साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 21 जनवरी को, सुर्ख लाल हो जाएगा चांद
नई दिल्ली। साल 2019 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 21 जनवरी को लगने वाला है। इससे पहले 6 जनवरी को सूर्यग्रहण आया था जो भारत में दिखाई नहीं दिया था, यह चंद्रग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन इसका व्यापक असर संपूर्ण पृथ्वी पर होगा क्योंकि यह पूर्ण चंद्रग्रहण यानी खग्रास चंद्रग्रहण है। पौष शुक्ल पूर्णिमा सोमवार दिनांक 21 जनवरी को भारतीय समय के अनुसार यह खग्रास चंद्रग्रहण प्रातः 8 बजकर 06 मिनट 29 सेकंड से प्रारंभ होगा और दोपहर 1 बजकर 18 मिनट 02 सेकंड पर समाप्त होगा।
कहां कहां दिखाई देगा ग्रहण
ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 12 मिनट रहेगी, जिसमें से खग्रास की अवधि 1 घंटा 2 मिनट रहेगी। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां इसके सूतक और कोई अन्य धार्मिक नियम नहीं माने जाएंगे, लेकिन राशि से संबंधित लोगों को कुछ सावधानियां रखना होंगी। यह ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका, सेंट्रल व पूर्वी अफ्रीका और एशिया के कुछ देशों में दिखाई देगा। ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो यह खग्रास चंद्रग्रहण पुष्य नक्षत्र और कर्क राशि में लगने वाला है। इसलिए कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र को कुछ सावधानी बरतना चाहिए।
108 दिनों तक रहता है ग्रहण का असर
ग्रहण दिखाई दे या ना दे लेकिन उसका असर समस्त पृथ्वी पर होता है। ज्योतिषीय आकलन के अनुसार किसी भी ग्रहण का असर पृथ्वी पर 108 दिनों तक रहता है। खासकर जिस राशि और नक्षत्र पर ग्रहण हो रहा है, उससे संबंधित जातकों को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होती है।
सुपर ब्लड वूल्फ मून होगा
इस खग्रास चंद्रग्रहण को सुपरमून या ब्लड मून कहा जा रहा है क्योंकि इस दौरान पृथ्वी के सबसे करीब होने से बड़ा दिखाई देखा। साथ ही इसकी आभा रक्त के समान लाल हो जाएगी। चंद्रमा की इस अवस्था को सुपर ब्लड वूल्फ मून कहा जाता है। यह अद्भुत घटना कई वर्षों में एक बार होती है इसलिए स्टार गेजर्स के लिए यह खास दिन होगा, हालांकि भारत में दिखाई नहीं देने के कारण उन्हें निराश होना पड़ेगा।