Chaitra Navratri 2020: चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से, चार बार सर्वार्थसिद्धि और चार बार बना रवियोग
नई दिल्ली। मां भगवती की आराधना-उपासना और शक्ति पूजा का पर्व चैत्र नवरात्रि 25 मार्च 2020, बुधवार से प्रारंभ हो रही है। इसे वासंती नवरात्रि भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिनमें देवी की आराधना, साधना करना जहां विशेष फलदायी रहेगा, वहीं जो लोग जीवन की समस्याओं का समाधान चाहते हैं वे भी इन शुभ दिनों में देवी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि में चार बार सर्वार्थसिद्धि योग
इस बार चैत्र नवरात्रि में चार बार सर्वार्थसिद्धि योग, चार बार रवियोग और एक बार अमृतसिद्धि योब बन रहा है। नौ दिनों में बन रहे ये मंगलकारी संयोग देवी की साधना में विशेश सफलता प्रदान करेंगे। श्रीमद् देवी भागवत व देवी ग्रंथों के अनुसार इतने सारे योग नवरात्रि में बनना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए जो साधक देवी की पूर्ण कृपा पाना चाहते हैं वे इस नवरात्रि में विशेष उपाय अवश्य करें।
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पूरे नौ दिन रहेगी नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि 25 मार्च को घट स्थापना से प्रारंभ होकर 2 अप्रैल को रामनवमी तक है। किसी भी तिथि का क्षय और वृद्धि नहीं होने से नवरात्रि पूरे नौ दिन मनाई जाएगी। रामनवमी के दिन शाम को 7.28 बजे से गुरु पुष्य योग भी बन रहा है।
ये रहेंगे नवरात्रि के विशेष दिन
- 25 मार्च, बुधवार- घट स्थापना, नवरात्रि प्रारंभ, गुड़ी पड़वा, ज्योतिष दिवस
- 26 मार्च, गुरुवार- द्वितीया तिथि, सर्वार्थसिद्धि योग
- 27 मार्च, शुक्रवार- गणगौर तीज, गौरी तृतीया, सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग, पंचक समाप्त
- 28 मार्च, शनिवार- विनायक चतुर्थी, शुक्र वृषभ राशि में, रवियोग
- 29 मार्च, रविवार- लक्ष्मी पंचमी, नागपंचमी, रवियोग
- 30 मार्च, सोमवार- स्कंद षष्ठी, यमुना षष्ठी, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग, रवियोग
- 31 मार्च, मंगलवार- सप्तमी तिथि
- 1 अप्रैल, बुधवार- दुर्गा अष्टमी, भवानी उत्पत्ति, चिंतामन गणेश यात्रा
- 2 अप्रैल, गुरुवार- रामनवमी, नवरात्रि पूर्ण, सर्वार्थसिद्धि योग, शाम को गुरु पुष्य योग
रामनवमी के दिन गुरु पुष्य संयोग
चैत्र नवरात्रि की पूर्णाहुति रामनवमी 2 अप्रैल के दिन गुरुपुष्य योग बन रहा है। हालांकि यह शुभ संयोग गुरुवार को सायं 7 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा। जो 3 अप्रैल को सायं 6.39 बजे तक रहेगा।
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