अगर चल रही हैं कुंडली के इन ग्रहों की दशाएं तो कोरोना काल में भी मिलेगी नौकरी में तरक्की
नई दिल्ली। कोराना संकट के इस दौर में स्वास्थ्य के अलावा सबसे ज्यादा नुकसान उद्योग-धंधों और नौकरियों पर पड़ा है। बड़ी संख्या में नौकरियां जाने के बावजूद कई लोग ऐसे हैं जो मजबूती से नौकरी में बने हुए हैं और कुछ तो ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी में उत्थान यानी प्रमोशन की संभावनाएं बन रही हैं। ज्योतिष में इसकी मुख्य वजह कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दशाओं से मिलने वाला सपोर्ट माना जाता है। हम ज्योतिषीय आधार पर कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें कार्यक्षेत्र में मजबूती के लिए अच्छा समय माना जाता है।
लग्नेश, दशमेश की दशाएं
लग्नेश और दशमेश की दशाएं जीवन में उत्थान के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन दशाओं में नौकरी या कार्यक्षेत्र में स्थितियां मजबूत होती हैं, साथ ही कमाई बढ़ने की संभावनाएं भी पैदा होती हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी की कुंडली मेष लग्न की है तो उसका लग्नेश मंगल और दशमेश शनि (मकर राशि) हुआ। इस प्रकार, मेष लग्न के जातक के लिए मंगल और शनि की दशाएं जीवन में उत्थान की कारक हो सकती हैं।
यह पढ़ें: Krishna Janmashtami 2020: 11 या 12 अगस्त को, आखिर कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी?
उच्च के ग्रहों की दशाएं
कुंडली के उच्च के ग्रहों की दशा जीवन के लिए काफी अच्छी मानी जाती हैं। जैसे-मेष लग्न की कुंडली में शनि सप्तम भाव यानी तुला राशि में उच्च का हुआ। ऐसे में इसकी दशा नौकरी में अच्छी तरक्की दिला सकती है।
अच्छे गोचर का प्रभाव
ऊपर दी गई बातों के अलावा अच्छे फल के लिए गोचर का सहयोग भी जरूरी है। अच्छी दशाओं के साथ गोचर का समर्थन व्यावसायिक सफलता को बढ़ा सकता है। इसके लिए गोचर के दशानाथ कुंडली के महत्वपूर्ण स्थानों यानी दशम भाव/दशमेश, षष्ठ भाव/षष्ठेश और लग्न/लग्नेश को अवश्य प्रभावित करने चाहिए। इससे दशा विशेष में फल प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
नोट- व्यावसायिक सफलता काफी हद तक कुंडली में बनने वाले योगों पर भी निर्भर करती है। इसलिए विश्लेषण के दौरान दशाओं के साथ ही योगों को भी ध्यान में रखा जाता है।
यह पढ़ें: Krishna Janmashtami 2020: जानिए कब है जन्माष्टमी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?