Father-Son Relationship: पिता-पुत्र के आपसी विरोध को कैसे दूर किया जाए?
लखनऊ। रिश्तों की डोर बड़ी कमजोर होती है। कब किस रिश्तें की डोर टूट जाये ये कहना कठिन है। अगर विश्वास, समर्पण, सहयोग, समझदारी व प्रेम के मिश्रण से रिश्तें की डोर बनी है तो निश्चित तौर पर वह रिश्ता भी बेमिसाल रहेगा। वैसे तो रिश्तों के अगल-अलग रिश्तें है किन्तु पिता-पुत्र का रिश्ता अटूट रिश्ता होता है। इस रिश्तें में दराद आने पर जीवन भार सा लगने लगता है।
चलिए जानते है कि पिता-पुत्र के विरोध को कैसे दूर किया जाए........
सूर्य पिता का कारक एंव गुरू पुत्र कारक है
ज्योतिष के अनुसार सूर्य पिता का कारक एंव गुरू पुत्र कारक है। जन्म तालिका में जब ये दोनों ग्रह नीच राशि में, पापी ग्रह के साथ या भाव सन्धि में फॅसे हो तो निश्चय रूप से पिता-पुत्र में विरोध होना तय है। यह विरोध एक भयावह रूप धारण कर ले उससे पहले इसका निदान खोजना अपरिहार्य है। अब सवाल यह उठता है कि इस विरोध को दूर करने के लिए क्या किया जाये ? आइये इससे बचने के लिए हम आपको कुछ उपाय बता रहें है, जिन्हें लगातार तीन रविवार तक करने से आपको लाभ अवश्य मिलेगा।
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यदि पिता की ओर से विरोध चल रहा है तो...
- यदि पिता की ओर से विरोध चल रहा है तो आप शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को पुत्र के द्वारा यह उपाय करवायें। सवा किलो गुड़ को बहते हुये जल में प्रवाति करें। लगातार तीन रविवार यह उपाय करें।
- पिता प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ पर मीठा जल व सरसों के तेल का दीपक जलायें एंव पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल की धार गिरानी है। जिससे पिता और पुत्र में चला आ रहा विवाद शीघ्र ही खत्म हो जायेगा।
- पुत्र के हाथों नियमित रूप से गुड़ मिश्रित जल सूर्य देव को चढ़ाने से विरोध दूर हो जाता है।
- रविवार को पुत्र यदि पिता को लाल वस्तु उपहार में दे ंतो भी इस समस्या का समाधान हो जाता है।
- शनिवार के दिन पिता यदि पुत्र को कोई नीली वस्तु उपहार में दे तो भी समस्या का समाधान होता है।
- पुत्र नियमित प्रातःकाल गुड़हल फूल डालकर अथवा लाल चन्दन डालक 12 लोटा जल सूर्य देव को चढ़ायें।
- पिता गुरूवार के दिन गाय को 5 केला खिलायें एंव मन्दिर में हल्दी दान करने से लाभ होगा।
- यदि कुण्डली में सूर्य पीड़ित है तो तांबे की अंगूठी में माणिक्य धारण करें।
- यदि गुरू दूषित होने के कारण पुत्र से विवाद चल रहा है, तो नाभि पर केसर लगायें एंव पीपल वृक्ष की हर शनिवार पूजन करें।
- यदि पिता से पुत्र का मनमुटाव चल रहा है तो पिता को किसी शुभ मुहूर्त में दाहिनी भुजा में मदार की जड़ धारण करने से मनमुटाव की समस्या समाप्त होती है।
12 लोटा जल सूर्य देव को चढ़ायें
सूर्य पीड़ित है तो कीजिए ये उपाय
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