Happy Birthday PM Narendra Modi: सितारों की चाल मोदी के लिए कैसी रहेगी ?
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लखनऊ। विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत में न धन की कमी थी, न बल की, न ज्ञान की, न विज्ञान की, न शस्त्र की न शास्त्र की, कमी थी तो सिर्फ मजबूत इरादों और एक बेहत नेतृत्व की। जैसी जनता होगी वैसा नेता होगा ये जरूरी नहीं है लेकिन जितना बेहतरीन नेता होगा, उतना ही उस देश का उत्तम भविष्य होगा। यह अक्षरसः सत्य है। खैर हम आते है अपने विषय पर भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी का 17 सितम्बर को जन्म दिन है। चलिए इस शुभ अवसर पर जानते है कि इस वर्षान्त में होने वाले विधान सभा चुनावों व अगामी लोकसभा चुनाव में मोदी के सितारों की चाल कैसी रहेगी।
मोदी का जन्म 17 सितम्बर सन् 1950 को हुआ
मोदी का जन्म 17 सितम्बर सन् 1950 को सुबह 11 बजे गुजरात में हुआ था। आपकी वृश्चिक राशि है जिसका स्वामी मंगल काफी बलवान अवस्था में है। वृश्चिक का मंगल आपकी कुण्डली में बना रहा है शत्रुहंता योगा। इसलिए विरोधी या शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे। खास बात ये है जो भी आपका विरोध करेगा उसके असितत्व पर ग्रहण लग जायेगा।
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ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर कुछ विशेष तथ्य
राजयोग का निर्माण हो रहा है
वर्तमान में मोदी की पत्री में चन्द्रमा की महादशा में बुध की अन्तर दशा चल रही है। चन्द्रमा भाग्येश होकर नीचभंग राजयोग का निर्माण कर रहा है। बुध अष्टमेश व लाभेश होकर लाभ भाव में उच्च का होकर स्थित है। लाभ भाव में उच्च के बुध की सप्तम दृष्टि पंचम भाव पर पड़ रही है। पंचम भाव जनता का संकेतक भाव है। इस योग के कारण मोदी की लोकप्रियता बनी रहती अगर बुध वक्री व अस्त न होता। बुध के अस्त होने से इस समय भारत की जनता मोदी से कुछ विषयों पर असंतुष्ट व नाराज है। बुध की अन्तर दशा दिसम्बर 2018 तक चलेगी तब-तक भारत की जनमानस मोदी के विरोध में आन्दोलन व अन्य प्रकारों से नराजगी व्यक्त करती रहेगी किन्तु अक्टूबर में गुरू के वृश्चिक राशि में आने से धीमे-धीमे जनता का मूड मोदी के प्रति नरम व सकारात्मक हो जायेगा।
29 सितम्बर से गुरू का प्रत्यन्तर प्रारम्भ हो जाएगा
इस वर्ष के अन्त में कुछ विधान सभाओं के चुनाव होने है। 29 सितम्बर से गुरू का प्रत्यन्तर प्रारम्भ हो जायेगा जो 08 दिसम्बर तक चलेगा। बृहस्पति धनेश व पंचमेश होकर चैथे भाव में बैठा है। गोचर में बृहस्पति 12 अक्टूबर को तुला से निकलकर से अपने मित्र मंगल की राशि में गोचर करना शुरू कर देगा। गुरू आपके लग्न में गोचर करेगा जिसकी पंचम दृष्टि पंचम भाव पर, सप्तम दृष्टि सप्तम भाव पर और नवम दृष्टि भाग्य पर पड़ेगी। गुरू की पंचम दृष्टि से मोदी की जनता में लोकप्रियता फिर से बढ़ेगी और सप्तम व नवम दृष्टियाॅ गुरू की होने से जनसभाओं से लाभ व भाग्य में वृद्दि होगी।
छत्तीसगढ़ विधान सभा
वर्तमान में रमन सिंह इस राज्य के मुख्यमंन्त्री है। इस वक्त अपकी पत्री में गुरू की दशा में सूर्य का अन्तर 10 अक्टूबर से शुरू हो जायेगा। हलाॅकि सूर्य भाग्येश होकर दशम स्थान में शनि के साथ बैठा है। दशम का सूर्य सत्ता दिलाता है किन्तु अपने शत्रु शनि के साथ बैठा सूर्य पीड़ित है। पत्री में सूर्य से आठवें गुरू बैठा है यह भी अशुभ संकेत है। 12 अक्टूबर से गुरू आपके 12वें गोचर करने लगेगा। जिसकी दृष्टियाॅ क्रमशः चतुर्थ, छठें व अष्टम पड़ रही है। चुनाव के दौरान राहु का प्रत्यन्तर चल रहा होगा। राहु से सूर्य नवम बैठा है, जो एक अच्छा संकेत है। न्यूमरोलाॅजी के अनुसार प्रथम बार आपनें 8 दिसम्बर 2008 को मुख्यमन्त्री की शपथ ली थी। दूसरी बार भी 8 दिसम्बर को शपथ ली। इन दोनों में 8 अंक की विशेष भूमिका रही है और इस बार वर्ष 2018 में भी अंतिम का अंक 08 आ रहा है। अतः रमन सिंह के जनाधार में तो कमी आयेगी लेकिन फिर भी सत्ता में हैट्रिक लगाने में रमन सिह कामयाब हो सकते है।
मध्यप्रदेश विधान सभा
230 सीटों वाले मध्यप्रदेश की नवम्बर 2005 से शिवराज सिंह कमान संभाल रहे है। आपकी पत्री में शनि की दशा में बुध का अन्तर चल रहा है और 10 नवम्बर से राहु का प्रत्यन्तर प्रारम्भ हो जायेग। शनि आपकी कुण्डली में भाग्येश व दशमेश होकर अष्टम भाव में बैठा है। बुध पंचमेश व द्वतीयेश होकर लाभ में बैठकर जनता के कारक भाव पंचम को सप्तम नजर से देख रहा है। अतः आप मध्यप्रदेश की जनता के लोकप्रिय नेता बने रहेंगे। आपकी पत्री में गुरू सातवें भाव में वृश्चिक राशि में बैठा है। 12 अक्टूबर से गुरू वृश्चिक राशि में भ्रमण करना शुरू कर देगा। यह आपके लिए एक बहुत शुभ संयोग है। अतः आपके जनाधार में वृद्धि होगी और आप चौथी बार भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब होंगे।
राजस्थान विधान सभा
वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की कुण्डली में इस समय राहु की दशा में राहु का अन्तर और गुरू का प्रत्यन्तर चल रहा है। राहु आपके भाग्य में बैठकर पंचम दृष्टि से लग्न को देख रहा है, इसलिए आप चिन्ताग्रस्त रहेगी व नवम दृष्टि से जनता के संकेतक भाव पंचम को देख रहा है, जिस कारण आपकी जनता में लोकप्रियता कमी आयेगी। गुरू अष्टमेश होकर द्वादश भाव में बैठकर अशुभ फल देगा।
कांग्रेस की होगी वापसी
पूर्व सीएम अशोक गहलोत की कुण्डली में इस वक्त मंगल की दशा चल रही है व 6 दिसम्बर से सूर्य की अन्तर दशा प्रारम्भ होने वाली है। मंगल लाभेश होकर लाभ भाव में बैठकर सप्तम नजर से पंचम भाव को देख रहा है। सूर्य तृतीयेश होकर लाभ पर कब्जा जमाकर पंचम भाव को देख रहा है। सूर्य व मंगल दोनों की जनता के संकेतक भाव पर दृष्टि पड़ रही है। अक्टूबर से गुरू वृश्चिक में गोचर करेगा जो आपके छठें भाव में रहेगा जिसकी पंचम दृष्टि सत्ता के कारक दशम भाव पर पड़ रही है। यह एक बहुत ही शुभ संकेत है। आपके लिए अंक 8 भी विशेष फलदायी है। चॅकि आप 1998 में पहली बार सीएम बने थे। दूसरी बार सन् 2008 में सीएम बने और इस बार भी सन् 2018 में अंतिम अंक 8 है। इन सभी कारणो को देखते हुये निष्कर्ष यह निकलता है कि भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रहेगी। भाजपा को 80 से 85 सीटें मिल सकती है। वहीं काग्रेस 100 से 110 सीटें प्राप्त करके सरकार बनाने में कामयाब होगी। अब सवाल उठता है कि सचनि पायलट और अशोक गहलोत में सीएम कौन बनेगा। दोनों में कांटे की टक्कर है फिर भी अशोक गहलोत ही तीसरी बार मुख्यमन्त्री बनकर राज्य की सेवा करेंगे।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ की नाम राशि है मिथुन है और मोदी की राशि वृश्चिक है। वृश्चिक के आठवें भाव में मिथुन राशि पड़ रही है। आठवाॅ भाव संकट व दुःख कारक होता है। इसलिए छत्तीसगढ़ चुनाव से मोदी को कुछ निराशा मिल सकती है। मध्यप्रदेश की नाम राशि सिंह है, जो मोदी की कुण्डली में दशम भाव में पड़ रही है। दशम भाव पद, प्रतिष्ठा का कारक होता है। अतः मधप्रदेश में भाजपा की फिर से सरकार बनेगी। राजस्थान की नाम राशि तुला है जो मोदी की कुण्डली में 12वें भाव में पड़ रही है। 12वां भाव भी अशुभ स्थान माना जाता है। इस कारण राजस्थान में भाजपा की वापसी न के बराबर है।
पूर्ण बहुमत के साथ मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे
फरवरी 2019 से मोदी की पत्री में केतु की अन्तर दशा प्रारम्भ हो जायेगी। केतु आपकी कुण्डली में लाभ भाव में बैठकर जनता के कारक भाव पचंम को सप्तम दृष्टि से देख रहा है। केतु ध्वज का प्रतीक है, इसलिए एक बार फिर से मोदी का झण्डा केतु ऊंचा करेगा। अप्रैल में सूर्य का प्रत्यन्तर शुरू हो जायेगा। इसी दौरान लोकसभा चुनाव होने के संकेत है। सूर्य भी लाभ भाव में बैठकर पंचम भाव को देख रहा है। अंक ज्योतिष के अनुसार अगली 17वीं लोकसभा होगी और 17 तारीख मोदी का जन्मदिवस है। यह एक बहुत ही शुभ संयोग है। इन सभी ज्योतिषीय तथ्यों के आधार पर मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 17वी लोकसभा में पूर्ण बहुमत के साथ नरेन्द्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
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