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Kundali: कितने साल जिएंगे आप, रहस्य खोलता है लग्न स्थान

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। मनुष्य सबसे ज्यादा चिंतित अपनी आयु को लेकर रहता है। उसके मन में अक्सर यह प्रश्न उठता रहता है कि उसकी आयु कितनी होगी। वह कितने साल जिएगा। हंसी-मजाक में ही सही, लेकिन वह कई बार ज्ञानी लोगों से डायरेक्ट-इनडायरेक्ट तरीके से पूछने की कोशिश करता है कि उसकी उम्र कितनी है। व्यक्ति को अपनी उम्र की इतनी फिक्र होती है कि वह अक्सर यह कहते पाया जाता है कि जो शौक-मौज है वह पूरे कर लो पता नहीं कब जाना पड़ जाए। तो इस सवाल का जवाब आपकी जन्मकुंडली देती है। लेकिन इसके लिए पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता है, केवल कुछ स्थितियां देखकर भविष्यवाणी कर देना सही नहीं है। आइए जानते हैं जन्मकुंडली से कैसे पता लगता है कि आयु कितनी होगी।

जन्मकुंडली

जन्मकुंडली

जन्मकुंडली में प्रथम स्थान को लग्न स्थान कहा जाता है। लग्न स्थान से व्यक्ति की शारीरिक संचरना के अलावा उसके स्वभाव, गुण, प्रकृति और आयु का ज्ञान किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में आयु ज्ञात करने के कई अन्य तरीके भी हैं, लेकिन लग्न से यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति पूर्णायु होगा, अल्पायु होगा या मध्यायु होगा। पूर्णायु 100 वर्ष, मध्यायु 64 वर्ष और अल्पायु 32 वर्ष मानी गई है। यदि कोई व्यक्ति अल्पायु है तो संभव है कि उसकी मृत्यु जन्म से 32 वर्ष के मध्य हो जाए। मध्यायु है तो उसकी आयु 32 के बाद से 64 वर्ष की आयु हो और पूर्णायु का अर्थ है 64 वर्ष से 100 वर्ष के भीतर।

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कैसे पता करें

कैसे पता करें

कोई व्यक्ति पूर्णायु है, अल्पायु है या मध्यायु इसका पता कैसे लगाएं। इसके लिए लग्न स्थान को देखना जरूरी है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को राजा कहा गया है और यह आयुकारक ग्रह है। इसका पूर्ण प्रभाव लग्न स्थान पर होता है। यदि लग्नेश यानी लग्न स्थान का स्वामी ग्रह सूर्य का मित्र हो तो व्यक्ति को पूर्ण आयु प्राप्त होती है, यदि लग्नेश सूर्य का शत्रु हो तो व्यक्ति अल्पायु होता है और यदि लग्नेश सूर्य से सम भाव रखता हो तो व्यक्ति को मध्यायु प्राप्त होती है।

कौन है सूर्य का मित्र, शत्रु और सम

  • सूर्य के मित्र ग्रह हैं चंद्र, मंगल, गुरु
  • सूर्य के सम ग्रह हैं बुध
  • सूर्य के शत्रु ग्रह हैं शुक्र, शनि, राहु, केतु
  • ये हैं सूर्य के मित्र, शत्रु और सम लग्न

    ये हैं सूर्य के मित्र, शत्रु और सम लग्न

    • मित्र लग्न: कर्क, मेष, वृश्चिक, धनु, मीन
    • सम लग्न: मिथुन, कन्या
    • शत्रु लग्न: वृषभ, तुला, मकर, कुंभ
    • सूर्य का स्वयं का लग्न सिंह है। इसलिए सिंह लग्न वाले स्वाभाविक रूप से दीर्घायु होते हैं।
    • ये बातें जरूर ध्यान रखें

      कोई भी ज्योतिषी कुंडली का अध्ययन करते वक्त आयु से संबंधित अन्य स्थितियों का भी आकलन जरूर करें। लग्न के अनुसार आयु ज्ञात करने के लिए सूर्य के अंश और उसके साथ लग्न के अंशों की स्थिति भी देखें। इसके साथ कुंडली के छठे स्थान से रोगों की स्थिति और अष्टम स्थान से मृत्यु के संभावित कारणों का भी पता जरूर लगाएं उसके बाद ही किसी प्रकार की भविष्यवाणी करें।

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English summary
To interpret a kundli or horoscope first of all check whether inputs (date, month, year, time & place of birth) supplied by the client are correct or not.
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