Chandra Grahan 2018: इस बार क्यों पड़ रहा है सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण?
नई दिल्ली। 27-28 जुलाई को सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है, चंद्र ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के मुताबिक 27 जुलाई को रात 11 बजकर 54 मिनट 02 दो सेकेंड पर होगी, जबकि पूर्ण चंद्रग्रहण रात 01 बजकर 51 मिनट 08 सेकेंड पर होगा। हर किसी के मन में केवल ये ही सवाल है कि आखिर ये पूर्ण ग्रहण सदी का सबसे लंबा क्यों हैं तो इसके पीछे एक अहम कारण है।
ल्यूनर एपोजी के कारण सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण
दरअसल 1 घंटे और 43 मिनट के लंबे पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा, पृथ्वी के बिल्कुल केंद्र से उत्तर से होकर गुजरेगा,ये स्थिति 1 घंटे 2 मिनट की होगी, इसी वजह से ये ग्रहण लंबा है। यही नहीं 27 जुलाई को ही ल्यूनर एपोजी ( पृथ्वी से सबसे दूरी पर स्थित चंद्रमा का आर्बिटल पॉइंट जिससे यह बहुत छोटा और दूर नजर आता है) भी है, ये ग्रहण की अवधि को बढ़ाता है और इसी वजह से ये ग्रहण सदी का सबसे लंबा ग्रहण बन गया है।
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चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है...
चंद्रग्रहण वो खगोलीय स्थिति है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। चंद्रग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। वैसे ग्रहण का शाब्दिक अर्थ होता है, ग्राह्य, अंगीकार, स्वीकार, धारण या प्राप्त करना। लिहाजा आध्यात्मिक मान्यताएं ग्रहण काल में जप, तप, उपासना, साधना, ध्यान और भजन का निर्देश देती हैं।
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भारत में ही सबसे स्पष्ट दिखेगा 'ब्लड मून'
ग्रहण के दौरान चांद के गाढ़े लाल या संतरे रंग का दिखने के कारण इसे 'ब्लड मून' नाम दिया जा रहा है। पूर्ण चंद्रग्रहण देखने के लिए भारत ही सबसे सही स्थान कहा जा रहा है, इसके अलावा पश्चिमी अफ्रीका, यूरोप, दक्षिणी अमेरिका और पूर्वी एशिया में भी लोग सदी के सबसे लंबे ग्रहण का नजारा देख पाएंगे।
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