Lunar Eclipse 2019: साल 2019 में आएंगे दो चंद्रग्रहण
नई दिल्ली। ग्रहण का व्यापक असर मनुष्य और जीव-जंतुओं के साथ-साथ प्रकृति, पर्यावरण और सचराचर जगत पर समान रूप से होता है। ग्रहण को लेकर लोग भयभीत भी रहते हैं। साल 2018 समाप्त होने को है और नया साल 2019 आने वाला है। नए साल पर पांच ग्रहण का साया रहेगा। इनमें दो चंद्रगहण और तीन सूर्यग्रहण होंगे। सूर्यग्रहण के बारे में हम आपको बता चुके हैं, यहां बात करते हैं चंद्रग्रहण की।
पहला चंद्रग्रहण
पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को पौष शुक्ल पूर्णिमा के दिन होगा। यह खग्रास चंद्रग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन पौष शुक्ल पूर्णिमा का विशेष महत्व होने से यह दिन पर्वकाल के रूप में मनाया जाएगा।
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दूसरा चंद्रग्रहण
16-17 जुलाई आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को होने वाला है। यह पूरे भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण रात्रि 1 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ होगा और मध्य रात्रि 3.01 बजे होगा। ग्रहण का मोक्ष रात्रि 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस प्रकार ग्रहण का कुल पर्वकाल 2 घंटा 58 मिनट होगा। यह ग्रहण धनु-मकर राशि में होगा।
यह बात ध्यान रखें
रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय धार्मिक मनुष्य ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन करें। ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए पर्व काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं। पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पीने के पानी, तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए। इससे ये दूषित नहीं होते।
चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित होता है
चंद्रग्रहण वो खगोलीय स्थिति है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। चंद्रग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। वैसे ग्रहण का शाब्दिक अर्थ होता है, ग्राह्य, अंगीकार, स्वीकार, धारण या प्राप्त करना। लिहाजा आध्यात्मिक मान्यताएं ग्रहण काल में जप, तप, उपासना, साधना, ध्यान और भजन का निर्देश देती हैं।
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