Malmas: 14 मार्च से लग जाएगा मलमास, शुभ कार्यों पर लग जाएगी रोक
नई दिल्ली। चैत्र कृष्ण षष्ठी 14 मार्च 2020, शनिवार को सुबह 11.53 बजे से सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करते ही मलमास प्रारंभ हो जाएगा। इसके साथ ही आगामी एक माह के लिए सभी शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाएगा, क्योंकि मलमास में शुभ कार्य करना वर्जित रहता है। इसलिए यदि आप गृह प्रवेश, सगाई, विवाह, वाहन खरीदने, संपत्ति खरीदने समेत अन्य शुभ कार्य करना चाहते हैं तो 14 मार्च से पहले कर लें। मलमास को खरमास भी कहा जाता है।
14 मार्च से लग जाएगा मलमास
सूर्य प्रत्येक राशि में लगभग एक माह तक रहता है। सूर्य जब जब गुरु की राशियों धनु और मीन में आता है तो इसे मलमास कहा जाता है। यह माह शुभ कार्यों के लिए दूषित माह माना जाता है। इस बार सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेगा। मलमास वैशाख कृष्ण षष्ठी, सोमवार दिनांक 13 अप्रैल को रात्रि में 8.22 बजे तक रहेगा। समस्त शुभ कार्य इसके बाद ही हो सकेंगे।
यह पढ़ें: हंसमुख और मिलनसार होते हैं मार्च में जन्में लोग, जानिए खास बातें
क्या होता है मलमास
सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में गोचर करता है तो यह मलमास होता है। सभी शुभ कार्यों में गुरु की शुद्धता होना आवश्यक है। विवाह के लिए वर को सूर्य का बल और वधू को बृहस्पति का बल मिलना आवश्यक है। साथ ही दोनों को चंद्र का बल भी हो तो ही विवाह का मुहूर्त निकलता है। चूंकि सूर्य तेजवान ग्रह है इसलिए जब यह बृहस्पति की राशि मीन में जाएगा तो बृहस्पति निस्तेज हो जाएंगे। साथ ही सूर्य भी कहीं न कहीं इससे प्रभावित होते हैं। और जब दोनों ही ग्रहों में कोई बल नहीं बचेगा तो ये दिन मलीन हो जाता है। इसलिए इस एक माह के दौरान शुभ कार्य बंद हो जाते हैं।
मलमास में करें सूर्य की आराधना
मलमास सूर्यदेव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माने गए हैं। इस एक माह में उन लोगों को सूर्य की विशेष उपासना अवश्य करना चाहिए जिनकी जन्मकुंडली में सूर्य खराब अवस्था में हो। सूर्य की महादशा-अंतर्दशा चल रही हो तो उन्हें भी इस एक माह में प्रतिदिन सूर्योदय के समय उठकर स्नानादि से निवृत होकर सूर्यदेव को तांबे के कलश से जल का अर्घ्य देना चाहिए। इससे सूर्य से जुड़े दोष समाप्त होते हैं और जीवन में सुख-सम्मान, प्रतिष्ठा, पद आदि प्राप्त होते हैं। नौकरी में जिन लोगों को विशेष उपलब्धि या प्रमोशन नहीं मिल पा रहा हो उन्हें इस माह में प्रतिदिन आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
मलमास
समाप्ति
के
बाद
विवाह
मुहूर्त
26 अप्रैल, 1 मई, 5 मई, 6 मई, 18 मई, 19 मई, 13 जून, 15 जून, 27 जून, 30 जून।
यह पढ़ें: मुखिया का बृहस्पति है खराब, तो नहीं रहेगी घर में शांति