नीच के ग्रह भी बना सकते हैं राजा, जैसे नरेंद्र मोदी को बनाया
नई दिल्ली। वैसे तो कुंडली में नीच के ग्रह लोगों के मन में अजीब सा डर पैदा कर देते हैं और ऐसे ग्रहों की दशाओं के नकारात्मक परिणाम मिलने की भविष्यवाणी भी की जाती है। हालांकि कुछ कुंडलियां ऐसी होती हैं, जिनमें नीच के ग्रह व्यक्ति को राजा के तौर पर स्थापित कर देते हैं। इस युग में राजा का मतलब है पद, प्रतिष्ठा, सम्मान और अधिकार है, जिसके दम पर व्यक्ति अपने समुदाय या क्षेत्र में प्रभावशाली बन जाता है।
नीचभंग राजयोग और ग्रहों की स्थिति होती है अहम
इसमें कुंडली में बनने वाला नीचभंग राजयोग, उसके साथ किन ग्रहों का संबंध बन रहा है, कुंडली में ग्रह की स्थिति खासी महत्वपूर्ण होती है। ऐसी ही कुंडली देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है।
मजबूत स्थिति में है नीच का चंद्रमा
नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है, जिसमें योगकारक चंद्रमा नीच का होकर लग्न में स्थित है और साथ में लग्नेश मंगल भी विराजमान हैं। कुंडली में नीच के चंद्रमा का शुक्र और मंगल दोनों से ही नीच भंग हो रहा है। नीच भंग राजयोग का मतलब है कि मुश्किलों के बाद जीवन में सफलता, जो नरेंद्र मोदी के जीवन में स्पष्ट नजर भी आता है।
बन रहा है बेहतरीन राजयोग
इसके अलावा चंद्रमा नवमेश और मंगल लग्नेश है। लग्नेश और नवमेश के संबंध को वैदिक ज्योतिष में एक बेहतरीन राजयोग माना जाता है। ऐसा व्यक्ति कई संस्थानों की स्थापना करता है या इसमें सहायक होता है।
चंद्रमा की महादशा ने दिलाई अपार सफलता
नरेंद्र मोदी के जीवन में नीच के चंद्रमा की महादशा नवंबर, 2011 में शुरू हुई थी और नवंबर, 2021 तक चलेगी। इसी चंद्रमा की दशा में मोदी पार्टी के भीतर से ही काफी संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने और बड़ी जीत भी हासिल की। इसके साथ ही, इसी महादशा अवधि में उनकी दुनिया के कुछ सबसे ताकतवर नेताओं में भी गिनती होने लगी।इसलिए यह जरूरी नहीं कि कुंडली के नीच के ग्रहों की दशाएं जीवन में सिर्फ संघर्ष लाती हैं, बल्कि जीवन में ऐसी सफलता भी दिलाती हैं जो योगकारक ग्रह भी नहीं दिला पाते हैं।
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