अब गुरू करेगा वृश्चिक राशि में गोचर, जानिए क्या होगा असर
लखनऊ। विक्रम संवत् 2075 में अश्विन शुक्ल पक्ष दिनांक 11 अक्टूबर 2018 ई0 को विशाखा नक्षत्र, प्रीति योग एवं तुला राशिस्थ चन्द्रमा के समय गुरू 19 घण्टा 21 मि0 पर बृहस्पति तुला राशि में से निकलकर वृश्चिक राशि में दाखिल होकर 29 मार्च सन् 2019 ई0 तक वृश्चिक राशि में ही गोचर करेंगे। बृहस्पति की गति 8 मील प्रति सैकिण्ड है। यह अपनी धुरी पर प्रायः 10 घण्टों में धूमता है अथवा 12 वर्ष में एक प्रदिक्षणा पूरी कर लेता है। गुरू एक राशि में एक वर्ष तक भ्रमण करता है। बृहस्पति ग्रह की तीन दृष्टियाॅ होती है, पाॅचवी, सातवीं और नवमी। यह जिस भाव में बैठता है, उसकी हानि करता है, किन्तु इसकी जॅहा पर दृष्टि पड़ती है, उस भाव से मिलने फल में वृद्धि करता है।
अब गुरू करेगा वृश्चिक राशि में गोचर
- मेष-आपके अष्टम भाव में गुरू गोचर करेगा। धार्मिक-क्रिया कलापों में रूचि बढ़ेगी। कुछ लोगों को छोटी-मोटी धार्मिक यात्रायें करनी पड़ सकती है। वाणी में संयम बनायें रखें अन्यथा परिवार में विवाद हो सकता है। धन आयेगा किन्तु तेजी से खर्च भी होगा। गुरू की नवम दृष्टि चैथे भाव पर पड़ रही है, अतः वाहन सुख व नयें मित्रों का जीवन में आगमन होगा।
- वृष-गुरू आपके सातवें भाव में गोचर करेेगा। विवाहित लोगों के विवाह होंगे एवं कुछ लोगों के नयें प्रेम प्रसंग की शुरू हो सकती है। नई योजनओं में लाभ होगा जिससे आत्म-विश्वास में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। गुरू की सप्तम लग्न पर पड़ने से मन में अच्छे विचार और मन धार्मिक-क्रिया कलापों में रूचि बढ़ेगी।
- मिथुन-इस राशि में गुरू छठें भाव में गोचर करने से रोग में वृद्धि होगा व मामा से मानसिक मतभेद होगा। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढ़ेगा किन्तु सावधानी बरतें अन्यथा आपकी छवि धूमिल होगी। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ेगा। कार्य़क्षेत्र में प्रगति होगी। कुछ लोगों की नौकरी में परिवर्तन हो सकता है।
- कर्क-आपके पंचम भाव में वृश्चिक का गुरू गोचर कर रहा है। जिन लोगों का प्रेम-प्रसंग चल रहा है, उनको लड़ाई-झगड़ा व तनाव का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों को अचानक धन लाभ हो सकता है, गुप्त विद्याओं की ओर मन अग्रसर होगा, आर्थिक योजनाओं में लाभ होगा एंव मन में सकारात्मक विचार आयेंगे।
- सिंह-इस राशि में गुरू चैथे भाव में भ्रमण करेगा। भौतिक सुख-सुविधाओं में कमी आयेगी, नये वाहन की खरीद्दारी में अड़चने आयेंगी, कुछ लोगों के गुप्त सम्बन्ध उजागर हो सकते है, जिससे गृह में कलह उत्पन्न हो सकती है। दशम पर दृष्टि होने के कारण कुछ लोगों को नई जिम्मेदारी मिल सकती है, व्यवसाय में प्रगति होगी एवं मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
- कन्या-आपके तीसरे भाव में बृहस्पति ग्रह भ्रमण करेगा, जिस कारण सन्तान से मन व्यथित रहेगा। गुरू पंचम दृष्टि से सप्तम भाव को देख रहा है, इसलिए विवाह योग्य जातक वैवाहिक बन्धन में बधेंगे किन्तु इस समय किये गये विवाह में आगे चलकर तलाक की नौबत आ सकती है। छोटी-छोटी यात्राये करने के अवसर प्राप्त होंगे। मन धर्म की ओर अग्रसर होगा। धन-धान्य में वृद्धि होगी किन्तु छोटी-मोटी दुर्घटना भी होने के संकेत भी है।
- तुला-इस राशि में गुरू दूसरे भाव में गोचर करेगा। कुछ लोगों के पुराने सम्बन्ध टूटेगें और नयें सम्बन्ध मजबूत होंगे। गुरू की पंचम दृष्टि छठें भाव पर पड़ रही है, इसलिए विवाहित जातकों का अन्य जगह प्रेम-प्रसंग शुरू हो सकता है। नयें विवादों से बचना होगा। कुछ लोगों को अचानक लाभ भी मिल सकता है। पद, प्रतिष्ठा व जीविका में वृद्धि होगी।
- वृश्चिक-गुरू आपके लग्न में गोचर करेगा। यह समय प्रेम-प्रसंग के लिए उत्तम है। विवाह योग्य जातक दाम्प्त्य सूत्र में बॅध सकते है। भाईयों से धन या सम्पत्ति को लेकर विवाद अपेक्षित है। घर में किसी नन्हें मेहमान का आगमन हो सकता है, जिससे पूरे परिवार में खुशी का महौल रहेगा। धर्म-कर्म करने से भाग्य पक्ष में मजबूती आयेगी। विदेश जाने के इच्छुक व्यक्तियों की मुराद पूरी होगी।
- धनु-इस राशि में गुरू बारहवें स्थान में गोचर करेगा। कुछ लोंगों का अस्पताल में आना-जाना लगा रह सकता है। आय की अपेक्षा व्यय अधिक होगा। दवाओं पर खर्च ज्यादा हो सकता है। भौतिक सुख संसाधनों में वृद्धि होगी। विरोधी परास्त होंगे एवं जो लोग रोग से जुझ रहें हैं, उन्हें राहत मिलेगी।
- मकर-आपके लाभ भाव में गुरू भ्रमण करेगा जिसकी सप्तम दृष्टि पंचम भाव पर पड़ेगी। कुछ लोगों को सन्तान होगी, नया प्रेम प्रसंग में शुरू हो सकता है, छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल सकती है। आमदनी में कुछ कमी आयेगी, नयें कार्यो में अड़चने उत्पन्न होगी। आत्म-विश्वास में कमी आयेगी व भाईयों में आपसी विरोध सम्भव है। विवाहित जातकों का अन्य जगह प्रेम-प्रसंग प्रारम्भ हो सकता है।
- कुम्भ-इस राशि गुरू में दशम भाव में भ्रमण करेगा। जिसकी पंचम दृष्टि दूसरे भाव में होगी, जिस कारण कुछ लोंगों के परिवार वृद्धि होगी, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, वाणी में निखार आने से व्यक्तित्व में चार-चाॅद लगेगे। कुछ लोग नया वाहन खरीद सकते है या फिर भौतिक संसाधनों की खरीद्दारी करेंगे। मातृ पक्ष से विशेष सहयोग व सानिध्य मिलेगा। पुराने रोगों से राहत मिल सकती है, ननिहाल पक्ष से सहयोगा व रिश्तों में मजबूती आयेगी। विद्यार्थियों को कठिन संघर्ष के पश्चात ही सफलता मिलने के आसार है।
- मीन-आपके भाग्य भाव बृहस्पति गोचर करेगा। गुरू पंचम दृष्टि लग्न को देख रहा है, इसलिए आत्म-विश्वास में वृद्धि होगी व पुराने मानसिक क्लेशों से छुटकारा मिल सकता है। अपने बौद्धिक पराक्रम के बल पर समस्यायों का हल निकालने में सक्षम होंगे। मित्रों का सुख व सहयोग मिलेगी। नवम दृष्टि से गुरू पंचम भाव को देख रहा है। अतः मानसिक उर्जा में वृद्धि होगी जिसके कारण अध्ययन मन लगेगा साथ में प्रेम-प्रसंगों में मजबूती आयेगी। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में प्रवेश मिलेगा एवं नौकरी मिलने के आसार भी नजर आ रहें हैं।
वृश्चिक का गुरू गोचर कर रहा है
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आत्म-विश्वास में वृद्धि होगी
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