Holashtak 2018: होलाष्टक 23 से, 7 दिन नहीं होंगे कोई शुभ काम
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मुहूर्त का बड़ा महत्व है। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले पंचांग शुद्धि देखकर शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। माना जाता है कि ग्रह-नक्षत्रों की शुभ दृष्टि से कार्य में सफलता मिलती है। वर्ष के कुछ ऐसे दिन भी होते हैं, जिनमें कोई भी शुभ कार्य संपन्न् नहीं किया जाता है। इनमें होलाष्टक भी है, जो होली के आठ दिन पूर्व प्रारंभ हो जाता है। इस साल होलिका दहन 1 मार्च को होगा, इससे पूर्व होलाष्टक 23 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है। इस साल पूर्णिमा तिथि का क्षय होने से होलाष्टक सात दिनों का ही रहेगा। यानी 23 फरवरी से 1 मार्च तक होलाष्टक रहेगा।
होलाष्टक के दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है
शास्त्रों का मत है कि होलाष्टक के दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है, इसलिए ऐसे समय में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य को करने की मनाही रहती है। ज्योतिष के अनुसार कोई भी शुभ कार्य तभी सफल होता है, जब उसे ग्रहों की अनुकूलता के दौरान किया जाए।
बिजनेस शुरू करना, नया गृह प्रवेश
होलाष्टक के दिनों में ग्रहों के उग्र होने के कारण नया कार्य प्रारंभ करना, बिजनेस शुरू करना, नया गृह प्रवेश, विवाह, वाहन की खरीदी, जमीन, संपत्ति की खरीदी, मुंडन आदि समस्त मांगलिक व शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। होलाष्टक के दौरान किए गए कार्यों से कष्ट होता है। इस दौरान किए गए विवाह संबंध जल्द ही टूट जाते हैं क्योंकि घर में लगातार विवाद, क्लेश बना रहता है।
गर्भवती स्त्रियां पार न करें नदी-नाले
हिंदू धर्म में गर्भवती स्त्री को विशेष सम्मान और संरक्षण दिया जाता है। इसलिए उसकी रक्षा के लिए कई तरह के नियम भी बनाए गए हैं। जिस तरह सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर निकलने की मनाही रहती है, उसी तरह होलाष्टक के दौरान भी गर्भवती स्त्रियों को नदी-नाले पार करने की मनाही रहती है।
कब कौन-सा ग्रह रहेगा उग्र
- 23 फरवरी अष्टमी को चंद्र
- 24 फरवरी नवमी को सूर्य
- 25 फरवरी दशमी को शनि
- 26 फरवरी एकादशी को शुक्र
- 27 फरवरी द्वादशी को बृहस्पति
- 28 फरवरी त्रयोदशी को बुध
- 1 मार्च चतुर्दशी, पूर्णिमा को मंगल और राहु
पूर्णिमा को मंगल और राहु
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