Lunar Eclipse 2018: आखिर क्यों चंद्रग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है?
नई दिल्ली। साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण आज लगने वाला है। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार ग्रहण काल में ईश्वर की आराधना करनी चाहिए। यहां तक कि इस दौरान लोगों को कोई भी शुभ काम करने से रोका जाता है। हालांकि ये एक खगोलीय घटना है लेकिन भविष्यपुराण, नारदपुराण आदि कई पुराणों में चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण से संबंधित बातें लिखी हैं जिसमें कहा गया है कि इस दौरान किये गये काम से इंसान का नुकसान और अहित ही होता है इसलिए चंद्रग्रहण से पहले और ग्रहण तक हर अच्छे काम को करने से रोका जाता है।
खग्रास रूप में चंद्रग्रहण पूरा दिखाई देगा
पूर्ण चंद्रग्रहण का समय शाम 5.58 मिनट पर शुरू हो रहा है जो रात 8.41 तक चलेगा। पूर्वी भारत, असम, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम तथा बंगाल के पूर्वी क्षेत्र में ग्रहण प्रारंभ होने के पहले ही चंद्रोदय हो जाएगा। इसलिए इन प्रदेशोें में खग्रास रूप में चंद्रग्रहण पूरा दिखाई देगा।
चंद्रमा के उदय का समय
- कोलकाता में 5:17 बजे
- दिल्ली में 6:04 बजे
- चेन्नई में 6:04 बजे
- मुंबई में 6:26 बजे
ग्रहण काल में क्या ना करें
चन्द्रग्रहण के काल में कैंची का प्रयोग न करें, फूलों को न तोड़े, बालों व कपड़ों को साफ न करें, दातुन या ब्रश न करें, भोजन न करें, कठोर शब्दों का प्रयोग न करें,संबंध ना बनाए, यात्रा न करें।
ग्रहण काल में क्या करें...
ग्रहण काल में हमें स्नान, ध्यान, दान, मन्त्र, स्तोत्र-पाठ, मंत्रसिद्धि, तीर्थस्नान, हवन-कीर्तन इत्यादि कार्यो का सम्पादन करना चाहिए। उपर्युक्त कार्यो के करने से बाधाओं की निवृत्ति एवं सुख की प्राप्ति होती है।
गर्भवती महिलायें
गर्भवती महिलायें ग्रहण काल में एक नारियल अपने पास रखें जिससे कि वायुमण्डल से निकलने वाली नकारात्मक उर्जा का प्रभाव उन पर ना पड़े।
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