भूलकर भी न करें ऐसी वस्तुओं का दान वरना बिगड़ जाएगा हर काम
ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली में जो ग्रह उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हो, उनसे संबंधित वस्तुओं का दान कभी भूलकर भी नहीं देना चाहिए।
नई दिल्ली। दान की महिमा वेदों से लेकर तमाम पुराणों और उपनिषदों तक में बताई गई है। अपनी श्रद्धा भक्ति, क्षमता और खुशी से बिना दबाव में दिया गया दान अनंत गुना फल प्रदान करता है। शास्त्रों में कहा गया है:
दानेन
भूतानि
वशी
भवन्ति
दानेन
वैराण्यपि
यान्ति
नाशम्।
परोपि
बन्धुत्वभूपैति
दानेर्
दानं
हि
सर्वव्यसनानि
हन्ति।।
अर्थात्: दान से सभी प्राणी वश में होते हैं। दान से बैर खत्म हो जाता है। दान से शत्रु भी भाई बन जाता है। दान से ही सभी संकट दूर होते हैं। Astro Tips: रत्नों और धातुओं से दूर हो सकते हैं रोग
इसमें जरा भी संशय नहीं कि दान की बड़ी महिमा है, लेकिन क्या आप जानते हैं दान भी सोच-समझकर दिया जाना चाहिए। किसी को भी कुछ भी वस्तु दान कर देने से समस्या खत्म होने की अपेक्षा और बढ़ जाती है। खासकर ग्रहों को दान देने में अत्यंत सावधानी बरतना चाहिए। ग्रहों से संबंधित वस्तुओं के दान करने का एक निश्चित नियम है। जन्म कुंडली में ग्रहों की उच्च, नीच स्थिति देखते हुए उसके उपयुक्त वस्तु दान देना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली में जो ग्रह उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हो, उनसे संबंधित वस्तुओं का दान कभी भूलकर भी नहीं देना चाहिए। ऐसा दान हमें हमेशा हानि ही देता है। ऐसा दान हमारा काम बनाने के बजाय बिगाड़ भी सकता है।
आइये देखते हैं किस ग्रह की कौन-सी स्थिति दान के लिए शुभ या अशुभ है...
सूर्य
सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च तथा सिंह राशि में होने पर अपनी स्वराशि का होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य इन्हीं दो राशियों में से किसी एक में हो तो उसे लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गुड़, आटा, गेहूं, तांबा आदि दान नहीं करना चाहिए। सूर्य की ऐसी स्थिति में व्यक्ति को नमक कम करके, मीठे का सेवन अधिक करना चाहिए।
चंद्र
चंद्र वृषभ राशि में उच्च तथा कर्क राशि में स्वराशि का होता है। यदि किसी मनुष्य की जन्म कुंडली में चंद्र ऐसी स्थिति में हो तो, उसे खाद्य पदार्थों में दूध, चावल, चांदी एवं मोती का दान नहीं करना चाहिए। ऐसे जातक के लिए माता या अपने से बड़ी किसी भी स्त्री से दुर्व्यवहार करना हानिकारक हो सकता है। किसी स्त्री का अपमान करने पर ऐसे जातक मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्र स्वराशि का हो उसे किसी नल, ट्यूबवेल, कुआं, तालाब अथवा प्याऊ निर्माण में कभी आर्थिक रूप से सहयोग नहीं करना चाहिए। यह उस जातक के लिए आर्थिक रूप से हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
मंगल
मंगल मेष या वृश्चिक राशि में हो तो स्वराशि का तथा मकर राशि में होने पर उच्च होता है। यदि व्यक्ति की कुंडली में मंगल ऐसी स्थिति में है तो मसूर की दाल, मिष्ठान अथवा अन्य किसी मीठे खाद्य पदार्थ का दान ना करें। आपके घर यदि मेहमान आए हों तो उन्हें कभी सौंफ खाने को न दें अन्यथा वह व्यक्ति कभी मौका आने पर आपके खिलाफ जहर उगलेगा। यदि मंगल ग्रह के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो किसी भी प्रकार का बासी भोजन न तो स्वयं खाएं और न ही किसी अन्य को खाने दें।
बुध
बुध मिथुन राशि में तो स्वराशि तथा कन्या राशि में हो तो उच्च राशि का कहलाता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्मपत्रिका में बुध उपरोक्त वर्णित किसी स्थिति में है तो, उसे हरे रंग के पदार्थ और वस्तुओं का दान कभी नहीं करना चाहिए। हरे रंग के वस्त्र, वस्तु और यहां तक कि हरे रंग के खाद्य पदार्थों क�� दान कभी नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को न तो घर में मछलियां पालनी चाहिए और न ही स्वयं कभी मछलियों को दाना डालना चाहिए।
बृहस्पति
बृहस्पति धनु या मीन राशि में हो तो स्वराशि तथा कर्क में होने पर उच्च का होता है। जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह ऐसी स्थिति में हो तो, उसे पीले रंग के पदार्थ दान नहीं करना चाहिए। सोना, पीतल, केसर, धार्मिक साहित्य या वस्तुओं आदि का दान नहीं करना चाहिए। इन वस्तुओं का दान करने से समाज में सम्मान कम होता है।
शुक्र
शुक्र वृषभ या तुला राशि में हो स्वराशि का एवं मीन राशि में हो तो उच्च भाव का होता है। जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की ऐसी स्थिति हो, उसे श्वेत रंग के सुगंधित पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए अन्यथा व्यक्ति के भौतिक सुखों में कमी आने लगती है। इसके अलावा नई खरीदी गई वस्तुओ�� का एवं दही, मिश्री, मक्खन, शुद्ध घी, इलायची आदि का दान भी नहीं करना चाहिए।
शनि
शनि यदि मकर या कुंभ राशि में हो तो स्वराशि तथा तुला राशि में हो तो उच्च राशि का कहलाता है। यदि व्यक्ति की कुंडली में शनि की ऐसी स्थिति है तो काले रंग के पदार्थों का दान कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा लोहा, लकड़ी और फर्नीचर, तेल या तैलीय सामग्री, बिल्डिंग मटेरियल आदि का दा��� नहीं करना चाहिए। ऐसे जातक को अपने घर में काले रंग का कोई पशु जैसे कि भैंस अथवा काले रंग की गाय, काला कुत्ता आदि नहीं पालना चाहिए। ऐसा करने से जातक की निजी एवं सामाजिक दोनों रूप से हानि हो सकती है।
राहु ग्रह
राहु यदि कन्या राशि में हो तो स्वराशि का तथा वृषभ एवं मिथुन राशि में हो तो उच्च का होता है। जिस जातक की कुंडली में इसमें से किसी भी एक स्थिति का योग बने, ऐसे जातक को नीले, भूरे रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। अन्न का अनादर करने से परहेज करना चाहिए। जब भी ये खाना खाने बैठें, तो उतना ही लें जितनी भूख हो, थाली में जूठन छोड़ना इन्हें भारी पड़ सकता है।
केतु
केतु यदि मीन राशि में हो तो स्वराशि तथा वृश्चिक या फिर धनु राशि में हो तो उच्च का होता है। यदि कुंडली में केतु उपरोक्त स्थिति में है तो घर में कोई प्रकिया नहीं पालना चाहिए, अन्यथा धन व्यर्थ के कामों में बर्बाद होता रहेगा। इसके अलावा भूरे, चित्र-विचित्र रंग के वस्त्र, कम्बल, तिल या तिल से निर्मित पदार्थ आदि का दान नहीं करना चाहिए।