Chaitra Navratri 2018: नवरात्रि के दिनों में नवग्रहों को ऐसे करें प्रसन्न
नई दिल्ली। परेशानियां प्रत्येक मनुष्य के जीवन में चलती रहती है, किसी को कम तो किसी को ज्यादा। परेशानियों से निकलने के लिए व्यक्ति हर संभव प्रयास करता रहता है। इसके लिए वह अध्यात्म, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र, वास्तु आदि कई तरह के उपाय आजमाता है, लेकिन सही समय पर सही उपाय नहीं करने के कारण उसकी परेशानियां समाप्त नहीं हो पाती। नवग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए वर्ष के कुछ सिद्ध दिन बताए गए हैं, जिनमें नवरात्रि भी है। चैत्र नवरात्रि के दिन सबसे ज्यादा सिद्ध, पवित्र और शीघ्र परिणाम देने वाले होते हैं। यदि आप भी किसी परेशानी से घिरे हुए हैं, कोई भी ग्रह पीड़ा दे रहा हो तो नवरात्रि में प्रत्येक दिन एक-एक ग्रह के निमित्त कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से सभी ग्रह संतुलित होते हैं। आइये जानते हैं किस दिन किस ग्रह के निमित्त दान करें। इस बार नवरात्रि आठ दिन की है।
चैत्र नवरात्रि
- पहला दिन, रविवार: चैत्र नवरात्रि रविवार से प्रारंभ हो रही है, इसलिए पहले दिन सूर्यदेव के निमित्त दान करें। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गेहूं, गुड़, कमल पुष्प, लाल चंदन, लाल कपड़े, तांबा, केसर में से कोई भी दो वस्तु किसी योग्य ब्राह्मण को या सूर्य मंदिर में दान करें।
- दूसरा दिन, सोमवार: इस दिन चंद्र देव की पीड़ा दूर करने के लिए चावल, शक्कर, सफेद वस्त्र, श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प, घी, दही, कपूर में से कोई भी दो वस्तुओं का दान शिव मंदिर में करें। कुंडली में स्थित कमजोर चंद्र को मजबूती मिलती है।
- तीसरा दिन, मंगलवार: इस दिन मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए मसूर की दाल, गुड़, रक्त चंदन, रक्त वस्त्र, रक्त पुष्प, तांबा, केसर में से कोई भी दो वस्तुओं का दान किसी हनुमान मंदिर में करें। इससे मंगल ग्रह की पीड़ा दूर होती है।
- चौथा दिन, बुधवार: बुध कमजोर हो तो व्यक्ति के जीवन में सफलता नहीं मिलती। प्रसन्न करने के लिए कांसे का पात्र, हरे कपड़े, सभी तरह के पुष्प, कपूर, शंख, कई तरह के फल और भोजन में से अपनी सामर्थ्य के अनुसार गणेश मंदिर में दान करें।
- पाचवां दिन, गुरुवार: बृहस्पति कमजोर हो तो व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में कठिनाइयां आती हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए पीली दालें, पीले वस्त्र, घी, पीले फूल, पीले फल, हल्दी, धार्मिक पुस्तके, नमक, शक्कर, छाते का दान किसी गरीब परिवार को करें।
- छठा दिन, शुक्रवार: शुक्रवार माता लक्ष्मी का दिन है। कुंडली में शुक्र पीड़ित होने पर व्यक्ति भौतिक सुखों से वंचित रहता है। शुक्र के निमित्त चावल, मिश्री, शक्कर, श्वेत वस्त्र, श्वेत पुष्प महालक्ष्मी मंदिर में या किसी गरीब कन्या को दान करें।
- सातवां दिन, शनिवार: शनिदेव की पीड़ा दूर करने के लिए तिल, तिल का तेल, लोहे का बर्तन, काले वस्त्र, काले उड़द में से अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान शनि मंदिर में करें। शनिवार के दिन राहु-केतु के निमित्त भी वस्तुएं दान कर सकते हैं। राहु के लिए सात तरह के अनाज, नीले कपड़े, तिल, तेल, कंबल का दान करें। केतु के निमित्त उड़द, तिल, तेल, लोहा दान करें।
- आठवां दिन रविवार: इस बार नवरात्रि आठ दिन की है, इसलिए रविवार को नवरात्रि का अंतिम दिन है। यदि उपरोक्त दिनों में किसी भी ग्रह से संबंधित वस्तुएं दान नहीं कर पाए हैं तो नवरात्रि के अंतिम दिन सभी ग्रहों के निमित्त दान किया जा सकता है। क्योंकि यह नवरात्रि की पूर्णाहुति का दिन है।
बुध कमजोर हो तो
शुक्रवार माता लक्ष्मी का दिन
शनिदेव की पीड़ा दूर करने के लिए तिल...
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