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Pukhraj Stone: बृहस्पति प्रथम भाव में हो तो जानिए पुखराज धारण करने के लाभ
लखनऊ। यदि बृहस्पति ग्रह कुण्डली के प्रथम भाव में बैठा हो तो पुखराज धारण करने से जातक को विद्या लाभ, धन सम्पत्ति, पुत्र सुख की प्राप्ति होती है तथा जातक पर आने वाले बड़े से बड़े कष्ट का भी आसानी से हल निकल आता है। ऐसा जातक धार्मिक यात्रायें भी अधिक करता है।
चलिए जानते है बृहस्पति के पहले भाव में होने से किन-किन लोगों को पोखराज धारण करने से लाभ होता और किन्हें नुकसान होता है...
पुखराज पहनने से जातक के भाग्य में वृद्धि होती है
- मेष लग्न-इस कुण्डली में गुरू नवमेश-द्वादशेश होकर पहले भाव में बैठा होगा। अतः पुखराज पहनने से जातक के भाग्य में वृद्धि होती है, मान-सम्मान मिलता है व धार्मिक कार्यो कार्यो के प्रति मन आशक्त होता है।
- वृष लग्न-गुरू अष्टमेश-लाभेश होकर लग्न में स्थित होगा। अतः पुखराज पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। कुछ लोगों को विरासत में धन लाभ हो सकता है या अचानक लाभ मिल सकता है। गूढ़ विषयों को जानने की इच्छा भी होगी।
- मिथुन लग्न-इस कुण्डली में गुरू सप्तमेश-दशमेश बनता है। पुखराज पहनने से पति-पत्नी के सुख में वृद्धि होती है, कामकाज, नौकरी में उन्नति होती है। मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है व अविवाहितों को नौकरी करने वाली पत्नी मिलती है।
- कर्क लग्न-गुरू षष्ठेश-नवमेश होकर लग्न में स्थित होगा। पुखराज पहनने से विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त होगा। धन सम्पत्ति का लाभ होगा।
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प्रेम-प्रसंग प्रारम्भ होते हैं
- सिंह लग्न-इस पत्री में गुरू पंचमेश-अष्टमेश होकर लग्न में स्थित होगा। अतः पुखराज धारण करने से सन्तान सुख प्राप्त होता है। गुप्त धन की प्राप्ति होती है व युवक-युवतियों के प्रेम-प्रसंग प्रारम्भ होते है।
- कन्या लग्न-गुरू चतुर्थेश-सप्तमेश होकर लग्न में स्थित होगा। पुखराज पहनने से घरेलू सुख में वृद्धि होगी। जीवन साथी से प्रेम बना रहेगा। कुछ लोगों को मकान व वाहन का लाभ होगा।
- तुला लग्न-इस कुण्डली में गुरू तृतीयेश-षष्ठेश होकर लग्न में स्थित होगा। अतः पुखराज धारण करना विशेष लाभदायक नहीं रहता है। शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के फल मिलते है, इसलिए सोंच-समझकर ही पुखराज पहने।
- वृश्चिक लग्न-गुरू द्वितीयेश-पंचमेश होकर लग्न में स्थित होगा। पुखराज धारण करने से धन सम्पत्ति में बढ़ोत्तरी होगी। सन्तान सुख रहेगा व लगभग हर कार्य में सफलता मिलेगी।
- धनु लग्न-गुरू लग्नेश-चतुर्थेश होकर लग्न में स्थित होगा। अतः पुखराज पहनने से मकान, वाहन व भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। कार्यो में आ रही बाधायें दूर होकर सफलता प्राप्त होगी।
- मकर लग्न-गुरू द्वादशेश-तृतीयेश होकर लग्न में स्थित होगा। पुखराज पहनने से आलसी व्यक्ति में परिश्रम करने का जज्बा आयेगा किन्तु स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा। इसलिए सोंच-समझकर ही पुखराज पहनें।
- कुम्भ लग्न-इस कुण्डली में गुरू द्वितीयेश-लाभेश होकर लग्न में बैठा होगा। अतः पुखराज धारण करने से धन लाभ होगा, परिवार में सभी से अच्छा तालमेल बना रहेगा व नई योजनाओं में लाभ होगा।
- मीन लग्न-गुरू दशमेश-लग्नेश बनकर लग्न में स्थित होगा। अतः पुखराज धारण करने से कुछ लोगों की पदोन्नति होगी, मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। व्यापार करने वाले लोगों को विशेष लाभ होगा।
स्वास्थ्य बेहतर होता है
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English summary
Yellow sapphire is genuinely mesmerizing due to its unique color characteristics and various cuts so that it generally draws the attention of each pair of eyes around it instinctively.
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