क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इस गणेश चतुर्थी पर बरस रहा है अमृत लूट सको तो लूट लो

By पं. अनुज के शु्क्ल
Google Oneindia News

लखनऊ। देवों के देव महादेव के पुत्र गणेश का पूजन हर पूजा में सबसे पहले किया जाता है। भगवान गणेश देवाता के भी पूज्य है। सर्वप्रथम बालगंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में गणेश उत्सव मनाना प्रारम्भ किया था। इस बार गणेश उत्सव 25 अगस्त से 05 सितम्बर तक रहेगा।

जानिए गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देखा जाता है चांद?जानिए गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देखा जाता है चांद?

25 अगस्त को चतुर्थी प्रातः 5 बजकर 56 मि0 से लेकर रात्रि 8 बजकर 32 मि0 तक रहेगी। अमृत योग होने के कारण इस बार की गणेश चतुर्थी विशेष फलदायक रहेगी।

आईये जानते है कि प्राकृतिक अमृत को पाने के लिए गणेश जी का पूजन कैसे करें ?

गणेश पूजन विधि

गणेश पूजन विधि

शास्त्रों के अनुसार प्रथम देवता गणेश जी की पूजन इस प्रकार से करना चाहिए। अवाहन, आसन, पादय, अर्घ, आचमन, स्नान, वस्त्र, गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्यय, तांबूल, दक्षिणा, आरती और परिक्रमा आदि।

संकल्प

संकल्प

अपने हाथों में जल, फूल, अक्षत और द्रव्य लें। जिस दिन पूजन कर रहें, उस वर्ष, उस वार, तिथि, ग्रहों की स्थिति, उस स्थान का नाम जॅहा पूजन कर रहे है, अपना नाम और गोत्र का मन में स्मरण करके अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए मन में भगवान से प्रार्थना करें तत्पश्चात हाथों में ली गई चीजों को कलश के सामने रख दें।

आवाहन

आवाहन

'ऊॅ गं गणपतये नमः आव्यहानयामि स्थापयामि' मन्त्र को बोलते हुये गणेश जी की मूर्ति पर अक्षत अर्पित करें। अब आपने गणेश जी को अपने घर आने का निमन्त्रण दे दिया।

आसन

आसन

  • 'ऊॅ गं गणपतये नमः आसनार्थ पुष्पाणि समर्पयामि' मन्त्र को कहते हुये गणेश जी को बैठने के आसन देना।
  • पादयं-गणेश जी के पैर धुलना।ऊॅ गं गणपतये नमः पादयोः पादयं समर्पयामि'' कहते हुये गणेश जी के पैर धुलायें।
  • अर्घ अर्थात हाथ धुलना

    अर्घ अर्थात हाथ धुलना

    • अर्घ अर्थात हाथ धुलना- आचमनी में जल, पुष्प व अक्षत लेकर निम्न मन्त्र ‘ऊॅ गं गणपतये नमः हस्तयोः अर्घ्यं समर्पयामि' कहते हुये हाथों को धुलायें।
    • आचमन अर्थात मुख की शुद्धि करना- ऊॅ गं गणपतये नमः आचमनीयम जलं समर्पयामि' कहते हुये जल छोड़े।
    • पंचामृत से स्नान कराना- 'ऊॅ गं गणपतये नमः पंचामृतस्नानं समर्पयामि'कहते हुये पंचामृत से गणेश जी को नहलायें। दूध, दही, मिश्री, शाहद और घी इन पॉच वस्तुओं के मिश्रण से बनता है पंचामृत।
    • शुद्द जल से स्नान कराना-‘‘ऊॅ गं गणपतये नमः शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि'कहते हुये शुद्ध जल से गणेश जी को स्नान करायें।
    • पंचमेवा अर्पित करना

      पंचमेवा अर्पित करना

      • वस्त्र पहनाना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः वस्त्रोपवस्त्रम् समर्पयामि'कहते हुयेगणेश जी को यथा शक्ति वस्त्र पहनायें।
      • पुष्प अर्पित करना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः पुष्पं समर्पयामि' यह कहते हुये गणेश जी को पुष्प चढ़ाये।
      • अक्षत अर्पित करना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः अथताम् समर्पयामि' कहते हुये गणेश जी को चावल चढ़ायें।
      • मिष्ठान अर्पित करना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः नैवेद्यम निवेदयामि' कहते हुये मिष्ठान का भोग लगायें।
      • फल अर्पित करना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः समर्पयामि' कहते हुये गणेश जी को फल चढ़ाना।
      • पंचमेवा अर्पित करना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः पंचमेवा समर्पयामि' कहते हुये गणेश जी को पंचमेवा अर्पित करें।
      • ताम्बूल अर्थात पान खिलाना-

        ताम्बूल अर्थात पान खिलाना-

        • आचमन कराना-‘ऊॅ गं गणपतये नमः जलं आचमनम् समर्पयामि'' बोलते हुये आचमन के जल छिड़के।
        • ताम्बूल अर्थात पान खिलाना- 'ऊॅ गं गणपतये नमः समर्पयामि' बोलते हुये भगवान गणेश को पान का भोग लगायें। पान के पत्ते को उल्टा करके उस पर सुपाड़ी, लौंग, इलायची रखकर गणेश जी को पान अर्पित करें।
        • गन्ध अर्पित करना- 'ऊॅ गं गणपतये नमः गन्धं समर्पयामि' इस मन्त्र को बोलते हुये चन्दन, रोली, हल्दी, अष्ठगंध आदि सुगन्धित द्रव्य गणेश जी को लगायें।
        • धूप दिखाना-‘‘ऊॅ गं गणपतये नमः धूपम् आघर्पयामि'' यह कहते हुये गणेश जी को धूप दिखायें।
        • दीप दिखाना-‘‘ऊॅ गं गणपतये नमः दीपं दर्शयामि'' कहते हुये गणेश जी को दीपक दिखायें।
        • दक्षिणा चढ़ाना-‘‘ऊॅ गं गणपतये नमः यथाशक्ति द्रव्यदक्षिणा समर्पयामि'' कहते हुये दक्षिणा चढ़ायें।
        • आरती करना-‘‘ऊॅ गं गणपतये नमः आरार्तिक्यम् समर्पयामि'' यह मन्त्र बोलते हुये गणेश जी को अर्पित करें।
        • क्षमा-प्रर्थना करना

          क्षमा-प्रर्थना करना

          • प्रदक्षिणा अर्थात परिक्रमा करें-हाथ में पुष्प लेकर भगवान गणेश की परिक्रमा करें। तत्पश्चात गणेश जी की मूर्ति के सामने यह कहते हुये प्रदक्षिणा समर्पित करें। ‘‘ऊॅ गं गणपतये नमः प्रदक्षिणा समर्पयामि'' इस मन्त्र का जाप करें।
          • क्षमा-प्रर्थना करना- पूजन-अर्चन पर किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर या भूलचूक के लिए गणेश जी से क्षमा करनी चाहिए और सुख-समृद्धि बनी रहें इसके लिए गणेश जी से प्रार्थना करे।

Comments
English summary
ganesh chaturthi pooja , ganesh chaturthi news in hindi, ganesh chaturthi in ahindi, all about ganesh chaturthi, 25th august ganesh chaturthi, ganesh chaturthi 2017 lord ganesha
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X