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गुरु का मकर राशि में प्रवेश 20 नवंबर से, जानिए क्या होगा असर

By Pt. Gajendra Sharma
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Jupiter Transit Capricorn: बृहस्पति 20 नवंबर को दोपहर 1.26 बजे पुन: मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। यह 5-6 अप्रैल 2021 को मध्य रात्रि में 12.25 बजे तक मकर राशि में ही रहेगा, उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। मकर राशि में गुरु नीच का हो जाता है।दिनांक 5 नवंबर 2019 से 30 मार्च 2020 तक बृहस्पति धनु राशि में रहा। 30 मार्च 2020 से 30 जून 2020 तक मकर राशि में गोचर किया। इसके बाद 30 जून 2020 से 20 नवंबर 2020 तक पुन: धनु राशि में गोचर किया। अब 20 नवंबर 2020 से 5 अप्रैल 2021 तक बृहस्पति मकर राशि में रहेगा।

गुरु का मकर राशि में प्रवेश 20 नवंबर से, जानिए क्या होगा असर

इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। बृहस्पति जिस राशि में स्थित होता है उससे पीछे की ओर गिनने पर चौथी, आठवीं और बारहवीं राशि के लिए अशुभ फलप्रदायक होता है। इस प्रकार मकर राशि में रहते हुए बृहस्पति चौथी राशि तुला, आठवीं राशि मिथुन और बारहवीं राशि कुंभ को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा।

राशियों पर मकरस्थ बृहस्पति का असर

  • मेष : स्थान परिवर्तन, कुटुंबिक क्लेश, अपव्यय, यशोमान में कमी, मंगल कार्य में व्यय।
  • वृषभ : श्रेष्ठप्रद, भाग्योदय, धन लाभ, सौख्यता, धार्मिक कार्य में वृद्धि, पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति।
  • मिथुन : द्रव्य हानि, भाग्य की प्रतिकूलता, रोग, कार्यो में बाधा, परेशानी।
  • कर्क : व्यवसाय में सफलता, दांपत्य सुख, धन लाभ, यात्राएं, भागीदारी के कार्य में लाभ।
  • सिंह : शारीरिक पीड़ा, शत्रु नाश, ऋण मुक्ति, खर्च, संतान की चिंता।
  • कन्या : संतान सुख, धन प्राप्ति, विद्या में सफलता, सौभाग्य की प्राप्ति, मांगलिक कार्य।
  • तुला : कार्यो में बाधा, माता को कष्ट, अप्रिय प्रसंग, मित्रों से लाभ।
  • वृश्चिक : मांगलिक कार्य, संतान को कष्ट, यात्रा में विघ्न, मित्रों से मतभेद।
  • धनु : धनलाभ, सम्मान में वृद्धि, सुख-शांति, विद्या में सफलता, श्रेष्ठ पद की प्राप्ति।
  • मकर : व्यवसाय में बाधा, यात्रा में कष्ट, आर्थिक संकट, मानसिक-शारीरिक पीड़ा।
  • कुंभ : अपव्यय, मानसिक-शारीरिक कष्ट, स्वजनों से विरोध, यात्रा में कष्ट।
  • मीन : पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि, धन लाभ, संतान सुख, व्यवसाय में प्रगति।

क्या उपाय करें

  • जिन राशि के जातकों को गुरु नेष्टप्रद हो वे गुरु की शांति के लिए बृहस्पति स्तोत्र कवच का पाठ करें।
  • गुरु मंत्र ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: अथवा ऊं गुं गुरवे नम: मंत्र के 19 हजार जाप स्वयं करें या पंडित से कराएं।
  • गुरुवार का व्रत करें, गुरुवार को पीले धान्य का भोजन करें, पीले रंग के वस्त्र पहनें।
  • गुरुवार को श्रीहरि, पीपल, केले वृक्ष तथा गुरु यंत्र का पूजन बृहस्पति के वैदिक-पौराणिक मंत्रों अथवा उपर्युक्त बीजमंत्रों से हवन करें।
  • तर्जनी अंगुली में पीला पुखराज रत्न या उपरत्न सुनहला, लाजवर्त मणि धारण करें।
  • पीले वस्त्र, पीला अनाज जैसे चने की दाल, पीतल, कांस्य पात्र, हल्दी, सुवर्ण, खांड, पीले फल, पीले पुष्प तथा धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण, गीताजी आदि का दान करने से गुरु की शांति होती है।
  • जिस कन्या के विवाह में गुरु बाधाकारक हो, अशुभ हो तो वह उपर्युक्त पद्धति अनुसार यथाशक्ति गुरु की शांति करवाए। गुरु की शांति होने पर शीघ्र विवाह का मार्ग खुलेगा।

गुरु का पौराणिक मंत्र

ऊं देवानां च ऋ षीणां च गुरुं कांचनसंनिभम् ।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ।।

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Comments
English summary
Jupiter ( Guru) enters last of earth sign Capricorn (Makar Rashi) on November 20th 2020, 02:55 pm. Read Effect carefully, here is details, please have a look.
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