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Chaturmas: 118 दिन का होगा चातुर्मास, संयमित जीवन से जागृत होगी अंतर्शक्ति

By Gajendra Sharma
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नई दिल्ली, 04 जुलाई। जीवन की भागदौड़ हमेशा बनी रहती है, किंतु इस भागदौड़ के बीच स्वयं के लिए समय कैसे निकालें और संयमित जीवन कैसे जिएं यह किसी को ज्ञात नहीं होता है। हिंदू सनातन धर्म का यह सौंदर्य और वैज्ञानिकता है कियहां जीवन प्रबंधन अच्छे से बताया गया है। जीवन को संयमित करने की सीख मिलती है चातुर्मास में। चातुर्मास वर्षाकाल का समय होता है जब साधु-संत एक स्थान पर रहकर साधनाएं संपन्न करते हैं। जैन धर्म में भी चातुर्मास का विशेष महत्व होता है। निरंतर विहार करते रहने वाले जैन संत-मुनि चातुर्मास में एक स्थान पर ठहर जाते हैं।

Chaturmas: 118 दिन का होगा चातुर्मास, संयमित जीवन से जागृत होगी अंतर्शक्ति

इस वर्ष चातुर्मास आषाढ़ शुक्ल एकादशी 10 जुलाई से कार्तिक शुक्ल एकादशी 4 नवंबर 2022 तक रहेगा। कुल 118 दिन के चातुर्मास में जप, तप, दान-धर्म, मंत्र सिद्धि किए जाते हैं। चातुर्मास में संयमित जीवन जीने से अनेक प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक रूप से भी चातुर्मास विशेष होता है। क्योंकिवर्षाकाल में अनेक प्रकार के रोगजनित कीटाणु वातावरण में पनपते हैं। शरीर की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। पत्तेदार सब्जियों आदि में कीड़े पनपने लगते हैं जो रोगी बना सकते हैं। इसलिए इन दिनों में खानपान का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

चातुर्मास से पूर्व विवाह का आखिरी शुभ मुहूर्त भड़ली नवमी 8 जुलाई कोचातुर्मास से पूर्व विवाह का आखिरी शुभ मुहूर्त भड़ली नवमी 8 जुलाई को

Chaturmas: 118 दिन का होगा चातुर्मास, संयमित जीवन से जागृत होगी अंतर्शक्ति

चातुर्मास में देव आराधना

  • चामुर्मास प्रारंभ होने के बाद आषाढ़ माह के अंतिम पांच दिनों में भगवान वामन की पूजा करना चाहिए।
  • इसके बाद श्रावण माह में भगवान शिव की उपासना विशेष फलदायी कही गई है।
  • श्रावण के बाद भाद्रपद माह में भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की पूजा, स्तोत्र, मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  • आश्विन माह देव कार्य और पितृ कार्य के लिए विशेष होता है। इस माह में देवी की आराधना की जाती है।
  • कार्तिक माह में भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कार्तिक माह में विष्णु भगवान को नित्य तुलसी पत्र अर्पित करना चाहिए।

कैसे रहें संयमित

  • चातुर्मास में संयमित जीवन जीना चाहिए। काम, क्रोध, लोभ, मोह से दूर रहते हुए ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए।
  • चातुर्मास में देव पूजन, भागवत कथा पाठ और श्रवण, रामायण पाठ। अपने गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्र का जाप या विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिए मंत्र जप आदि किए जाते हैं।
  • चातुर्मास में संयमित खानपान किया जाता है। अधिक तीखा, तला- मिर्च-मसाले युक्त भोजन से परहेज किया जाता है।

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English summary
Chaturmas will be of 118 days, read some interesting facts about it in details here.
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