Chandra Grahan2020: जानिए क्या होता हैं उपच्छाया चंद्र ग्रहण, इससे पड़ता है क्या असर
Chandra Grahan2020: जानिए क्या होता हैं उपच्छाया चंद्र ग्रहण, इससे पड़ता है क्या असर
नई दिल्ली। साल 2020 के जून महीने में दो ग्रहण लगने वाले हैं। जून में सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों ही लगेगा। 5 जून 2020 को चंद्र ग्रहण लगेगा, जबकि महीने के अंत में 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण लगेगा। 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई देगा। आइए जानते हैं आखिर ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण क्या होता हैं और ये सामान्य चंद्र ग्रहण से अलग क्यों हैं?
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
उपच्छाया चंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही वापस लौट जाता है। इस स्थिति में चांद पर एक धुंधली सी परत नजर आती है। इस घटना में चांद के आकार पर भी कोई असर नहीं पड़ता है, जबकि वास्तविक चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के आकार में फर्क पड़ता है। इस घटना को नग्न आंखों के द्वारा नहीं देखा जा सकता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है। इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होता है।
इसलिए इसे 'स्ट्राबेरी मून एक्लिप्स' भी कहा जाता हैं
इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण को पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण और 'स्ट्राबेरी मून एक्लिप्स' भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से, जून पूर्णिमा को स्ट्राबेरी मून कहा जाता है, इसलिए, आगामी पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण को कई लोगों द्वारा स्ट्राबेरी मून एक्लिप्स भी कहा जा रहा हैं। एक पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा फेंट के पास से गुज़रता है, पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग, जिसे पेनुम्ब्रा कहा जाता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा डार्क दिखाई देता है और इस प्रकार के ग्रहण को अक्सर लोगों द्वारा सामान्य पूर्णिमा (Full Moon) मान लिया जाता है।
क्यों अशुभ माना होता हैं चंद्र ग्रहण
ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं कहती हैं कि ग्रहण लगना अशुभ होता है। इस दौरान कई तरह के शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया है। खगोल विज्ञान के अनुसार, चंद्र ग्रहण लगने का कारण ये है कि जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य में आ जाती है तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंचता है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं।
इस चंद्रग्रहण को देखना थोड़ा मुश्किल होगा
ऐसा कहा जाता है कि आगामी ‘स्ट्राबेरी मून एक्लिप्स' के दौरान चंद्रमा का लगभग 57 प्रतिशत हिस्सा Earth's penumbra में जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमा को देखना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होगा क्योंकि यह एक प्रथमाक्षर होगा, क्योंकि यह एक चंद्रग्रहण है। स्काई और टेलीस्कोप की एक रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी के पेनम्ब्रा का बाहरी हिस्सा बहुत पीला है, जिसके कारण अधिकांश लोग तब तक कुछ भी नोटिस नहीं कर पाएंगे, जब तक चंद्रमा की धार कम से कम आधे रास्ते में नहीं खिसक जाए। 2020 के अन्य दो पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण 4 जुलाई से 5 जुलाई तक और 29 नवंबर से 30 नवंबर तक होंगे।
भारत में 5 जून को इस समय दिखाई देगा चंद्रग्रहण
बता दें आगामी 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। समय और तिथि के अनुसार, यह चंद्रग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर अगली तारीख 6 जून की रात 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। 12 बजकर 54 मिनट पर पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
साल 2020 में लगने वाला तीसरा चंद्र ग्रहण
इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लग रहा है। इस ग्रहण का समय सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरु होगा और 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। साल का तीसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। 30 नवंबर को साल का आखिरी और चौथा चंद्र ग्रहण लगेगा। इस चंद्र ग्रहण का समय दोपहर 1 बजकर 2 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 5 बजकर 23 मिनट तक प्रारंभ होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
Lunar Eclipse June 2020: जून में लगेंगे ये दो ग्रहण, जानें सही समय और क्या होगा इसका प्रभाव