गुरु पूर्णिमा : बृहस्पति को प्रसन्न करके पाएं मनचाहा वरदान
नई दिल्ली। नवग्रहों में बृहस्पति को धर्म, अध्यात्म, वैवाहिक जीवन, आयु की अवधि, उन्न्ति, तरक्की का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बृहस्पति शुभ स्थिति में होता है तो उसके समस्त कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न् होते हैं। एक तरह से बृहस्पति ठीक हो तो जीवन के प्रत्येक कार्य में किसी गुरु की तरह स्वत: मार्गदर्शन मिलता जाता है। इसके विपरीत यदि बृहस्पति ग्रह की स्थिति जन्मकुंडली में कमजोर है या बुरे ग्रहों के प्रभाव में है तो उस व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिरा रहता है।
गुरु पूर्णिमा
जन्मकुंडली में बृहस्पति खराब है तो उसे ठीक करने के कई उपाय ज्योतिष शास्त्र और धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। इन उपायों को वैसे तो कभी भी किया जा सकता है लेकिन वर्ष में कुछ विशेष शुभ दिन भी होते हैं, जिनमें यदि उपाय किए जाएं तो बृहस्पति का शुभ प्रभाव शीघ्र मिलने लग जाता है। ऐसे ही कुछ शुभ दिनों में एक खास दिन आ रहा है आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा 27 जुलाई को। यह दिन गुरु पूर्णिमा का दिन होता है। इस दिन लोग अपने भौतिक जीवन के गुरु के चरण पूजन करके उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह दिन बृहस्पति को प्रसन्न् करने का भी दिन है। यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति शुभ प्रभाव नहीं दे रहा है तो कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
बृहस्पति के खराब फल में क्या होता है?
सबसे पहले हम जानते हैं यह कैसे पता लगे कि आपकी कुंडली में बृहस्पति अशुभ प्रभाव दे रहा है। इसके लिए अपने जीवन में घटित होने वाली कुछ बातों पर ध्यान दीजिए। सबसे पहली बात बृहस्पति के कमजोर होने पर व्यक्ति के नैतिक मूल्य और संस्कार दूषित होने लगते हैं। यानी उसका आचरण खराब हो जाता है। वाणी में कटुता और बात-बात पर क्रोधित होने की प्रवृत्ति आ जाती है। खराब बृहस्पति वाला व्यक्ति अपने माता-पिता और बड़ों का सम्मान नहीं करता। उसके विद्या अध्ययन में भी बाधा आती है। उसका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और लिवर और पेट संबंधी रोग परेशान करने लगते हैं। अशुभ बृहस्पति वाला व्यक्ति बुरी संगत में पड़कर अपना धन और सम्मान नष्ट कर बैठता है।
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बृहस्पति की शुभ स्थिति में क्या होता है?
जिन लोगों की जन्म कुंडली में बृहस्पति शुभ प्रभाव देने वाला होता है वे व्यक्ति विद्वान और ज्ञानी होते हैं। वे दूसरों का सम्मान करना जानते हैं। उनकी वाणी में मधुरता रहती है और अपने अच्छे व्यवहार के दम पर हर किसी को अपने प्रति आकर्षित कर सकते हैं। बृहस्पति शुभ है तो सदैव देव कृपा बनी रहती है यानी ऐसे व्यक्ति का कोई काम अटकता नहीं है। धर्म-कर्म में रुचि रहती है। व्यक्ति अध्यात्मिक किस्म का होता है। हालांकि बृहस्पति की शुभता के कारण कई मामलों में व्यक्ति अहंकारी भी हो जाता है।
बृहस्पति को प्रसन्न् करने के लिए क्या करें?
यदि
जन्मकुंडली
में
बृहस्पति
अशुभ
प्रभाव
दे
रहा
हो
तो
ज्योतिष
में
कई
उपाय
बताए
गए
हैं
जिन्हें
करके
बृहस्पति
से
शुभ
परिणाम
हासिल
किया
जा
सकता
है।
- गुरुवार के दिन व्रत रखें। इस दिन नमक का सेवन न करें।
- घर के पिछले हिस्से में केले का पेड़ लगाएं और रोज प्रात: उसमें जल डालें।
- बृहस्पति के मन्त्रों का जाप करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से बृहस्पति प्रसन्न् होते हैं।
- घर के बुजुर्गों का सम्मान करें।
- किसी बगीचे में फलदार वृक्ष लगाएं।
- स्वर्ण का कोई आभूषण धारण करने से बृहस्पति को प्रसन्न् किया जा सकता है।
- गुरु पूर्णिमा से प्रारंभ करके लगातार 41 दिन तक सूर्य को हल्दी मिला जल अर्पित करें। जीवन में तरक्की होने लगेगी।
- गुरु पूर्णिमा के दिन एक स्वर्ण या पीतल का चौकोर टुकड़ा खरीदकर लाएं और हल्दी से पूजन करके अपने पास हमेशा रखें। लक्ष्मी खिंची चली आएगी।
- गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान करके पीले वस्त्र धारण करके बरगद की जड़ तोड़ लाएं। इसे गंगाजल से धोकर हल्दी से पूजन करके पीले कपड़े में बांधकर हमेश्ाा अपने पास रखें। इसे चांदी के ताबीज में भरकर बांधने से बृहस्पति के शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। आर्थिक संकट दूर होता है।
- सूर्योदय के समय गजेंद्र मोक्ष के 11 पाठ करें।
गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करें?
बृहस्पति
से
शुभ
फल
प्राप्त
करने
के
लिए
गुरु
पूर्णिमा
के
दिन
भी
कुछ
सिद्ध
उपाय
किए
जाना
चाहिए...
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