Cardamom (Elaaichi) Benefits: इलायची से होगी कार्य सिद्धि
लखनऊ। दुर्गन्ध नाशक, सुपाच्य, वायुनाशक, हरे-पीले रंग में पाई जानी वाली इलायची गुणों का खजाना है। इसे सात्विक, तामसिक व राजसिक तीनों कार्यो में प्रयोगा किया जाता है। इलायची और भी बहुत सारी बाधाओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होती है। आईये जानते है कि इलायची का प्रयोग कहां-कहां करना चाहिए।
कार्य सिद्धि-यदि आपको कोई कार्य सिद्धि करनी है तो बुधवार के दिन पाॅच इलायची गणेश जी को पहले अर्पित करें फिर वही इलायची अपने पास रख लें। ऐसा करने से कार्य में सफलता मिलती है।
पति का प्यार पाने के लिए
यदि किसी स्त्री का पति उसके वश में नहीं या फिर उसे प्यार नहीं करता है तो शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को 3 इलायची लेकर पत्नी अपने शरीर के ऐसे स्थान पर रखें जॅहा से पसीना आता हो उसके बाद शनिवार को वही इलायची को पति को खिला दें। यह उपाय लगातार 5 शुक्रवार करने से पति अपनी पत्नी से प्रेम करने लगता है।
धन लाभ के लिए
चुटकी भर हींग अपने उपर से उतारकर उत्तर दिशा में फेंक दें। प्रातः काल तीन इलायची को दाॅये हाथ में लेकर ‘‘श्री'' बोल कर खा लें उसके बार घर से निकले। ऐसा लगातार एक महीने तक करने से आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगती है।
परीक्षा में सफलता हेतु
किसी शुभ मुहूर्त से गुरूवार को 5 मिठाई व 2 इलायची लेकर पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें। ऐसा लगातार 7 गुरूवार करें और साथ में सरस्वती मन्त्र का जाप करें तो निश्चित तौर पर परीक्षा में सफलता मिलेगी।
शीघ्र विवाह हेतु
- सरदर्द व कम दिखना- इलायची पीसकर सर पर लेप करने से सरदर्द ठीक हो जाता है। एक इलायची के बीज, 3 बादाम व मिश्री के खाने से आॅखों की रोशनी बढ़ती है।
- शीघ्र विवाह हेतु- शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार की शाम को 5 प्रकार की मिठाई, हरी इलायची का जोड़ा पीपल के पेड़ पर चढ़ायें और साथ में शुद्ध देशी घी का दीपक जलायें। ये उपाय कम से 12 गुरूवार लगातार करने से शीघ्र विवाह होता है।
- जी मिचलाना, ज्वर व बवासीर- इलायची मुंह में रखने से जी नहीं मिचलाता है, 2-3 इलायची खाने से हिचकियाॅ बन्द हो जाती है। इलायची का चुर्ण काली मिर्च के चूर्ण के साथा खाने से ज्वर ठीक हो जाता है और तीन इलायची को रात में भिगो दें उसके बाद सुबह उसका सारा पीनें पी लेने बवासीर रोग में लाभ होता है।
- व्यवसाय की प्रगति हेतु-बुधवार को एक पीली कौड़ी, दस लौंग, दस इलायची एवं दो चुटकी व्यवसाय स्थल की धूल लेकर इन सभी को जलाकर राख बना लें फिर एक डंठल वाला पान लेकर उस पर एक ताॅबें का टुकड़ा व राख रखकर पानी में बहा दें और गणेश जी को चोला व लडडू चढ़ायें। ऐसा करने व्यापार में प्रगति होने लगती है।
व्यवसाय की प्रगति हेतु