Astro Tips: बीमारी और मृत्यु के भय को दूर करते हैं ये सिद्ध उपाय
व्यक्ति को अपने जीवन में सबसे ज्यादा डर बीमारियों और मृत्यु का होता है। मृत्यु की तरह ही बीमार होने से भी व्यक्ति को अत्यंत डर लगता है। क्योंकि इससे न केवल पीडि़त व्यक्ति को मानसिक कष्ट होता है, बल्कि उसका पूरा परिवार और उनसे जुड़े लोग भी परेशान होते हैं।
नई दिल्ली। व्यक्ति को अपने जीवन में सबसे ज्यादा डर बीमारियों और मृत्यु का होता है। मृत्यु की तरह ही बीमार होने से भी व्यक्ति को अत्यंत डर लगता है। क्योंकि इससे न केवल पीडि़त व्यक्ति को मानसिक कष्ट होता है, बल्कि उसका पूरा परिवार और उनसे जुड़े लोग भी परेशान होते हैं। साथ ही इन पर खर्च तो होता ही है। ज्योतिष के अनुसार बीमारी होना न होना यह सब ग्रहों की दशा पर निर्भर करता है। और ज्योतिष में ग्रह दशा ठीक करने के अनेक उपाय भी बताए गए हैं। ज्योतिष केवल बीमारी ही नहीं बताता बल्कि उसे दूर करने के उपाय भी सुझाता है इसलिए दुनियाभर में तेजी से ज्योतिष पर विश्वास बढ़ा है। आइये जानते हैं कुछ सिद्ध उपाय जिन्हें आजमाकर बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही इनसे मृत्यु का भय भी कम होता है। जन्मकुंडली में छठा भाव रोग, बीमारियों का होता है। इसमें बैठे अशुभ ग्रहों के अनुसार व्यक्ति को रोग होते हैं। यदि छठे भाव में बैठे अशुभ ग्रह की दशा या अंतर्दशा हो तो रोग भयंकर भी हो सकता है। इसलिए बीमारियों का विचार कुंडली के छठे भाव, इसमें मौजूद ग्रह और इस भाव पर अन्य ग्रहों की दृष्टि से किया जाता है।
ये उपाय करें, रोग होंगे दूर
- परिवार में यदि किसी व्यक्ति को मस्तिष्क, नेत्र, मुख, कान और गले से संबंधित रोग हैं तो लगातार सात रविवार को सूर्य का एक उपाय किया जाता है। इसके अनुसार रोगी व्यक्ति के तकिए के नीचे शनिवार को तांबे का एक सिक्का रखें। रविवार के दिन ठीक सूर्योदय के समय उठें और एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर वह सिक्का उसमें डालें। फिर वह जल उगते सूर्य को अर्पित करें। ऐसा लगातार सात रविवार को करें। इससे रोगी पूर्ण स्वस्थ हो जाता है।
- हृदय, फेफड़े, पेट, किडनी, लिवर से संबंधित रोगी सात सोमवार यह उपाय करे। इसके अनुसार सोमवार को चांदी के एक कलश में कच्चा दूध, गंगाजल और कुछ अक्षत डालें। इस कलश को रोगी व्यक्ति का हाथ लगवाएं और फिर शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप सात या 11 बार करना है और इतने समय में ही कलश की सामग्री शिवलिंग पर डालना है। यह प्रयोग भी सात सोमवार करें। रोगी जल्द स्वस्थ होगा।
- रक्त, हड्डी, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैरों में कमजोरी, रक्त की कमी, एनीमिया, स्त्री रोग जैसी बीमारियां दूर करने के लिए मंगलदेव का उपाय किया जाता है। यह प्रयोग किसी मंगलवार से प्रारंभ करके अगले मंगलवार तक हर दिन करना है। इसके अनुसार काले पत्थर के शिवलिंग पर गंगाजल मिश्रित जल अर्पित करें। शिवलिंग पर लाल चंदन लगाएं और बिल्व पत्र के साथ लाल फूल अर्पित करें। यह मंगलवार से मंगलवार तक लगातार आठ दिन करें। समस्या दूर होगी।
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