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Palmistry: कहीं आपके हाथ में भी तो क्रास नहीं, जानिए इसक मतलब
लखनऊ। क्रास चिन्ह का गुण, नक्षत्र चिन्ह के विपरीत होता है और बहुत कम स्थितियों में ही यह अनुकूल या शुभ माना जाता है। यह चिन्ह कष्ट, निराशा, खतरा एवं कभी-कभी जीवन के उन परिवर्तनों का भी सूचक होता है, जो कष्ट से उत्पन्न होते है। किन्तु हथेली में बृहस्पति-क्षेत्र पर इस चिन्ह को शुभ माना जाता है। इस स्थान पर चिन्ह होने का मतलब है कि कम से कम कोई एक घनिष्ठ सम्बन्ध जातक का जरूर होगा, अगर भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से प्रारम्भ हुई हो तो ऐसा निश्चित रूप से होता है। और ऐसा जातक जीवन में अध्यापन का कार्य करता है।
क्रास चिन्ह
- बृहस्पति क्षेत्र के क्रास चिन्ह की एक विशेषता यह भी होती है कि प्रेम का सम्बन्ध उसके जीवन में कब प्रभाव डालेगा। यदि यह क्रास चिन्ह जीवन रेखा के आरम्भ में और हथेली के किनारे पर होता है तो जीवन के प्रारम्भिक काल में, यदि यह चिन्ह वृहस्पति पर्वत के शिखर पर हो तो मध्यमावस्था में और अगर यह क्रास चिन्ह बृहस्पति पर्वत के मूल स्थान में हो तो जीवन के अन्तिम भाग में व्यक्ति के जीवन पर प्रेम सम्बन्ध का प्रभाव पड़ता है।
- यदि क्रास चिन्ह शनि क्षेत्र पर हो और यह भाग्य रेखा को स्पर्श करता हो तो यह जातक की हिंसा या दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु की ओर संकेत करता है किन्तु यदि यह चिन्ह शनि पर्वत के मध्य में हो तो व्यक्ति की भाग्यवादी सोंच में वृद्धि करता है।
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शत्रुओं द्वारा भयानक विरोध की ओर संकेत करता है
- अगर यह क्रास चिन्ह सूर्य रेखा पर हो तो ऐसे व्यक्ति को कला, धन एवं प्रसिद्धि पाने के लिए काफी संघर्ष और निराशा का सामना करना पड़ता है।
- यदि यह क्रास चिन्ह बुध क्षेत्र पर हो तो बेईमान होता है। वह कहता कुछ है और करता कुछ और है अर्थात उसकी कथनी-करनी में भिन्नता होती है।
- यदि चिन्ह बुध के नीचे मंगल-क्षेत्र पर हो तो यह शत्रुओं द्वारा भयानक विरोध की ओर संकेत करता है। यदि बृहस्पति के नीचे मंगल क्षेत्र पर चिन्ह हो तो लड़ाई-झगड़े या हिंेसात्मक आक्रमण से जातक की मृत्यु हो सकती है।
- यदि यह चिन्ह मस्तक रेखा के नीचे चन्द्र पर्वत पर हो तो कल्पनाशीलता की ओर संकेत करता है। ऐसा जातक स्वयं को ही धोखा देता है।
- अगर यह चिन्ह शुक्र क्षेत्र पर अच्छी स्थिति में हो तो प्रेम के भयानक परिणामों एवं प्रभावों के सम्बन्ध में सूचना देता है परन्तु यदि यह क्रास चिन्ह छोटा तथा जीवन रेखा के निकट हो तो रिश्तेदारों से लड़ाई-झगड़ा एवं परेशानियों का सूचक होता है।
- यदि यह चिन्ह मंगल के मैदान में भाग्य रेखा के किनारे पर यानि जीवन रेखा तथा भाग्य रेखा के बीच में क्रास चिन्ह हो तो जातक के सम्बन्धी उसकी जीवनवृत्ति पर ऐसा प्रभाव डालते है, जिससे उसके भाग्य में बेहतर परिवर्तन होता है। किन्तु यदि यह चिन्ह भाग्य रेखा के दूसरी तरफ यानी कि चन्द्र पर्वत की तरफ हो तो यात्रा में कष्ट व निराशा का सामना करना पड़ता है।
- यदि यह चिन्ह मस्तक रेखा के उपर हो और उसे स्पर्श भी कर रहा हो तो जातक किसी ऐसी दुर्घटना का शिकार होता है, जिसमें उसकी मृत्यु तक हो सकती है।
- अगर क्रास चिन्ह भाग्य रेखा पर हो तो धन हानि और यदि ह्रदय रेखा पर हो तो किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु का सूचक होता है, जिसे जातक अत्यधिक प्रेम करता है।
प्रेम के भयानक परिणाम
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Comments
English summary
The cross lines formed by two intersected short lines with similar length are called the cross. The crosses in palmistry have varied auspicious or inauspicious implications subject to the location on the palm.
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