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शनिदेव को खुश करने के लिए कीजिए इन 5 मंत्रों का जाप, सारे कष्ट हो जाएंगे दूर
नई दिल्ली। ज्योतिष में शनिदेव को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। इस ग्रह से सभी लोग काफी डरते भी हैं क्योंकि एक बार किसी को शनि की पीड़ा शुरू हो जाए तो वह आसानी से पीछा नहीं छोड़ती है, शनि की साढ़ेसाती तो पूरे साढ़े सात साल चलती है। ज्योतिष में शनि को पीड़ाकारी ग्रह माना जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि शनि न्यायाधीश हैं। वे व्यक्ति को उसके अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं।
शनिदेव को खुश करने के लिए आप रोज इन 5 मंत्रों का जाप कीजिए, यकीन मानिए आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे
- ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
- ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
- ऊं ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
- कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
- सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
- शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
कुछ खास बातें
- शनि सबसे ठंडा ग्रह कहा जाता है, जिसकी चाल सबसे धीमी होती है।
- जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि उच्च का हो वह सामान्य परिवार में जन्म लेने के बाद भी राजयोग भोगता है।
- उच्च का शनि जातक को कर्मठ, कर्मशील और न्यायप्रिय बनाता है।
- लग्न भाव में शनि होने से जातक आलसी और तुच्छ मानसिकता वाला होता है।
- शनि नीच का हो तो व्यक्ति दुर्व्यवहारी, दुराचारी होता है।
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English summary
Lord Shani is considered to be a God full of justice and does not spare misdeeds of anyone. here is Easy Ways To Impress Lord Shani: Chant These 5 Mantra daily.
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