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Happy New Year 2020: भारत के लिए कैसा होगा साल 2020, क्या कहते हैं सितारे?

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। 15 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि 12.00 बजे भारत स्वतंत्र हुआ था। इसलिए इसी समय को आधार बनाते हुए भारत की जन्मकुंडली तैयार होती है। इस कुंडली के अनुसार आजाद भारत का उदय स्थिर लग्न वृषभ में हुआ है और लग्न में राहु विराजमान हैं। द्वितीय स्थान में मंगल और तृतीय पराक्रम भाव में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, शनि के एक साथ होने से पंचग्रही योग बना हुआ है। छठे स्थान में बृहस्पति और सप्तम में केतु है। आजाद भारत की इस कुंडली में प्रथम में राहु और सप्तम में केतु के मध्य समस्त ग्रह आ आने से अनंत कालसर्प दोष बना हुआ है। हालांकि अनेक अंतर्विरोधों के बावजूद भारत को विश्वपटल पर हीरे की तरह चमकने से कोई नहीं रोक पाएगा।

ये हैं कुंडली की प्रमुख बातें

ये हैं कुंडली की प्रमुख बातें

  • भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है और लग्नेश शुक्र तृतीय भाव में विराजमान हैं।
  • तृतीय पराक्रम भाव में पंचग्रही योग बना हुआ है, जो इस वर्ष शुभ साबित होगा क्योंकि शनि भारत के लिए भाग्येश है और पंचग्रह में से एक शनि भी है।
  • भारत की कुंडली में कोई भी ग्रह वक्री अवस्था में नहीं है।
  • भारत की राशि कर्क है, जिसका स्वामी चंद्रमा कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र में विराजमान है।
  • वर्ष 2020 में भारत चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा से गुजर रहा है। यह स्थिति 11 जुलाई 2021 तक रहेगी।
  • 24 जनवरी 2020 से शनि के मकर राशि में प्रवेश करेगा। शनि भारत की कुंडली के लिए भाग्येश है।

दुनिया में धाक जमाएगा भारत

आजाद भारत की कुंडली में चंद्रमा तृतीय भाव का स्वामी होकर तृतीय भाव में ही स्वराशि कर्क में विराजमान हैं। साथ ही शनि के नक्षत्र पुष्य में होने से शनि का फल भी देगा और शनि इस कुंडली के लिए योगकारक ग्रह है। यह ग्रह दशा भारत को नई ऊंचाइयां प्रदान करने वाली है। वर्ष 2020 में 24 जनवरी से शनि के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही भारत के लिए शाइनिंग का नया दौर शुरू होगा। भारत अपनी धाक दुनिया में जमाएगा। हालांकि भारत को अपने सीमांत देशों के साथ युद्ध जैसे हालात से जूझना पड़ेगा।

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अंतरराष्ट्रीय व्यापार में छुएगा शीर्ष

अंतरराष्ट्रीय व्यापार में छुएगा शीर्ष

बृहस्पति इस कुंडली में अष्टमेश और एकादशेश होकर छठे भाव में विराजमान है। इस ग्रह स्थिति से स्पष्ट है कि भारत को दुनिया में अग्रसर होने से कोई नहीं रोक सकता, हालांकि अनेक चुनौतियां आने वाली हैं। भारत को देश की भीतरी समस्याओं और भयंकर विरोधपूर्ण परिस्थितियों से जूझना पड़ेगा। हालांकि बुध के तृतीय भाव में विराजमान होने से भारत अंतराष्ट्रीय व्यापार-व्यवयास में जबर्दस्त तरक्की करेगा। खासकर जापान, अमेरिका जैसे देशों से व्यापार में वृद्धि होगी। चंद्र स्वराशि में तृतीयेश होने से समुद्रपारीय देशों से व्यापार बढ़ेगा। भारत में वर्ष 2020 में बड़ी संख्या में विदेशी निवेश होगा। भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों का पूंजी आधार बढ़ाने पर भी अनेक नीतियां बनाई जाएंगी। हालांकि विपक्ष की ओर से इसका विरोध भी किया जाएगा।

अंतर्विरोध बढ़ेंगे

वर्ष कुंडली का अध्ययन करने पर संकेत मिलते हैं कि भारत के लिए वर्ष 2020 बाहरी देशों से संबंधों के लिहाज से भले ही अच्छा सबित हो लेकिन आंतरिक मोर्चे पर भारत में अराजकता, अंतर्विरोध बढ़ने की स्थितियां बनेंगी। सत्ताधीशों और जनता के बीच भयंकर मतभेद उभरेंगे। प्रजा में अराजकता फैलेगी, सरकार के निर्णयों का भारी मात्रा में विरोध होगा। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, रैलियां होंगी, लेकिन अंतत: कोई ऐसी बड़ी घटना घटित होगी जो समस्त देशवासियों को तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद एकसूत्र में पिरोने का काम करेगी।

शनि का परिवर्तन लाभदायक

शनि का परिवर्तन लाभदायक

भारत के लिए भाग्येश शनि का राशि परिवर्तन कर स्वराशि मकर में जाना लाभदायक साबित होगा। 24 जनवरी से शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही भारत की दशा भी बदलने वाली है। वृषभ लग्न और कर्क राशि की इस कुंडली के लिए शनि का मकर में गोचर लाभ की स्थितियां बनाएगा। भारत दुनियाभर में अपनी बात मनवाने और अपनी शर्तों पर काम करने के लिए सभी देशों को राजी करेगा। वर्ष के अंत में किसी विकट परिस्थिति के कारण दुनिया के अनेक सशक्त देश भारत के पक्ष में खड़े नजर आएंगे। काफी कुछ अच्छा होने के बाद भी इस वर्ष संक्रामक बीमारियों और अनेक रोगों की चपेट में आकर देशवासियों को कष्ट होने की आशंका रहेगी।

राजनीतिक समीकरण बदलेंगे

शनि को राज्यपक्ष का कारक ग्रह भी माना जाता है। शनि के राशि परिवर्तन से देश में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलेंगे। सत्तापक्ष के साथ कई नए दल आ सकते हैं, वहीं कुछ दल सत्तापक्ष की पार्टी से अलग भी हो सकते हैं। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते सत्ताधीशों को अपनों से ही विरोध का सामना करना पड़ेगा। विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन सरकार के निर्णयों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा।

प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं

वर्ष 2020 में जून से सितंबर के बीच भारत में कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आ सकती है। भीषण बाढ़, भूकंप, सुनामी जैसी हालत दक्षिणी राज्यों में हो सकती है। भीषण बर्फबारी, हिमस्खलन, भूस्खलन जैसी स्थिति बनेगी। कोई विमान या ट्रेन दुर्घटना के भी संकेत हैं।

यह पढ़ें: वार्षिक राशिफल 2020

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English summary
Year 2020 is round the corner and we are sure you are already busy making plans for new year. here is How will the year 2020 be for India, What says Astrologer.
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