Palmistry: स्वास्थ्य रेखा से जानिए अपने बारे में सब कुछ
लखनऊ। स्वास्थ्य रेखा के उद्गम-स्थान को लेकर विद्वानों का मतभेद रहा है, किन्तु मेरे विचार से स्वास्थ्य रेखा बुध पर्वत या उसके मूल से प्रारम्भ होती है और यदि हथेली में नीचे की ओर बढ़कर जीवन रेखा में मिल जाती है तो उस रोग की वृद्धि को संकेत देती है जो इसकी उत्पत्ति के समय रहा हो। जीवन रेखा तक पहुॅचते-पहुॅचते वह रोग अपनी चरमावस्था में पहुंच जाता है।
चलिए जानते है स्वास्थ्य रेखा हमें कैसा स्वास्थ्य देगी...
यदि यह रेखा बिल्कुन न हो यह एक शुभ संकेत होता है
- यदि यह रेखा बिल्कुन न हो यह एक शुभ संकेत होता है। इसके न होने से व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम होता है एवं जातक शारीरिक गठन वाला होता है। किसी भी प्रकार से इस रेखा की उपस्थित उन रोगों की ओर ही संकेत करती है, जिनसे शरीर की रक्षा की जानी चाहिए।
- यदि यह रेखा हथेली को पार करके जीवन-रेखा पर पहुॅच जाॅए, तो यह स्वास्थ्य एवं शारीरिक कमजोरी का प्रतीक होती है।
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ह्रदय सम्बन्धी रोग
- अगर यह रेखा बुध क्षेत्र के नीचे ह्रदय रेखा से प्रारम्भ हो, नीचे बढ़कर जीवन-रेखा को काट दे तो ह्रदय सम्बन्धी कमजोरी की परिचायक होती है। यदि यह पीले रंग की एवं चैड़ी हो तो रक्त संचरण के दोष की ओर संकेत करती है।
- यदि स्वास्थ्य रेखा ह्रदय रेखा को छोड़ने के स्थान पर लाल रंग की हो एवं नाखून छोटे तथा चपटे हो तो ह्रदय रोग होने की आशंका होती है।
- यदि इस रेखा पर लाल रंग के धब्बे हों तो यह ज्वर की प्रवृत्ति की ओर संकेत करती है।
- यदि यह घुमावदार तथा अनिमियत हो तो लीवर से सम्बन्धित रोग हो सकता है।
- स्वास्थ्य रेखा यदि छोटे-छोटे टुकड़ों से बनी हो तो कमजोर पाचन शक्ति की परिचायक होती है।
- यदि इस रेखा पर छोटे-छोटे द्वीप हो एव नाखून बादाम जैसे आकार के हों तो फेफडे एवं छाती से सम्बन्धित रोग होने की आशंका रहती है।
- अगर यह रेखा हथेली में अच्छी तरह से अंकित हो एवं ह्रदय तथा मस्तक-रेखा से नीचे झुकी कहीं दिखाई न देती हो तो मानसिक बीमारी के संकेत देती है। इस कारण मानसिक ज्वर आदि भी हो सकता है।
लीवर से सम्बन्धित रोग
स्वास्थ्य सम्बन्धी निष्कर्ष
यदि स्वाथ्य रेखा आड़ी न जाकर सीधी नीचे उतर जाये तो जातक का स्वास्थ्य बहुत अच्छा नहीं माना जाता है।
नोट-अतः स्वास्थ्य सम्बन्धी निष्कर्षो के लिए स्वास्थ्य रेखा की सहायता ले सकते हैं किन्तु अन्य रोगों के लिए हाथ की जीवन व ह्रदय रेखा का भी स्क्षूमतः अध्ययन करना चाहिए।
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