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वास्तु टिप्स : दीपावली पर इन उपायों से घर में आएगी समृद्धि
नई दिल्ली।धन, सुख, समृद्धि, वैभव की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न् करने के लिए दीपावली पर लोग तरह-तरह के प्रयोग करते हैं, लेकिन सबसे मूल बात को भूल जाते हैं। वह है वास्तु शास्त्र के नियम। दीपावली पर घर में धन-धान्य की वर्षा करने के लिए वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
आइए जानते हैं इस दीपावली पर वास्तु के कौन-से टिप्स अपनाकर आप अपने घर में स्थायी लक्ष्मी का वास कर सकते हैं...
लक्ष्मी का वास साफ-स्वच्छ स्थान पर ही होता है
- सबसे पहली बात, यह बात शास्त्रों में भी लिखी है कि लक्ष्मी का वास साफ-स्वच्छ स्थान पर ही होता है। जहां गंदगी होती है वहां लक्ष्मी निवास नहीं करती। इसलिए दीपावली पर लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंग-रोगन जरूर करते हैं। आपने भी अब तक सफाई नहीं की है तो घर को अच्छे से साफ जरूर करें।
- टूटा-फूटा फर्नीचर, पुराने कपड़े, रद्दी पेपर, पुरानी मैग्जीन, टूटे कांच, चीनी के टूटे बर्तन आदि को घर से बाहर निकाल दें। घर में इलेक्ट्रिक का कोई भी खराब या बंद उपकरण ना रखें। इसे कबाड़ में बेच दें। सफाई की सभी वस्तुएं जैसे झाडू, डस्टबिन, डस्टपान, डोरमेट आदि नए इस्तेमाल करें।
- स्थायी लक्ष्मी के वास के लिए घर या दफ्तर में सकारात्मक ऊर्जा का होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए कोने-कोने में रॉक साल्ट (सेंधा नमक) डले हुए पानी का पोंछा लगाएं। घर के जिन कोनों में पोंछा लगाना संभव नहीं हो वहां इस नमक के पानी का स्प्रे करें।
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दीपावली है ही रोशनी का त्योहार
- दीपावली है ही रोशनी का त्योहार, रोशनी के बिना यह अधूरा है। इसलिए दीपावली पर हर जगह रंग-बिरंगी लाइटिंग की जाती है। हमारे शास्त्रों में मान्यता है कि दीपावली पर रोशनी से देवी लक्ष्मी आकर्षित होती हैं।
- इसलिए अपने घर-दफ्तर को खूबसूरत और आकर्षक लाइटिंग से जरूर सजाएं। इनमें खासतौर पर उत्तर दिशा में नीले, पीले और हरे रंग के बल्ब लगाएं। पूर्व में लाल, ऑरेंज और पीले बल्ब। दक्षिण में सफेद, जामुनी और लाल तथा पश्चिम दिशा में पीला, ऑरेंज, पिंक या ग्रे कलर के बल्ब लगाना वास्तु के नियमों के अनुसार शुभ है।
- घर के मुख्य द्वार को डेकोरेटिव वंदनवार से जरूर सजाएं। पहले के जमाने में आम और अशोक के पत्तों तथा फूलों की वंदनवार सजाई जाती थी। प्राकृतिक चीजों से बनी वंदनवार आज भी शुभ और पवित्र होती है, लेकिन आजकल बाजारों में जूट, प्लास्टिक आदि से बनी हैंडमेड वंदनवार भी आती हैं, इन्हें भी सजाया जा सकता है।
- घर के मुख्य दरवाजे पर देवी लक्ष्मी से जुड़े शुभ प्रतीक चिन्ह जैसे लक्ष्मी के पदचिन्ह, स्वस्तिक, शुभ-लाभ आदि जरूर बनाएं। इनके स्टीकर भी मुख्य दरवाजे पर चिपकाए जा सकते हैं। इनसे लक्ष्मी का आगमन सहज होता है।
- दीपावली पर सोने, चांदी के बर्तन खरीदना शुभ होता है। यदि सोने-चांदी के बर्तन नहीं खरीद सकते तो सोने-चांदी का सिक्का भी खरीदा जा सकता है।
- घर के मुख्य द्वार के समीप खूबसूरत रंगों से रंगोली बनाने का रिवाज भी है। पहले के जमाने में मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से लीपकर रंगोली डाली जाती थी।
- स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर के ईशान कोण में एक चांदी, तांबा या स्टील के बाउल में पानी भरकर रखें। इसमें चांदी का एक सिक्का डालें जिस पर गणेश-लक्ष्मी के चित्र अंकित हों। इस बाउल को ऐसी जगह रखें जहां सूर्य की किरणें इस पर आती हों। यदि आपके घर या दफ्तर के ईशान कोण में सीधे सूर्य की रोशनी नहीं आती हो तो किसी दर्पण या क्रिस्टल की सहायता से इस बाउल पर सूर्य की किरणें रिफ्लेक्ट करके ले आएं। इससे पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा भरेगी।
- दीपावली पर दीये लगाते समय उनकी संख्या पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। दीये हमेशा चार के गुणक में ही लगाएं। यानी चार, आठ, बारह, सोलह, बीस। इस प्रकार दीये लगाने से वास्तु के नियमों की पूर्ति होती है।
सोने, चांदी के बर्तन खरीदना शुभ होता
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English summary
Diwali or Deepavali is the Hindu festival of lights celebrated every year in autumn in the northern hemisphere (spring in southern hemisphere).here is some unknown facts about this Festival.
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