Makar Sankranti 2021 : आज से खरमास खत्म लेकिन शुरू नहीं होगा बैंड-बाजा-बारात का सीजन
Kharmas end Today but even after marriage functions will not be done: श्रद्धा और आस्था का पर्व मकर संक्रान्ति पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। संक्रांति के आने का मतलब खरमास का समाप्त होना होता है, इस कारण भी यह पर्व हिंदुओं के लिए काफी मायने रखता है। दरअसल संक्रांति से सूर्यदेव उत्तरायण में आ जाते हैं जिससे कि खरमास का समापन हो जाता है। खरमास में कोई भी मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं लेकिन इनके खत्म होते ही तमाम शुभ काम का योग शुरू हो जाते हैं। कहते हैं कि संक्राति का मतलब देवकाल आरंभ हो जाता है इस कारण अब कोई भी काम करने में व्यवधान नहीं आता है।
लेकिन आज की संक्रान्ति थोड़ी सी अलग है, आज दिन में 2:03 बजे सूर्य देव का परिवर्तन अपने पुत्र शनिदेव की राशि मकर में होगा, जिससे खरमास का समापन हो जाएगा और शुभ काम शुरू हो जाएंगे लेकिन बैंड-बाजा-बारात का सीजन शुरू नहीं होगा क्योंकि इस बार गुरु और शुक्र के क्रमशः अस्त होने के कारण इस बार विवाह के मुहूर्त नहीं है, सही मायने में इस साल शादी के मुहूर्त अप्रैल माह से ही शुरू होने वाले है।
- गुरु अस्त : 18 जनवरी 2021 से 12-13 फरवरी 2021 तक
- शुक्र अस्त : 13 फरवरी 2021 से 19 अप्रैल 2021 तक
- मीन मलमास : 14 मार्च 2021 से 14 अप्रैल 2021 तक
क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?
तो वहीं आज उत्तर भारत मकर संक्रांति मना रहा है। पौष मास के शुक्ल पक्ष में मकर संक्रांति को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में उत्तारायण की अवधि को देवी-देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना गया है। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, तप, जप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है।। इस त्योहार का संबंध केवल धर्मिक ही नहीं है बल्कि इसका संबंध ऋतु परिवर्तन और कृषि से है। इस दिन से दिन एंव रात दोनों बराबर होते है।