क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कुश: इस घास को लाल कपड़े में लपेटकर रखने से आती है समृद्धि, जानिए और भी धार्मिक महत्व

चारे के रूप में कम प्रयुक्त होने वाली दीर्घजीवी घास, जो अमरबेल की तरह होती है। यह घास अगर जरा सी भी भूमि के अन्दर रह जाये तो वह पौधे का रूप धारण कर लेती है। पशुओं में कम लोकप्रिय कुश अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष महत्व रखती है।

By पं. अनुज के शुक्ल
Google Oneindia News

नई दिल्ली। चारे के रूप में कम प्रयुक्त होने वाली दीर्घजीवी घास, जो अमरबेल की तरह होती है। यह घास अगर जरा सी भी भूमि के अन्दर रह जाये तो वह पौधे का रूप धारण कर लेती है। पशुओं में कम लोकप्रिय कुश अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष महत्व रखती है। यह देव, पितर, प्रेत व पूजा में समान महत्व रखती है। इसको अनामिका में धारण करने के उपरान्त ही सभी माॅगलिक व अमाॅगलिक कार्यो में विधान पूर्ण होता है।

Kush Grass

कुश एक प्रकार का तृण है। कुश की पत्तियाँ नुकीली, तीखी और कड़ी होती है। धार्मिक दृष्टि से यह बहुत पवित्र समझी जाती है और इसकी चटाई पर राजा लोग भी सोते थे। वैदिक साहित्य में इसका अनेक स्थलों पर उल्लेख है। अर्थवेद में इसे क्रोध नाशक और अशुभ निवारक बताया गया है। आज भी नित्य-नैमित्तिक धार्मिक कृत्यों और श्राद्ध आदि कर्मों में कुश का उपयोग होता है। कुश से तेल निकाला जाता था, ऐसा कौटिल्य के उल्लेख से ज्ञात होता है। भावप्रकाश के मतानुसार कुश त्रिदोष नाशक है।

प्रसंग

एक बार की बात है, जब भगवान् श्रीहरि ने वाराह अवतार धारण किया तब हिरण्याक्ष का वध करने के बाद जब पृथ्वी को जल से बहार निकाले और अपने निर्धारित स्थान पर स्थापित किया। उसके बाद वाराह भगवान् ने भी पशु प्रवृत्ति के अनुसार अपने शरीर पर लगे जल को झाड़ा तब भगवान् वाराह के शरीर के रोम (बाल) पृथ्वी पर गिरे और वह कुश के रूप में बदल गये।

चूँकि कुश घास की उत्पत्ति स्वयं भगवान वाराह के श्री अंगो से हुई है। अतः कुश को अत्यंत पवित्र माना गया। इसलिए किसी भी पूजन-पाठ, हवन-यज्ञ आदि कर्मो में कुश का प्रयोग किया जाता है।

पंचक में मृत्यु- ऐसी मान्यता है कि यदि किसी की पंचक में मृत्यु हो जाए तो घर में पाॅच सदस्य मरते हैं। इसके निवाराणार्थ 5 कुश के पुतले बनाकर मृतक के साथ जला दें।

कुश ग्रन्थि माला- कुश की जड़ों से निर्मित दानों से बनी माला पापों का शमन, कलंक हटाने, प्रदुषण मुक्त करने व व्याधि का नाश करने हेतु प्रयुक्त होती है।

आसन- कुश घास में बने आसन पर बैठकर पूजा करना ज्ञानवर्धक, देवानुकूल व सर्वसिद्ध दाता बनता है। इस आसन पर बैठकर ध्यान साधना करने से तन-मन से पवित्र होकर बाधाओं से सुरक्षित रहता है।

धनवर्धक- कुश को लाल कपड़े में लपेटकर घर में रखने से समृद्धि बनी रहती है।

ग्रहण काल में कुश का प्रयोग- ग्रहण काल से पूर्व सूतक में इसे अन्न-जल आदि में डालने से ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचते है।

ये भी पढ़ें: Vastu Tips: नहीं चाहते हैं बेड पर झगड़ा तो रखिए बेडरूम का खास ख्याल

Comments
English summary
Importance Of Kush Grass, Know How To Use This Holy Grass
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X