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Heart Disease: ह्रदय रोग से मुक्ति के लिए उपाय
लखनऊ। वैसे तो शरीर का लगभग हर एक अंग अपने आप में खास महत्व रखता है, लेकिन सोते-जागते एक पल भी आराम न करने वाला ह्रदय अति महत्वपूर्ण है। ह्रदय का 1 सेंकेड का रूकना जीवन का अन्त कर देता है। इसलिए ह्रदय का खास ख्याल रखना चाहिए। ज्योतिष में सूर्य आत्मा का कारक है और कुण्डली का चैथा भाव ह्रदय से सम्बन्धित होता है। कुण्डली में बहुत सारे ऐसे योग बनते हैं, जिनके होने से जातक को ह्रदय रोग होने की आशंका रहती है।
आइए आज हम आपको बताते है कि यदि आप ह्रदय रोग से पीड़ित तो क्या करें उपाय....
ह्रदय रोग की शिकायत है तो
- यदि आपको किसी तरह की ह्रदय रोग की शिकायत है तो सोमवार के दिन काले धागे में पंचमुखी रूद्राक्ष डालकर गले में पहने से रोग में लाभ मिलता है।
- अगर आपको एक-दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है तो एक लाल रंग का हकीक, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, सात डंठल युक्त साबूत लाल मिर्च अपने ऊपर से से 21 बार उतार कर इन सभी चीजों को नदीं में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपको दोबारा दिल का दौरा नहीं पड़ेगा।
- जब ह्रदय की धड़कन अनियमित रूप से धड़कती हो या ऐसा लगे कि दिल दिल बैठा जा रहा है तो ऐसे जातक को प्रतिदिन ताजा दौने की पत्तियाॅ की माला बनाकर गले में पहनना चाहिए। इससे दिल मजबूत और धड़कन नियन्त्रित हो जायेगी।
- कृतिका नक्षत्र में प्याज का पत्ता गाय के दूध में पीने से ह्रदय रोग में आश्चर्य जनक लाभ मिलता है।
- मोती शंख में गंगाजल का प्रतिदिन आचमन करने से ह्रदय सम्बन्धी व श्वास सम्बन्धी रोग जल्दी ठीक हो जाता है। यह उपाय रामबाण की तरह काम करता है।
- शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष को दोनों हाथों से स्पर्श करके हाथ जोड़कर प्रणाम करें फिर ‘‘ऊॅ हौं जूं सः'' की कम से कम एक माला का जप करें। ये उपाय कम से कम एक वर्ष तक करने से ह्रदय रोग में आश्चर्य जनक लाभ मिलता है।
- यदि आप ह्रदय रोग से अधिक परेशान है, तो अष्टधातु की अॅगूठी शुद्ध करके अनामिका उॅगली में पहनने से लाभ मिलता है।
- अगर आप ह्रदय रोग के शिकार है तो नियमित रूप से 12 लोटा जल सूर्य को अर्पित करें और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का नित्य पाठ करें। ऐसा करने से धीमे-धीमे आप पूरी तरह स्वस्थ्य हो जायेंगे।
ह्रदय की धड़कन अनियमित रूप से धड़कती हो तो......
उपाय
यदि आप ह्रदय रोग से अधिक परेशान है तो......
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Comments
English summary
The 4th and 5th houses of a birth chart need to be analysed mainly. Take into consideration the zodiacal signs of Cancer and Leo since as per the Kaal Purusha Kundali these signs govern the 4th and 5th houses respectively.
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