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देखिए... क्या आपकी कुंडली में है करोड़पति बनने का योग?

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। कभी आपने सोचा है कि कोई व्यक्ति बहुत करोड़पति और कोई गरीब क्यों है? किसी किसी को कम मेहनत में ही काफी कुछ मिल जाता है जो वह चाहता है और कई लोगों को पूरी जिंदगी मेहनत करने के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगता। दरअसल यह सब किस्मत का खेल है। व्यक्ति के भाग्य में जो होता है वही उसे मिलता है और इसके लिए जिम्मेदार है उसकी जन्मकुंडली में मौजूद विशेष ग्रह योग। करोड़पति बनना कौन नहीं चाहता, आप स्वयं अपनी कुंडली देखकर पता कीजिए कि क्या आपके करोड़पति बनने के योग हैं। जन्मकुंडली में कुछ ऐसे विशेष ग्रह संयोग होते हैं जो व्यक्ति को धनवान बनाते हैं।

आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही योग जो धन, संपत्ति, बेशुमार दौलत प्रदान करते हैं...

दसवें या ग्यारहवें भाव में सूर्य हो तब

दसवें या ग्यारहवें भाव में सूर्य हो तब

  • जातक की जन्मकुंडली में जब दसवें या ग्यारहवें भाव में सूर्य हो। चौथे या पांचवें भाव में मंगल हो। या यही ग्रह इसके विपरीत स्थिति में बैठे हों तो व्यक्ति देश के प्रमुख सरकारी ओहदे पर बैठता है और उसके जरिए अतुलनीय धन-संपदा अर्जित करता है।
  • जिस जातक की कुंडली में मंगल चौथे, सूर्य पांचवें और गुरु ग्यारहवें या पांचवें भाव में होता है, तो उस जातक को बेशुमार पैतृक संपत्ति हाथ लगती है। उसे खेती की जमीन मिलती है या बड़ी भूमि, भवन का मालिक बनता है।
  • जन्मकुंडली में दसवें भाव का स्वामी वृषभ या तुला राशि में मौजूद हों और शुक्र या सातवें भाव का स्वामी दसवें भाव में हो यह दशम-सप्तम योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक विवाह के बाद अपने जीवनसाथी की कमाई से धनवान बनता है।
  • ग्रहों की चाल बदल देती है इंसान की किस्मत

    ग्रहों की चाल बदल देती है इंसान की किस्मत

    • जन्मकुंडली में जब बृहस्पति कर्क, धनु या मीन राशि में बैठा हो और साथ ही यह पांचवें भाव का स्वामी होकर दसवें भाव में बैठा हो तो ऐसे व्यक्ति को अपनी संतान के माध्यम से दौलत मिलती है।
    • जन्मकुंडली में जब शनि तुला, मकर या कुंभ राशि में होता है, तो जातक प्रसिद्ध लेखक, गणितज्ञ या अकाउंटेंट बनता है। इन कार्यों के माध्यम से वह अतुलनीय धन संपदा अर्जित करता है।
    • जन्मकुंडली में बुध, शुक्र और बृहस्पति एक साथ किसी भाव में बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति ख्यात प्रवचनकार, कथाकार, ज्योतिषी, पंडित या शास्त्रों का ज्ञाता बनता है और इन कार्यों के माध्यम से खूब सारी संपत्ति बनाता है। ऐसा जातक किसी बड़े मंदिर, मठ या आश्रम का प्रमुख होता है।

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    ऐसे लोगों के पास रहता है खूब सारा पैसा

    ऐसे लोगों के पास रहता है खूब सारा पैसा

    • जन्मकुंडली के सातवें भाव में मंगल या शनि बैठे हों और ग्यारहवें भाव में केतु को छोड़कर कोई भी ग्रह हो तो व्यक्ति सफल बिजनेसमैन बनता है। यह समुद्रपारीय देशों से व्यापार-व्यवसाय करके मोटी संपत्ति बनाता है। यदि केतु ग्यारहवें भाव में बैठा हो तब व्यक्ति विदेशी व्यापार से धन प्राप्त करता है।
    • किसी जातक की जन्मकुंडली में जब मंगल मजबूत स्थिति में होकर मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो रूचक योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक बड़े पदों पर आसीन होकर धन-संपदा अर्जित करता है।

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English summary
Do you know that the 2nd and 11th house of your birth chart or kundali can predict your prosperity? Here's how.
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