अशोक वृक्ष के चमत्कारिक उपाय
नई दिल्ली। अशोक का शब्दिक अर्थ है,किसी प्रकार का शोक न होना। अशोक का पेड़ जिस स्थान पर होता है। वनहा पर किसी प्रकार शोक व अशान्ति नहीं रहती है। माँगलिक एवं धार्मिक कार्यो में अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। इस वृक्ष पर प्राकृतिक शक्तियों का विशेष प्रभाव रहता है।जिस कारण यह वृक्ष जिस जगह पर लगा होता है। वनहा पर सभी कार्य पूर्णतः निर्बाध रूप से सम्पन्न होते है। इसी कारण अशोक वृक्ष भारतीय समाज में काफी प्रांसगिक है। आज मैं आप लोगों को अशोक वृक्ष के विभिन्न उपायों को बता रहा हूँ जिनका उचित रूप में प्रयोग करके अधिक से अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है।
कार्यो में शीघ्र मिलेगी सफलता
1-किसी भी शुद्ध मुर्हूत में अशोक वृक्ष की जड़ को निकाल लें। जड़ को निकाल उसे स्वच्छ जल अथवा गंगा जल से शुद्ध करके। अपने पूजा के स्थल में माँ दुर्गा के मन्त्र से 108 बार जाप करें। इसके बाद इस मूल जड़ को लाल कपड़े या लाल धागें में शरीर पर धारण करने से कार्यो में शीघ्र ही सफलता मिलने लगती है। इसकी मूल जड़ को शुद्ध करके तकिये के अन्दर रखने से वैवाहिक जीवन में परस्पर प्रेम रहता है।
2-अशोक के पेड़ पर यदि प्रतिदिन जल चढ़ाया जाये तो उस गृह में माँ भगवती कृपा विद्यमान रहती है। उस मकान में रोग, शोक, गृह कलेश अशान्ति आदि समस्यायें न के बराबर रहती है। इस पेड़ पर जो जातक नित्य जल अर्पित करता है। उस पर माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती है। प्रत्येक शुक्रवार को अशोक के वृक्ष के नीचे घी एवं कपूर मिश्रित दीपक जलाने से घर में नकारात्मबक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
व्यवसाय में होगा फायदा
3-जो जातक निरन्तर व्यवसाय में हानि उठा रहे एवं उनका व्यवसाय बन्द होने की कगार पर है। वह जातक निम्न प्रयोग करके लाभ प्राप्त कर सकते है। अशोक वृक्ष के बीजों को प्राप्त कर उन्हें स्वच्छ करके धूप व अगरबत्ती दे और आँखे बन्द करके अपनी समस्या से मुक्ति देने की प्रार्थना करें तद्नन्तर इन बीजों में से एक बीज को किसी ताबीज में भरकर अपने गले में धारण कर लें। शेष बीजों को धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को करना अति उत्तम रहेंगा।
4- किसी भी शुभ मुर्हूत में अशोक के पेड़ की जड़ को पूर्व निमन्त्रण देकर निकाल लायें। उस समय आप मौन रहें। घर में लाकर इसे गंगा जल से शुद्ध करके तिजोरी या धन रखने के स्थान रखें। इस प्रकार का उपाय करने से उस घर में धन की स्थिति पहले की अपेक्षा काफी सुदृढ़ हो जाती है।
मंगल ग्रह की पीड़ा से होगी मुक्ति
5- अशोक वृक्ष के फलों को मंगलवार के दिन हनुमान जी को अर्पित करने से मंगल ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है।
6- यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा है। और परिवार के लोग काफी चिन्तित एवं परेशान है। वह लोग यह उपाय कर सकते है। अशोक वृक्ष की जड़ तथा पत्ते प्राप्त कर,उस कन्या के स्नान करने वाले जल में डाल दें। तत्पश्चात उस जल में कान्या स्नान करें। ध्यान रखें कि पत्ते व जड़ जल से बाहर न गिरे। स्नान करने के पश्चात इन पत्तों को परिवार का कोई भी सदस्य पीपल वृक्ष के डाल डाल दे। यह प्रयोग कम से कम 41 दिन तक अवश्य करें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से ही प्रारम्भ करें। ऐसा करने से शीघ्र ही उस कन्या का विवाह निश्चित हो जायेगा।