नवरात्र 2019: मां दुर्गा की आरती, जय अम्बे गौरी....नवरात्र में करें मां की ये आरती, पूरी होंगी मनोकामनाएं
नई दिल्ली। आज से नवरात्र 2019 (Navratri 2019) की शुरुआत हो गई है। कलश स्थापना के साथ ही दुर्गा जी का आवाहन किया गया। अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाएगी। मां की पूजा के साथ-साथ मां दुर्गा की आरती का भी उतना ही महत्व हैं।
मां दुर्गा की आरती
नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना का विशेष महत्व है। नवरात्रि के समय विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा अर्चना और आरती की जाती है। अगर आप सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना करते हैं तो मां जल्द ही आप की मनोकामना को पूरी करती हैं। मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ उनकी आरती का भी खास महत्व है। मां दुर्गा की दो आरती मुख्य रूप से की जाती है। पहली आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी... है। अगर आप सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना और आरती करते हैं तो आपको फल जरूर मिलता है।
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी.....
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी,...।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी,...।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी,...।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी,...।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी,...।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी,...।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अम्बे गौरी,...।
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी,...।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी,...।
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी,...।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी,...।
अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अम्बे गौरी,...।
आरती की थाल में रखें ये चीजें
आरती के समय आरती की थाल में आप कपूर, गाय के घी का दीपक जलाकर जरूर रखें। आरती के समय शंख और घंटी अवश्य बजाएं। आरती के समय शंघनाद और घंटी की ध्वनि से घर में सकात्मक ऊर्जा आती है। नकारात्मकता के खत्म होने से व्यक्ति का विकास होता है, उन्नति के द्वार खुल जाते हैं।