Kartik Poornima 2018: केवल एक दिन गंगा में डुबकी लगाकर पाएं पूरे कार्तिक माह का फल
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कार्तिक माह को सभी माह में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण माह माना गया है। इस माह में दान, धर्म, जप, तप, दीपदान, व्रत आदि करने का अनेक गुना अधिक फल प्राप्त होता है। कार्तिक माह 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जाएगा। वैसे तो पूरे कार्तिक माह में लोग ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान, पूजा आदि कर लेते हैं, लेकिन यदि जो लोग पूरे माह जल्दी उठकर स्नान आदि ना कर पाएं उनके लिए एक अत्यंत पवित्र दिन निर्धारित हैं। शास्त्रों का कथन है कि रोगी, वृद्ध, बालक या किसी आवश्यक कार्य से नगर के बाहर जाने वाले लोग यदि पूरे कार्तिक माह व्रतादि ना कर पाएं तो वे इस माह के अंतिम दिन यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगाकर पूरे माह का फल प्राप्त कर सकते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
शास्त्रों में कार्तिक माह को सबसे बड़ा माह और इसकी पूर्णिमा को सबसे बड़ी पूर्णिमा कहा गया है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। क्योंकि इसी दिन भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करके संसार को उसके भय से मुक्ति दिलाई थी। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ शिव का पूजन अवश्य करना चाहिए।
शिव परिवार का पूजन करना चाहिए
इस दिन कृतिका नक्षत्र में भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन करने से व्यक्ति अत्यंत धनवान बनता है और उसकी सात पीढ़ियों तक गरीबी का साया नहीं पड़ता। इस दिन शिव के मंत्रों का जाप व्यक्ति को ज्ञानवान बनाता है। मान्यता है कि इस दिन संध्या के समय प्रदोषकाल में शिव परिवार का पूजन करना चाहिए।
क्या करें कार्तिक पूर्णिमा के दिन
- यदि आप वर्ष की किसी पूर्णिमा का व्रत नहीं रखते हैं तो कार्तिक पूर्णिमा का व्रत जरूर रखें। इस पूरे दिन अन्न् ग्रहण ना करें। पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में बछड़ा दान करने से शिव प्रसन्न् होते हैं। इससे वंश वृद्धि होती है। उत्तम गुणों वाले, सदाचारी पुत्र-पुत्रियों की प्राप्ति होती है।
- इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है इससे वाजपेयी यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
- अविवाहित युवक-युवतियां, जिनके विवाह में किसी प्रकार की बाधा आ रही हो, वे इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करें। शीघ्र विवाह का मार्ग खुलेगा।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों का प्रायश्चित होता है। मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- इस दिन गंगा स्नान से जन्मकुंडली के ग्रह दोषों की शांति होती है। बुरे ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
- कार्तिक पूर्णिमा का जितना महत्व शैव मतों में है उतना ही वैष्णवों के बीच भी इसकी मान्यता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विष्णु की प्रतिमा को केसर के दूध से स्नान कराकर षोडशोपचार पूजन करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे धन, सुख, वैभव, संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का लाल कमल या लाल गुलाब के पुष्पों से पूजन करें और उन्हें खीर का भोग लगाने से धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
- आयु और आरोग्य की प्राप्ति के लिए उगते सूर्य को 'ऊं घृणि: सूर्याय नम:" मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें।
- इस दिन पंचदेवों की पूजा का भी विधान है। पंच देव यानी श्री गणेश, सूर्य, दुर्गा, विष्णु और शिव।
- इस दिन तुलसी पत्र ना तो तोड़ें और ना ही खाएं। केवल तुलसी का पूजन किया जा सकता है।
बुरे ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती
आयु और आरोग्य की प्राप्ति
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