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Devutthana Ekadashi Vrat: देवोत्थान एकादशी के 10 प्रयोग करेंगे हर इच्छा पूरी

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागकर अपने भक्तों को आशीर्वाद स्वरूप अनेक प्रकार के सुख प्रदान करते हैं। 8 नवंबर को आ रही देवोत्थान एकादशी के दिन सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं।

आइए जानते हैं ये प्रयोग..........

देवोत्थान एकादशी व्रत

देवोत्थान एकादशी व्रत

  • देवोत्थान एकादशी का व्रत समस्त प्रकार के पाप, शोक, दुख, संकटों का नाश करने वाला होता है। इसलिए आप वर्ष की कोई एकादशी पर व्रत नहीं रखते हों, लेकिन इस एकादशी के दिन व्रत जरूर रखें। इस दिन सूर्योदय पूर्व जागकर स्नान कर भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करें। एकादशी व्रत का संकल्प लें और एकादशी की व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें।
  • देवोत्थान एकादशी के दिन अपने पूजा स्थान में एक मिट्टी के कलश में मिश्री भरकर उस पर सफेद वस्त्र बांधें और उपर एक श्रीफल रखें। कलश पर स्वस्तिक बनाएं और इसका विधिवत पूजन कर किसी ब्राह्मण को दान करें। इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही हो। कई प्रयासों के बाद भी विवाह की बात नहीं बन पा रही हो, वे युवक-युवतियां देवउठनी एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में जाग जाएं। जब आकाश में तारे हों, तभी स्नान करें और लक्ष्मी-विष्णु की पूजा कर विष्णुसहस्रनाम के 7 पाठ करें। महालक्ष्मी और विष्णु को मिश्री का भोग लगाकर अपनी मनोकामना कहें। शीघ्र विवाह का मार्ग प्रशस्त होगा।
  • जिन दंपतियों का विवाह कष्टपूर्ण चल रहा हो। पति-पत्नी के संबंधों में कटुता हो, वे देवउठनी एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का मंत्र ओम् कृं कृष्णाय नमः की एक माला जाप करें। श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं। वैवाहिक जीवन में शांति आएगी और पति-पत्नी के संबंध मधुर बनेंगे।

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म नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र

म नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र

  • आर्थिक संकटों और कर्ज से मुक्ति के लिए एकादशी का व्रत करें। शाम के समय पूजा स्थान में लाल रंग के कंबल पर बैठकर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की एक माला जाप करें। भगवान विष्णु को हलवे का नैवेद्य लगाएं और तुलसी में प्रतिदिन शाम के समय दीपक लगाना प्रारंभ करें।
  • एकादशी के दिन से प्रारंभ करके लगातार 21 दिन पीपल में कच्चा दूध और पानी मिश्रित करके चढ़ाना प्रारंभ करें। पीपल के वृक्ष की जड़ से थोड़ी सी गीली मिट्टी लेकर मस्तक और नाभि पर लगाएं। रोग मुक्ति होने लगेगी।
  • जीवन में लगातार कोई न कोई परेशानी बनी हुई हो। बेवजह के संकट आ रहे हों तो एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी विवाह संपन्न कराएं। किसी कन्या को भोजन करवाकर उसे वस्त्र, श्रंृगार का सामान भेंट दें।
प्रेम, आकर्षण और सम्मोहन प्राप्ति

प्रेम, आकर्षण और सम्मोहन प्राप्ति

  • प्रेम, आकर्षण और सम्मोहन प्राप्ति के लिए देवउठनी एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी का श्रृंगार करें, उन्हें वस्त्र, मुकुट पहनाएं और माखन का भोग लगाएं। इसके बाद त्रेलोक्य मोहनाय नमः मंत्र की 21 माला जाप करें, आपके व्यक्तित्व में एक अद्भुत आकर्षण पैदा हो जाएगा।
  • यह एकादशी सुख, सौभाग्य और उत्तम संतान प्रदान करने वाली एकादशी भी कही गई है। इसलिए संभव हो तो पति-पत्नी दोनों इस व्रत को करें और फिर देखें उनके जीवन में कितनी तेजी से परिवर्तन आता है।
  • इस एकादशी के दिन तुलसी विवाह संपन्न कराने से परिवार में कोई संकट नहीं रहता, समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।

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English summary
Prabodhini Ekadashi also known as Devotthan Ekadashi, is the 11th lunar day in the bright fortnight of the Hindu month of Kartik.The end of Chaturmas, when marriages are prohibited, signifies the beginning of the wedding seasons.
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