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Must Read: इंजीनियरिंग में दाखिला लेने से पहले ये योग जरूर देख लें

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी जरूरत हर जगह लगती है। इसीलिए बरसों से माता-पिता की ख्वाहिश अपने बच्चों को इंजीनियर बनाने की रही है। पहले सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी गिनी-चुनी शाखाएं ही हुआ करती थी, लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का दबदबा बढ़ता गया, इंजीनियरिंग की अनेक ब्रांच सामने आ गई। अब तो यह युग पूरी तरह तकनीक पर आधारित हो गया है इसलिए इंजीनियरिंग का उपयोग हर जगह बड़ी मात्रा में हो रहा है। इसके साथ ही इंजीनियर्स की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है, हालांकि योग्य और कुशल इंजीनियरों की कमी आज भी बनी हुई है और इस फील्ड में कॉम्पीटिशन भी बहुत बढ़ गया है। ऐसे में यदि आप भी अपने बच्चों को इंजीनियर बनाना चाहते हैं तो पहले उनकी जन्मकुंडली दिखा लेना चाहिए। क्योंकि ज्योतिष सही कॅरियर चुनने में बड़ी मदद करता है।

आइए जानते हैं जातक को एक सफल इंजीनियर बनाने और इस फील्ड में सफलता देने के लिए कौन-कौन से ग्रह और योग उत्तरदायी होते हैं...

वैदिक ज्योतिष

वैदिक ज्योतिष

वैदिक ज्योतिष में मंगल और शनि से इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र के बारे में जानकारी हासिल की जाती है। शनि को लौह से जुड़े पदार्थों, मशीनों, औजारों, उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है। वहीं विद्युत, अग्नि, इलेक्ट्रिक का प्रतिनिधि ग्रह है और मशीनों को गति देने का काम करता है। इंजीनियरिंग फील्ड में मंगल और शनि दोनों का ही बड़ा प्रभाव होता है।

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शुभ ग्रहों के साथ और शुभ ग्रहों की दृष्टि भी जरूरी

शुभ ग्रहों के साथ और शुभ ग्रहों की दृष्टि भी जरूरी

यह कहा जा सकता है कि इन दोनों ग्रहों से ही इंजीनियरिंग का पूरा क्षेत्र संचालित होता है। यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में शनि और मंगल बलवान, शुभ ग्रहों के साथ और शुभ ग्रहों की दृष्टि में हो तो व्यक्ति इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल कॅरियर बना सकता है। इनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल इंजीनियरिंग, विद्युत क्षेत्र और सिविल इंजीनियरिंग आदि प्रमुख हैं।

कुछ खास योग इंजीनियरिंग के

कुछ खास योग इंजीनियरिंग के

  • जन्मकुंडली में मंगल और शनि की स्थिति के साथ दशम और एकादश भाव का अध्ययन करना भी जरूरी है। क्योंकि दशम भाव आजीविका का स्थान है और एकादश आय स्थान होता है। इन दोनों घरों में बुध और बृहस्पति जैसे शुभ ग्रहों की उपस्थिति के साथ शनि-मंगल का शुभ योग हो तो जातक विशेष सफलता अर्जित करता है।
  • यदि जन्मकुंडली में शनि स्वराशि मकर या कुंभ में हो या अपनी उच्च राशि तुला में हो तो इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यों के लिए सफलताकारक होता है।
  • दशम स्थान का बलवान शनि जातक को एक सफल इंजीनियर तो बनाता ही है, ऐसा व्यक्ति विदेशों से धन अर्जित भी करता है।
  • दशम भाव में बलवान मंगल की उपस्थिति भी इस फील्ड में सफलता दिलाता है।
  • मंगल का स्व राशि मेष, वृश्चिक में होना और शुभ ग्रहों की दृष्टि होने से इलेक्ट्रॉनिक्स, बिल्डिंग निर्माण क्षेत्रों के लिए शुभ होता है।
  • शनि यदि चतुर्थ भाव सुख स्थान में हो तो उसकी दशम भाव पर दृष्टि होने से तकनीकी क्षेत्रों में तरक्कीकारक योग बनाता है।

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English summary
Some indications in horoscope for opting engineering and becoming an engineer.Here is deatails, Please Have a Look.
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