Chandra Grahan 2020: इन दो राशियों पर सबसे ज्यादा रहेगा चंद्र ग्रहण का असर
नई दिल्ली। आषाढ़ पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा पर 5 जुलाई 2020 को उपछाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। पिछले 20 दिन में यह तीसरा ग्रहण है। इससे पहले 5 जून को भी उपछाया चंद्र ग्रहण था, इसके बाद 21 जून को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लगा था और अब 5 जुलाई को भी उपछाया चंद्र ग्रहण होने जा रहा है। इस ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से भले ही ज्यादा कोई महत्व नहीं है लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है। क्योंकि आकाश मंडल में ग्रहों से जुड़ी प्रत्येक घटना का प्रभाव संपूर्ण सृष्टि पर होता है, फिर इससे मनुष्य कैसे अछूता रह सकता है।
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भारतीय
समय
के
अनुसार
इस
उपछाया
चंद्र
ग्रहण
का
स्पर्श
सुबह
8.37
बजे
और
मोक्ष
दिन
में
11.22
बजे
होगा।
इस
ग्रहण
की
कुल
अवधि
2
घंटे
45
मिनट
होगी।
यह
ग्रहण
भारत,
ऑस्ट्रेलिया,
ईराक,
ईरान,
रूस,
चीन
को
छोड़कर
अन्य
देशों
में
दिखाई
देगा।
इस
ग्रहण
का
धार्मिक
दृष्टि
से
कोई
महत्व
नहीं
है।
इसलिए
इसके
लिए
किसी
प्रकार
का
नियम,
सूतक
आदि
मान्य
नहीं
होगा।
बृहस्पति की राशि में लगेगा ग्रहण
यह उपछाया चंद्र ग्रहण बृहस्पति की राशि धनु में लगने जा रहा है। ग्रहण प्रारंभ होने के समय लग्न कर्क और नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा रहेगा। ग्रहण के समय पांच ग्रह गुरु, शनि, बुध, केतु और राहु वक्री रहेंगे। इसलिए सबसे ज्यादा भार धनु और मीन राशि पर रहेगा जो स्वयं बृहस्पति की राशियां हैं। कर्क राशि के लिए ठीक नहीं है क्योंकि यह चंद्र की ही राशि है। बाकी राशियों के लिए ग्रहण का मध्यम फल रहेगा।
क्या करें सभी राशि वाले
- यह ग्रहण जिन राशि वालों के लिए खराब है और जिनके लिए अच्छा है, उन सभी को कुछ विशेष उपाय करना चाहिए।
- चंद्र पर यह ग्रहण लग रहा है, चंद्र मन का प्रतिनिधि करता है। चंद्र पीड़ित हो रहा है तो सभी के मन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
- सभी राशि के जातक ग्रहण के दौरान ऊं सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें।
- शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें।
- इस दौरान महालक्ष्मी के बीज मंत्र श्रीं का जाप करते रहने से आर्थिक संकट दूर होगा।
Chandra Grahan 2020: चंद्र ग्रहण के पहले और बाद में इन जरूरी बातों का रखें ख्याल