Lal kitab: इन उपायों से सूर्य होगा मजबूत, दूर होंगे अशुभ प्रभाव
नई दिल्ली। ज्योतिष की तमाम विधाओं में लाल किताब का महत्वपूर्ण स्थान है। अपने अचूक और जल्दी रिजल्ट देने वाले टोटकों के कारण लाल किताब इन दिनों तेजी से पॉपुलर हो रही है। नवग्रहों के बुरे प्रभाव दूर करने और कमजोर ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए लाल किताब में छोटे-छोटे टोटके दिए गए हैं। ये टोटके करने में बेहद आसान होते हैं पर असर जबरदस्त दिखाते हैं। इसके तहत किसी जातक की जन्म कुंडली में मौजूद एक- एक ग्रह और उसके कुंडली के बारहों भावों में मौजूद होने के अनुसार उपाय किए जाते हैं। हम एक-एक करके सभी नौ ग्रहों की कुंडली के बारहों भावों में उपस्थिति और उनके अनुसार शुभ-अशुभ प्रभाव पर बात करने के साथ उनके बुरे प्रभाव दूर करने के उपाय के बारे में जानेंगे।
आज सबसे पहले जानते हैं सूर्य ग्रह के बारे में...
नवग्रहों में सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त है
नवग्रहों में सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त है। जन्मकुंडली में सूर्य खराब हो तो व्यक्ति का संपूर्ण जीवन अभावों और परेशानियों में बीतता है। उसके जीवन में दूर-दूर तक तरक्की नहीं होती है। वहीं सूर्य मजबूत हो तो व्यक्ति के कोई कार्य रूकते नहीं हैं। वह पारिवारिक, सामाजिक और कार्य क्षेत्र में नित नई ऊंचाइयां छू लेता है। लाल किताब में कमजोर सूर्य की कुंडली के अलग-अलग भावों में मौजूदगी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने के उपाय बताए गए हैं।
यह पढ़ें: सिर्फ एक कवच का पाठ बदल देगा आपका पूरा जीवन
जन्म कुंडली में प्रथम भाव में कमजोर सूर्य हो तो..
- जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में प्रथम भाव में कमजोर सूर्य हो तो उसे शादी जल्दी कर लेना चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ बनवाने से कमजोर सूर्य को मजबूती मिलती है और वह अच्छे परिणाम देने लगता है।
- कमजोर सूर्य कुंडली के द्वितीय स्थान में बैठा हो तो आर्थिक हानि करवाता है। ऐसे व्यक्ति को कभी भी किसी से अनाज का दान नहीं लेना चाहिए। दूध, चांदी, चावल और सफेद कपड़े भी दान में न लें। नारियल, बादाम और सरसो का तेल शनिवार के दिन दान करना लाभप्रद रहता है।
- कमजोर सूर्य तीसरे भाव में हो तो व्यक्ति को अपना चरित्र साफ रखना चाहिए। गरीब बच्चों को कपड़े और भोजन का दान करें। अपनी मां और दादी का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लेते रहें।
- कुंडली के चौथे भाव सुख स्थान में कमजोर सूर्य बैठा हुआ है तो दृष्टिहीन लोगों की सेवा करना चाहिए। उन्हें भोजन, कपड़े या उनकी जरूरत की वस्तुओं का दान करें। कोशिश करें उन्हें अपने हाथों से भोजन परोसे। शराब और मांसाहारी पदार्थों का सेवन भूलकर भी ना करें।
- पांचवें भाव में सूर्य कमजोर होकर बैठा हुआ है तो लाल मुंह के बंदरों को फल खिलाएं। किसी भी व्यक्ति के बारे में अपशब्द न कहें। झूठ न बोलें। किसी को धोखा न दें।
- छठा भाव रोग भाव होता है। इस स्थान में सूर्य कमजोर है तो व्यक्ति अनेक प्रकार के रोगों से पीड़ित रहता है। ऐसी स्थिति में लाल मुंह के बंदरों को दाल और गुड़ खिलाएं। अपने घर के पूजा स्थान में गंगाजल रखें। रात में सोते समय अपने सिरहाने पानी भरकर रखें।
- सप्तम स्थान जीवनसाथी, दांपत्य जीवन और प्रेम प्रसंगों का स्थान होता है। यहां सूर्य कमजोर होकर बैठा है तो दांपत्य जीवन तनावपूर्ण बना रहता है। ऐसी स्थिति में ब्राह्मणों और काली या लाल रंग की गायों को भोजन करवाएं। ब्राह्मणों को उनकी जरूरत की वस्तु दान दें। कोई भी काम शुरू करने से पहले पानी जरूर पीएं। साथ ही अपने घर की भूमि में तांबे के सात चौकोर टुकड़े गाड़ें।
- आठवां भाव मृत्यु और आयु का स्थान होता है। यहां कमजोर सूर्य का होना अत्यंत घातक होता है। इस दोष को दूर करने के लिए किसी मंदिर में लगातार आठ दिनों तक आठ किलो गुड़ और आठ किलो गेहूं चढ़ाएं। सफेद गाय की सेवा करें। घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा में नहीं बनाएं।
- नवम स्थान में कमजोर सूर्य को बल प्रदान करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार अपने घर में चावल, दूध, पानी और चांदी का भंडारण करके रखें। ध्यान रहे यही सारी वस्तुएं किसी को दान ना करें। ये चीजें किसी से दान में ली जा सकती हैं।
- दशम स्थान में निर्बल सूर्य हो तो काले और नीले रंग के कपड़े ही पहनें। सफेद और लाल कपड़े भी पहनें जा सकते हैं। इसके अलावा बहते पानी में तांबे के 10 गोल टुकड़े प्रवाहित करें।
- 11वें भाव में अशुभ सूर्य होने की स्थिति में किसी कसाई से बकरी खरीदें और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाकर स्वच्छंद हवा में विचरण करने के लिए छोड़ दें। इस व्यक्ति को शराब और मांस का सेवन भूलकर भी नहीं करना है।
- बंदरों को गुड़ और अनाज खिलाने से 12वें भाव में मौजूद अशुभ सूर्य के दुष्प्रभाव समाप्त होते हैं। सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य दें। व्यक्ति को ऐसे घर में रहना है जहां अधिकतम प्राकृतिक प्रकाश और हवा आती हो।
गरीब बच्चों को कपड़े और भोजन का दान करें
छठा भाव रोग भाव होता है
यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2018: ये बंधन तो प्यार का बंधन है...इसलिए एक धागा भाभी के लिए भी