठिनाइयां आएं। लंबे कान बुद्धिमान व्यक्तियों के होते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी भी बात का गहराई से अध्ययन करने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।
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चौड़े कान सफलता के सूचक
चौड़े कान : जिन व्यक्तियों के कान की चौड़ाई उनकी लंबाई की अपेक्षा ज्यादा होती है, वे चौड़े कान कहलाते हैं। ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली कहे गए हैं। ये अपनी मेहनत और लगन से जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। ये लोग हाथ आए किसी भी ऐसे मौके को जाने नहीं देते, जो इनके लिए लाभदायक होता हो। चौड़े कान सफलता के सूचक हैं।
मोटे कान : मोटे कान के व्यक्ति साहसी और सफल नेतृत्वकर्ता होते हैं। ऐसे व्यक्ति मोटिवेशनल स्पीकर, राजनेता या लेखक होते हैं। हालांकि इनका स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा किस्म का होता है। अगर इन्हें कान का कच्चा कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। ये किसी भी काम को उत्साह के साथ शुरू करते हैं।
हाथी के समान बड़े कान शुभता का सूचक
गजकर्ण कान : हाथी के समान बड़े कान शुभता का सूचक हैं। ऐसे व्यक्ति अपने कार्य में सफल और दीर्घायु होते हैं। ऐसे व्यक्ति समाज में खूब प्रतिष्ठा हासिल करते हैं। ये अच्छे वक्ता के साथ अच्छे श्रोता भी होते हैं। पूरी बात को अच्छे से सुनने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। बड़े अधिकारियों के ऐसे कान होते हैं।
बंदर जैसे कान : बंदर जैसे कान वाले व्यक्ति लालची किस्म के होते हैं। इनकी निगाह हमेशा दूसरों के धन और वस्तुओं पर लगी रहती है। ये अत्यंत कामी और क्रोधी भी होते हैं। इनकी बात पूरी नहीं होती है तो ये क्रोधित हो जाते हैं और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
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