Jupiter Transit Aquarius 2021: जानिए कन्या राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव?
नई दिल्ली, 17 नवंबर। देवगुरु बृहस्पति 20 नवंबर 2021 को रात्रि 11.15 बजे अपनी नीच राशि मकर को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। यह शनि की मूल त्रिकोण राशि है। बृहस्पति 144 दिनों तक कुंभ राशि में ही रहेंगे। उसके बाद 13 अप्रैल 22 को मीन में प्रवेश कर जाएंगे। बृहस्पति 22 अप्रैल 2023 तक मीन राशि में ही रहेंगे। जन्म से लेकर मृत्यु तक बृहस्पति का प्रभाव जीवन की प्रत्येक घटनाओं पर पड़ता है। इसलिए इसका गोचर महत्वपूर्ण होता है।
कन्या राशि पर प्रभाव
लग्न : कन्या राशि के लिए बृहस्पति का गोचर छठे भाव में होगा और इसकी दृष्टि दशम, द्वादश और द्वितीय भाव पर रहेगी। यह कार्य, व्यय और धन-वाणी को प्रभावित करेगा। कन्या राशि के लिए बृहस्पति दो केंद्र स्थानों सुख और दांपत्य के स्वामी होते हैं। बृहस्पति छठे घर अर्थात रोग, शत्रु और ऋण के भाव में बैठकर तनाव और परेशानी पैदा करेगा। सप्तम भाव का स्वामी होने के कारण यह आपके जीवनसाथी के लिए भी परेशानी उत्पन्न कर सकता है। माता के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। रोग स्थान में होने के कारण पेट संबंधी रोग आएंगे। घर-परिवार में कलह हो सकती है। काम बिगड़ेंगे। गुरु की दृष्टि कर्म भाव में होने से नौकरी कार्य में विशेष परेशानी नहीं आएगी। नौकरी में पुरानी परेशानी दूर हो सकती है। स्थानांतरण संभव है लेकिन यह आपके लिए लाभदायक रहेगा। नौकरी में बदलाव भी संभव है। परिश्रम, मेहनत और लगन से बिगड़े काम बन सकते हैं। कोर्ट-कचहरी भाव पर दृष्टि होने से इनके मामलों में सफलता मिलेगी। व्यय भाव पर दृष्टि होने से अनावश्यक खर्च भी होंगे। विदेश यात्रा के योग बनेंगे। धन संचित करने के लिए समय ठीक है, लेकिन भवन निर्माण आदि से बचें। ये काम उलझ सकते हैं।
उपाय : बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक कार्यो में भाग लें। नित्य प्रतिदिन हनुमानजी के दर्शन करें।