Holika Dahan 2018: होलिका दहन पर भद्रा का साया, फिर भी इस बार शुभ है होली...
नई दिल्ली। आज होलिका दहन है, आज सुबह 8 बजे से पूर्णिमा तिथि लग गई है लेकिन आज भद्रा भी लगा है इसलिए होलिका दहन भद्राकाल के खत्म होने के बाद ही होगा। भद्राकाल में कोई भी शुभ काम नहीं होता है कहते हैं इस दौरान किया गया कोई भी काम विनाश का कारण बनता है। आज भद्राकाल शाम 6:58 बजे के बाद ही खत्म होगा। ऐसे में शाम सात बजे के बाद ही होलिका दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त है। ये लगभग 22 घंटों तक रहेगा। होलिका दहन के साथ ही रंग वाली होली शुरू हो जाएगी, जो शुक्रवार को दोपहर तक जारी रहेगी।
कौन है भद्रा
पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी कड़क बताया गया है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया। भद्रा की स्थिति में कोई भी अच्छा काम नहीं होता लेकिन भद्रा काल में तंत्र कार्य, अदालती और राजनीतिक चुनाव कार्य के अच्छा होता है।
इस बार की होली है बेहद शुभ
होलिका दहन के लिए तीन चीजों का एक साथ होना बहुत ही शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि हो, प्रदोष काल हो और भद्रा ना लगा हो। इस साल होलिका दहन पर ये तीनों संयोग बन रहे हैं इसलिए होली आनंददायक और शुभ रहेगी।
होलिका दहन की पूजन विधि
होली में आग लगाने से पूर्व होली का पूजन करने का विधान है। जातक को पूजा करते वक्त पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
आस्था के साथ करना चाहिए पूजन
पूजन करने के लिए माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेंहू की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना चाहिए और उसके बाद होलिका के चारों ओर परिक्रमा करनी चाहिए।
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