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Lunar Eclipse 2019: लगातार दूसरे साल गुरु पूर्णिमा पर आ रहा है चंद्र ग्रहण

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। यह लगातार दूसरा साल है जब आषाढ़ी पूर्णिमा पर भारत में चंद्र ग्रहण हो रहा है। वर्ष 2018 में 27-28 जुलाई की मध्यरात्रि में खग्रास चंद्र ग्रहण हुआ था और इस बार 16-17 जुलाई की दरमियानी रात में खंडग्रास चंद्र ग्रहण हो रहा है। करीब तीन घंटे तक आकाश में इस अद्भुत खगोलीय घटना का नजारा देखा जा सकेगा। 16-17 जुलाई की दरमियानी रात 1.32 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा। रात्रि 3.01 बजे ग्रहण का मध्य रहेगा। रात्रि 4.30 बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। ग्रहण का कुल समय 2 घंटे 58 मिनट का रहेगा।

16 जुलाई को खंडग्रास चंद्र ग्रहण का योग

16 जुलाई को खंडग्रास चंद्र ग्रहण का योग

इस बार आषाढ़ी पूर्णिमा 16 जुलाई को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ग्रह गोचर की दृष्टि से देखें तो इस दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति निर्मित होगी। ग्रहों की दृष्टि से देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में चंद्र-केतु-शनि की त्रिग्रही युति के साथ हो रहा है। यही नहीं इसका समसप्तक दृष्टि संबंध मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु व शुक्र की त्रिग्रही युति से बन रहा है। ग्रह युतियों में देखें तो दोनों युतियों में चार ग्रह राहु-केतु से पीड़ित हैं। इसका असर प्राकृतिक, सामाजिक व राजनीतिक प्रभावों को दर्शाएगा।

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 इन क्षेत्रों में नजर आएगा ग्रहण का प्रभाव

इन क्षेत्रों में नजर आएगा ग्रहण का प्रभाव

  • चंद्र ग्रहण का प्रभाव शासन की कार्यप्रणाली में परिवर्तन के रूप में दिखाई देगा। अधिकारियों में कार्य का परिवर्तन होगा। सरकार में परिवर्तन होगा।
  • चंद्र ग्रहण की युति का मंगल बुध से षड़ाष्टक योग बनेगा। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस प्रकार की ग्रह स्थिति जलवायु परिवर्तन के लिए खास है।
  • चंद्रमा की राशि कर्क में मंगल तथा बुध का गोचर वर्षा ऋ तु के चक्र को प्रभावित करेगा।
  • धनु राशि में ग्रहण होने के कारण इस राशि वाले विशेष रूप से प्रभावित होंगे।
  • उज्जैन महाकाल में ग्रहण के कारण बदलेगा भस्मारती का समय

    उज्जैन महाकाल में ग्रहण के कारण बदलेगा भस्मारती का समय

    खंडग्रास चंद्र ग्रहण के कारण उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्मारती का नियम बदला जाएगा। बरसों से चले आ रहे भस्मारती के समय में इस दौरान परिवर्तन किया जा रहा है। 17 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। श्रावण मास में भगवान महाकाल की भस्मारती तड़के 4 बजे की बजाय रात्रि 3 बजे से होती है। ऐसे में श्रावण मास की पहली भस्मारती रात्रि 3 बजे की बजाय तड़के 5 बजे से होगी। क्योंकि ग्रहण का मोक्ष रात्रि 4.30 बजे है। इसके बाद मंदिर को शुद्ध जल से धोया जाएगा। इसके बाद मंदिर के पट खुलेंगे तथा भगवान को भी स्नान कराया जाएगा। देश के सभी मंदिरों में जहां प्रात: 4.30 के पहले आरती-पूजन किया जाता है, वहां भी ग्रहण के मोक्ष के बाद ही पट खोले जाएंगे।

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English summary
The next lunar eclipse will happen on July 16, 2019 and will be visible from South America, Europe, Asia, Africa and Australia.here some Imporatant Facts about it.
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