धन, बुद्धि, पद, सम्मान दिलवाता है बुधादित्य योग
वैदिक ज्योतिष के शुभ योगों में बुधादित्य योग की चर्चा सर्वाधिक सुनने में आती है। ज्योतिषीय परिभाषा के अनुसार जब किसी जातक की जन्मकुंडली में सूर्य और बुध एक ही घर में बैठे हों तो इसे संयुक्त रूप से बुधादित्य योग कहा जाता है। इस शुभ योग के प्रभाव से जातक अत्यंत बुद्धिमान, चतुर होता है। उसके जीवन में धन संपदा की कोई कमी नहीं रहती और वह पद-प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करता है। लेकिन इसके लिए जरूरत है अन्य ग्रह जैसे बृहस्पति, शुक्र आदि भी शुभ स्थिति में हो। बुधादित्य योग का प्रभाव कुंडली के अलग-अलग भावों में अलग-अलग मिलता है। आइए जानते हैं कुंडली के किस घर में बुधादित्य योग बनने का क्या प्रभाव मिलता है।
1. जन्म कुंडली के लग्न स्थान यानी प्रथम भाव में बुधादित्य योग बने तो जातक को मान-सम्मान, प्रत्येक क्षेत्र में प्रसिद्धि मिलती है। ऐसा जातक बिजनेस में पूर्ण सफल होता है और शारीरिक रूप से मजबूत और आकर्षक होता है।
2.
कुंडली
के
दूसरे
स्थान
में
बुधादित्य
योग
बनने
से
जातक
धनवान
होता
है।
वह
जिस
काम
में
हाथ
डालता
है
उसमें
सफल
होता
है
और
वहां
से
धन
अर्जित
करता
है।
ऐसा
जातक
ऐश्वर्यशाली,
सुखी
होता
है।
3.
कुंडली
के
तीसरे
स्थान
में
बनने
वाला
बुधादित्य
योग
जातक
को
क्रिएटिव
बनाता
है।
ऐसा
व्यक्ति
कला,
संस्कृति,
रचनाकर्म
से
धन
और
सम्मान
प्रतिष्ठा
हासिल
करता
है।
ऐसा
जातक
साहसी
होता
है
और
शत्रुओं
का
दमन
करता
है।
4.
चौथे
स्थान
में
बुधादित्य
योग
बने
तो
जातक
पूर्ण
सुखी
जीवन
व्यतीत
करता
है।
ऐसा
जातक
जीवन
में
समस्त
प्रकार
से
सुख
भोगता
है।
लग्जरी
जीवन
जीता
है
और
मानसिक
रूप
से
मजबूत
होता
है।
5.
पांचवे
स्थान
में
बुधादित्य
योग
होने
पर
जातक
में
जबर्दस्त
नेतृत्व
क्षमता
होती
है।
ऐसा
व्यक्ति
राजनीति
में
उच्चता
हासिल
करता
है।
सरकारी
नौकरी
में
हो
तो
बड़ा
पद
हासिल
करता
है।
धर्म-अध्यात्म
में
उच्च
शिखर
पर
आसीन
होता
है।
6.
छठे
स्थान
में
बुधादित्य
योग
होने
पर
जातक
अपने
कार्यों
से
खूब
धन
और
ख्याति
अर्जित
करता
है।
ऐसा
व्यक्ति
बड़ा
ज्योतिषी,
चिकित्सक,
जज
आदि
बनता
है।
ऐसे
जातक
के
जीवन
में
रोग
नहीं
आते
हैं।
7.
सातवें
स्थान
में
बुधादित्य
योग
हो
तो
जातक
का
वैवाहिक
जीवन
सुखद
होता
है।
जातक
प्रेम
संबंधों
के
मामले
में
अमीर
होता
है।
जीवनसाथी
की
किस्मत
भी
ऐसे
जातक
के
साथ
जुड़
जाती
है।
8.
कुंडली
के
आठवें
स्थान
में
बुधादित्य
योग
बनने
से
जातक
को
पैतृक
संपत्ति
प्राप्त
होती
है
और
कई
बार
तो
ऐसी
जगह
से
धन
प्राप्त
हो
जाता
है
जहां
से
पैसा
मिलने
की
उम्मीद
नहीं
रहती।
9.
नौवें
स्थान
का
बुधादित्य
योग
जातक
को
देश-दुनिया
में
ख्याति
अर्जित
करवाता
है।
ऐसा
जातक
बड़ा
संत,
आध्यात्मिक
व्यक्ति
बनता
है।
यदि
जातक
आध्यात्मिक
मार्ग
पर
न
जाए
तो
सरकार
में
मंत्री
पद
हासिल
करता
है।
10.
दसवें
स्थान
में
बना
हुआ
बुधादित्य
योग
जातक
को
बिजनेस
में
खूब
सफलता
दिलवाता
है।
जातक
बड़ा
बिजनेसमैन
बनता
है।
देश-विदेश
में
व्यापारिक
संबंध
स्थापित
करता
है।
11.
11वें
स्थान
में
बना
बुधादित्य
योग
जातक
को
प्रत्येक
क्षेत्र
से
धन
प्रदान
करता
है।
जो
कार्य
करता
है
उसमें
सफल
होता
है।
सरकारी
या
निजी
क्षेत्र
की
नौकरी
में
बड़ा
पद
हासिल
करता
है।
12.
12वें
स्थान
में
बना
हुआ
बुधादित्य
योग
जातक
को
विदेशों
में
व्यापार
करवाता
है
और
अतुलनीय
धन
संपदा
का
मालिक
बनाता
है।
ऐसे
जातक
का
वैवाहिक
जीवन
पूर्ण
सुखी
होता
है
और
समस्त
सुखों
का
भोग
करता
है।
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